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इस दिन सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए करती अपने पति की लंबी दीर्घायु की पूजा

  अयोध्या: जिस तरह सावन के प्रत्येक सोमवार को शिव भक्त ईश्वर शंकर को प्रसन्न करने के लिए अनेक प्रकार के तरीका करते हैं. ठीक उसी तरह सावन माह के प्रत्येक मंगलवार के दिन माता पार्वती की भी विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना की जाती है. सावन माह के प्रत्येक मंगलवार को मंगला गौरी का व्रत रखा जाता है.

मान्यता के अनुसार इस दिन देवाधिदेव महादेव और माता पार्वती की पूजा आराधना करने का विधान है. इस दिन सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए अपने पति की लंबी दीर्घायु के लिए माता पार्वती की पूजा करती हैं और व्रत रखती है. अयोध्या के मशहूर ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि सावन के प्रत्येक मंगलवार के दिन मंगला गौरी का व्रत रखने का विधान है. इस दिन कुछ तरीका करने से मंगल ग्रह में स्थिति मजबूत होती है मंगल गुनाह से मुक्ति मिलती है.

क्या है मंगला गौरी व्रत का महत्व
मंगला गौरी व्रत पर सुहागिन महिलाएं अपनी पति की लंबी उम्र संतान प्राप्ति के लिए एक तरफ जहां व्रत रखती हैं. तो वहीं दूसरी तरफ कुंवारी कन्याएं अच्छा भर पानी के लिए मंगला गौरी का व्रत रखते हैं. इस दिन माता पार्वती की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति भी हो जाती है. आने वाली सभी बाधाएं समाप्त होने लगती है.

जानिए व्रत का लाभ
मंगला गौरी का व्रत रखने से अखंड सौभाग्य संतान सुख दांपत्य जीवन में आशीर्वाद मिलता है. कुंडली में यदि मंगल ग्रह की स्थिति ठीक नहीं है. तो इस व्रत को रखने से उससे मुक्ति मिलेगी मंगला गौरी व्रत के दिन मंगल ग्रह की वजह से कुंडली में आ रही अर्चना से निपटने के लिए इस दिन कुछ विशेष तरीका भी करने चाहिए.

मंगल ग्रह की स्थिति
अगर आप मंगल ग्रह से परेशान और आपकी कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति ठीक नहीं है. तो मंगला गौरी व्रत के दिन पूजा आराधना करने के बाद गरीब और सहायक लोगों को मसूर के दाल और लाल वस्त्र का दान करना चाहिए. यदि आप इस दिन ऐसा करते हैं तो कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति मजबूत होगी.

भगवान शिव को प्रसन्न करने के उपाय
सावन के प्रत्येक सोमवार को जहां शिव भक्त ईश्वर शिव को प्रसन्न करने के लिए अनेक प्रकार के तरीका करते हैं. वहीं प्रत्येक मंगलवार को रामचरितमानस के सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए यदि ऐसा करते हैं. तो हनुमान जी जल्द प्रसन्न होते हैं. इसके साथ ही मंगल गुनाह से भी मुक्ति मिलती है.

 

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