मेल कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स बेअसर होने के पीछे ये हैं वजह
Reasons why can’t men take birth control pills: क्या आपके मन में भी कभी ये प्रश्न आता है कि आखिर क्यों जो कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स स्त्रियों को गर्भधारण करने से बचने के लिए यूज की जाती हैं वहीं पुरूषों के लिए कैसे बेअसर हो जाती हैं? या फिर क्या वाकई कोई ऐसी गर्भ निरोधक गोली बनी है, जिसका सेवन मर्दों के करने से महिलाएं गर्भधारण नहीं कर पाती हैं? आज की युवा पीढ़ी के मन को परेशान करने वाले ऐसे ही कुछ प्रश्नों के ठीक उत्तर देकर उन्हें यौन सतर्क बनाने के लिए हर वर्ष पूरे विश्व में 26 सितंबर को विश्व गर्भनिरोधक दिवस (World Contraception Day) मनाया जाता है। इस खास दिन को मनाने के पीछे का उद्धेश्य वर्तमान समय में युवा पीढ़ी को यौन सतर्क बनाना है। आइए इस खास मौके पर जानते हैं स्त्रियों की तरह आखिर मर्द क्यों नहीं ले सकते गर्भनिरोधक गोलियां।

सीके बिड़ला अस्पताल, (दिल्ली) से प्रसूति एवं महिला बीमारी जानकार डाक्टर निवेदिता कौल कहती हैं कि महिलाएं गर्भधारण को रोकने के लिए गर्भ निरोधक गोली लंबे समय से लेती रही हैं और ले भी सकती हैं। जबकि वर्तमान समय में अभी तक मर्दों के लिए कोई भी भी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स अपरूप नहीं है। हालांकि बात यदि मेल कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स की करें तो इस विषय पर कई रिसर्च अभी जारी हैं और कुछ और अभी की जानी बाकी है।
मेल कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स बेअसर होने के पीछे ये हैं वजह-
पुरुषों में शुक्राणु का उत्पादन लगातार होता रहता है। पुरुष हर रोज लाखों स्पर्म बनाते हैं। ऐसे में जब कोई पुरुष किसी स्त्री के साथ संबंध बनाता है तो उस समय एक इजेकुलेशन में लगभग 50 लाख स्पर्म होते हैं। ऐसे में इजेकुलेशन के दौरान निकले पुरुष के 50 लाख स्पर्म में से हर एक स्पर्म को रोक पाना कि वो फीमेल एग को फर्टिलाइज नहीं कर सके, यो थोड़ा कठिन काम होता है। लेकिन बात यदि स्त्रियों की करें तो एक स्त्री के शरीर में महीने में केवल एक ही एग बनता है।
दूसरा, पुरुष गर्भनिरोधक दवाओं का इतिहास लंबा और थकाऊ भी है। मेल कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स के असरदार बने रहने के लिए उसे लगातार पहले दो महिने लेने की आवश्यकता होती है, उसके बाद भी नियम से लेने की आवश्यकता पड़ती है।
इन दो कारणों की वजह से अभी तक बाजार में कोई भी अच्छा मेल कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स मर्दों को नहीं मिल पाया है। हालांकि अभी इस विषय पर अभी भी डॉक्टर्स की रिसर्च जारी है।
क्या कहते हैं शोध-
बता दें, शेफील्ड यूनिवर्सिटी के एंड्रोलॉजी प्रोफेसर एलन पेसी के अनुसार अभी तक किसी न किसी वजह से किसी भी पुरुष गर्भनिरोधक का व्यवसायिक उत्पादन प्रारम्भ नहीं किया जा सका है। पेसी के मुताबिक ‘अब तक जितने परीक्षण हुए हैं उनमें इंजेक्शन या इम्पलांट के जरिए टेस्टोस्टेरोन हार्मोन से छेड़छाड़ की जाती थी ताकि शुक्राणु न बन सकें। लेकिन ये तकनीक रूटीन इस्तेमाल में नहीं आ सकी। इसलिए ऐसी दवा की आवश्यकता है जो हार्मोन पर निर्भर न हो’।

