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भारतीय नौसेना में विभिन्न पदों पर 10 हजार से अधिक नाविक और अधिकारियों के पद है रिक्त

नई दिल्ली भारतीय नौसेना में विभिन्न पदों पर 10 हजार से अधिक नाविक और ऑफिसरों के पद रिक्त हैं लोकसभा के समक्ष रखी गई है जानकारी में कहा गया कि इस साल 31 अक्टूबर तक नौसेना में 9,119 नाविकों के पद खाली थे यदि नौसेना के ऑफिसरों की बात की जाए तो यहां 1,777 अफसरों के पद रिक्त हैं यानी नौसेना में कुल 10,896 ऑफिसरों और नविकों की कमी है

शुक्रवार को रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने लोकसभा में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए यह जानकारी पेश की उन्होंने बोला कि साल 2021 में कुल 323 ऑफिसरों की भर्ती हुई जबकि 2022 में 386 ऑफिसरों की नियुक्ति की गई थी नाविकों की संख्या का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 2021 में 5,547 और 2022 में 5,171 नाविकों की भर्ती हुई थी वहीं भारतीय नौसेना के लिए एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वॉटर क्राफ्ट परियोजना से जुड़े दो जहाज के निर्माण का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है ये जहाज सेंसर से लैस होंगे

नौसेना के ये जहाज पनडुब्बी रोधी अभियानों और खदान बिछाने में इस्तेमाल किए जाएंगे रक्षा मंत्रालय के अनुसार एंटी-सबमरीन श्रेणी के ये नौसेनिक जहाज बीवाई 526, मालपे और बीवाई 527, मुल्की हैं शुक्रवार को जहाज के निचले तल की ढलाई का कार्यक्रम रखा गया, जिसमें दक्षिणी नौसेना के चीफ ऑफ स्टाफ रियर एडमिरल जसविंदर सिंह और एनएसआरवाई (केओसी) के एडमिरल सुपरिंटेंडेंट रियर एडमिरल सुबीर मुखर्जी शामिल रहे

नौसेना के यह जरूरी जहाज कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड की सहायता से तैयार किया जा रहे हैं रक्षा मंत्रालय और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड के बीच 30 अप्रैल 2019 को आठ एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी जहाजों के निर्माण के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे माहे श्रेणी के ये जहाज स्वदेशी रूप से विकसित अत्याधुनिक पानी के नीचे सेंसर से लैस होंगे और इसे तटीय जल में पनडुब्बी रोधी अभियानों के साथ-साथ कम तीव्रता के समुद्री संचालन (एलआईएमओ) तथा खदान बिछाने के काम के लिए तैयार किया गया है

रक्षा मंत्रालय का बोलना है कि परियोजना के पहले जहाज की डिलीवरी 2024 में करने की योजना है इन एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी जहाजों पर उच्च स्वदेशी सामग्री भारतीय मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों द्वारा बड़े पैमाने पर रक्षा उत्पादन सुनिश्चित करेगी, जिससे राष्ट्र के भीतर रोजगार और क्षमता में वृद्धि होगी

रक्षा मंत्रालय के अनुसार स्वदेशी निर्माताओं से प्राप्त सभी प्रमुख और सहायक उपकरणों के साथ ये जहाज आत्मनिर्भर हिंदुस्तान पहल के गौरवशाली ध्वजवाहक हैं 30 नवंबर 23 को सीएसएल में पहले तीन एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी जहाजों के लॉन्च के बाद यह कार्यक्रम भारतीय शिपयार्ड की ‘मेक इन इंडिया’ क्षमता को दिखाता है

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