भारत की इन 5 जगहों पर बिना कपड़े 10 सेंकेंड भी नहीं जी सकता है कोई
सियाचिन ग्लेशियर हिंदुस्तान के सबसे ठंडे स्थानों में से एक है। यह काराकोरम रेंज में उपस्थित है और दुनिया का सबसे ऊंचा ग्लेशियर है। सियाचिन ग्लेशियर की ऊंचाई 5,753 मीटर है। यह हिंदुस्तान और पाक के बीच एक विवादित स्थल है। सियाचिन ग्लेशियर का तापमान -26 डिग्री सेल्सियस है। और यहां बर्फबारी अधिक होती है। सियाचिन ग्लेशियर पर इंडियन आर्मी भी तैनात है। अत्यधिक ठंड से निपटने के लिए सेना के जवान विशेष कपड़ों और उपकरणों का इस्तेमाल करते हैं।सेला पास हिंदुस्तान के दूसरे सबसे ठंडे स्थानों में आता है। ये अरुणाचल प्रदेश में उपस्थित है और बर्फ से ढका एक ऊंचा दर्रा है। सेला पास की ऊंचाई करीबन 4,400 मीटर है। सेला पास का तापमान -14 डिग्री सेल्सियस रहता है। यहां बर्फबारी भी काफी अधिक आम है। बता दें, ये एक महत्वपूर्ण व्यापार मार्ग भी है। बता दें, ये रास्ता हिंदुस्तान और तिब्बत को जोड़ता है।ये स्थान हिंदुस्तान के तीसरे और चौथे सबसे ठंडे जगह पर आती है। ये दोनों घाटियां सिक्किम में उपस्थित हैं और हिमालय पर्वत से घिरी हैं। लाचेन घाटी की ऊंचाई 2,500 मीटर है। थांगू घाटी की ऊंचाई 3000 मीटर है। लाचेन घाटी और थांगू घाटी का तापमान -9 डिग्री सेल्सियस के आसपास या कभी-कभी इससे भी कम रहता है। यहां बर्फबारी भी आम ही देखने को मिलती है। ये घाटियां अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए मशहूर है।लेह हिंदुस्तान की पांचवी सबसे ठंडी स्थान है। ये लद्दाख की राजधानी है और हिमालय पर्वतों से घिरी है। लेह की ऊंचाई 3,500 मीटर है। लेह का तापमान आज -14 डिग्री सेल्सियस है। यहां बर्फबारी भी काफी अधिक आम है। लेह एक ऐतिहासिक शहर है और अपनी बौद्ध संस्कृति के लिए फेमस है।मुंसियारी उत्तराखंड में उपस्थित एक छोटा शहर है। ये समुद्र तल से 2,500 मीटर की ऊंचाई पर उपस्थित है। मुंसियारी का तापमान -2 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला जाता है। यहां बर्फबारी भी काफी आम है। मुंसियारी भी किसी खूबसूरत स्थान से कम नहीं है।