Mosquitoes Favorite Blood Group Facts: जानें किस ब्लड ग्रुप के पीछे हाथ धोकर पड़ जाते हैं मच्छर…
Mosquitoes Favorite Blood Group Facts: अक्सर आपने देखा होगा कि एक ही कमरे में बैठे कई लोगों में से कुछ को मच्छर बहुत ज्यादा काटते हैं, जबकि कुछ को बिल्कुल भी नहीं। विज्ञान की मानें तो यह महज इत्तेफाक नहीं है। अलग-अलग इंसानी शरीरों में बहने वाले आठ तरह के रक्त समूहों (A+, A-, B+, B-, O+, O-, AB+, AB-) में से मच्छर एक खास ग्रुप के प्रति (Human Blood Group Types) सबसे ज्यादा आकर्षित होते हैं। शोध बताते हैं कि ‘O’ ब्लड ग्रुप वाले लोग मच्छरों के सबसे पसंदीदा शिकार होते हैं। अगर आपका ब्लड ग्रुप O+ या O- है, तो आपको दूसरों के मुकाबले मच्छरों के काटने का खतरा लगभग दोगुना होता है।
आखिर क्यों O-ग्रुप वालों का खून ही भाता है मच्छरों को?
मच्छरों के इस खास आकर्षण के पीछे एक गहरा जैविक कारण छिपा है। दरअसल, ‘O’ ब्लड ग्रुप वाले लोगों की त्वचा से कुछ खास तरह के रासायनिक संकेत या शुगर सीक्रेशन (Chemical Attraction Factors) निकलते हैं, जिन्हें मच्छर अपनी संवेदी इंद्रियों से आसानी से पहचान लेते हैं। मच्छरों के लिए ये संकेत एक ‘न्योते’ की तरह काम करते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस ब्लड ग्रुप के लोगों के शरीर से निकलने वाली गंध मच्छरों को अधिक पौष्टिक और स्वादिष्ट महसूस होती है, जिसके चलते वे झुंड बनाकर इसी ग्रुप के लोगों पर हमला करते हैं।
पसीने की गंध और शरीर का बढ़ता तापमान
केवल ब्लड ग्रुप ही मच्छरों को दावत नहीं देता, बल्कि आपके शरीर की भौतिक स्थिति भी इसमें बड़ी भूमिका निभाती है। जब हम कड़ी मेहनत करते हैं या व्यायाम करते हैं, तो हमारे शरीर से लैक्टिक एसिड और अमोनिया जैसे तत्व पसीने (Body Odor and Sweat) के जरिए बाहर निकलते हैं। मच्छरों की सूंघने की शक्ति बहुत तीव्र होती है और वे पसीने की गंध से प्रभावित होकर व्यक्ति की ओर खिंचे चले आते हैं। इसके अलावा, जिन लोगों के शरीर का तापमान सामान्य से थोड़ा अधिक रहता है, वे भी इन नन्हे शिकारियों के निशाने पर ज्यादा रहते हैं।
कार्बन डाइऑक्साइड: मच्छरों का जीपीएस सिग्नल
मच्छर अपने शिकार को खोजने के लिए कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) का इस्तेमाल एक राडार की तरह करते हैं। हम जितनी ज्यादा मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ते हैं, मच्छरों के लिए हमें ढूंढना (Carbon Dioxide Emission) उतना ही आसान हो जाता है। यही कारण है कि भारी शरीर वाले लोग या गर्भवती महिलाएं, जो सामान्य से अधिक CO2 छोड़ती हैं, मच्छरों को दूर से ही अपनी मौजूदगी का अहसास करा देती हैं। मच्छर लगभग 30 से 50 फीट की दूरी से ही यह भांप लेते हैं कि उनका शिकार कहाँ मौजूद है।
कपड़ों का रंग और आपका विजुअल आकर्षण
हैरानी की बात यह है कि मच्छरों की पसंद केवल आपकी गंध या खून तक सीमित नहीं है, बल्कि वे रंगों के प्रति भी संवेदनशील होते हैं। अगर आप गहरे रंग के कपड़े, जैसे काला, गहरा नीला या लाल पहनते हैं, तो मच्छरों (Clothing Color Preferences) की नजर आप पर जल्दी पड़ती है। ये शिकारी कीड़े गहरे रंगों को आसानी से देख पाते हैं और विजुअल संकेतों के आधार पर आपकी ओर बढ़ते हैं। इसलिए सर्दियों या शाम के समय हल्के रंगों के कपड़े पहनने की सलाह दी जाती है ताकि मच्छरों की नजरों से बचा जा सके।
त्वचा पर मौजूद बैक्टीरिया का अनोखा संसार
हमारी त्वचा पर लाखों की संख्या में सूक्ष्म बैक्टीरिया रहते हैं, जो शरीर की गंध को निर्धारित करते हैं। शोधकर्ताओं ने पाया है कि जिन लोगों की त्वचा पर बैक्टीरिया की कुछ खास प्रजातियां (Skin Microbiome Impact) अधिक मात्रा में होती हैं, मच्छर उनसे दूर भागते हैं। वहीं दूसरी ओर, बैक्टीरिया का एक खास संतुलन मच्छरों को आकर्षित करने वाला ‘परफ्यूम’ तैयार कर देता है। यही वजह है कि कुछ लोगों को मच्छर पैरों और टखनों के पास ज्यादा काटते हैं, क्योंकि वहाँ बैक्टीरिया का घनत्व अधिक होता है।
क्या डाइट का भी पड़ता है मच्छरों पर असर?
अक्सर लोग कहते हैं कि ज्यादा मीठा या केला खाने से मच्छर ज्यादा काटते हैं, हालांकि विज्ञान ने अभी तक इसके ठोस प्रमाण नहीं दिए हैं। फिर भी, शराब या बीयर का सेवन करने के बाद (Dietary Habits and Mosquitoes) मच्छर व्यक्ति की ओर ज्यादा आकर्षित होते पाए गए हैं। इसका कारण यह हो सकता है कि शराब के सेवन के बाद शरीर का तापमान बढ़ जाता है और पसीने की संरचना में बदलाव आता है, जो मच्छरों को अपनी ओर खींचने के लिए पर्याप्त होता है।
बचाव ही है सबसे बड़ा समाधान
चाहे आपका ब्लड ग्रुप कोई भी हो, मच्छरों से होने वाली बीमारियों जैसे डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया से बचना बेहद जरूरी है। इसके लिए शाम के समय पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें और (Mosquito Protection Methods) मच्छरदानी या रिपेलेंट्स का इस्तेमाल करें। अपने आस-पास पानी जमा न होने दें, क्योंकि ठहरे हुए पानी में ही मच्छर अपने अंडे देते हैं। अपनी जीवनशैली और साफ-सफाई में छोटे बदलाव करके आप इन खतरनाक शिकारियों के हमले से खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं।