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MBBS : एनएमसी ने एमबीबीएस पासिंग मार्क्स को घटाकर 40 प्रतिशत करने के फैसले को लिया वापस

नेशनल मेडिकल कमिशन ( एनएमसी ) ने दो पेपरों वाले एमबीबीएस विषयों में पासिंग मार्क्स को घटाकर 40 फीसदी करने के निर्णय को वापस ले लिया है आयोग ने बोला है कि करिकुलम बेस्ड मेडिकल एजुकेशन (सीबीएमई) गाइडलाइंस में संशोधन संभव नहीं है एनएमसी ने सीबीएमई गाइडलाइंस में संशोधन की अधिसूचना सितंबर माह में जारी की थी संशोधन के अनुसार एमबीबीएस में दो पेपरों वाले विषयों में पासिंग मार्क्स 50 फीसदी से घटाकर 40 प्रतिशत कर दिया गया था संशोधन में बोला गया, “दो पेपरों वाले विषयों में पास होने के लिए विद्यार्थी को कुल मिलाकर (दोनों पेपर एक साथ) न्यूनतम 40 प्रतिशत अंक प्राप्त करने होंगे

इसी हफ्ते जारी नए नोटिस में आयोग ने नए संशोधन का जिक्र करते हुए बोला ”इस विषय पर गहन विचार के बाद यह फैसला लिया गया है कि इस संबंध में पूर्वव्यापी असर संभव नहीं है

एनएमसी ने सीबीएमई गाइडलाइंस 2023 को 1 अगस्त को अधिसूचित किया था गाइडलाइंस में एमबीबीएस करिकुलम, एडमिशन प्रक्रिया और एकेडमिक कैलेंडर के नए नियमों का जिक्र किया गया था

पहले एमबीबीएस में किसी एक संबंध में पास होने के लिए स्टूडेंट को यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित परीक्षा में थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों में भिन्न-भिन्न 50 प्रतिशत मार्क्स लाने होते थे लेकिन संशोधन के बाद एमबीबीएस स्टूडेंट्स को 50 फीसदी एग्रीगेट मार्क्स हासिल करने होते हैं प्रैक्टिकल और थ्योरी का अनुपात यूनिवर्सिटी एग्जाम में 60:40 या 40:60 होना चाहिए

एमबीबीएस की पढ़ाई में अगले वर्ष से बहुत सारे परिवर्तन
2024-29 बैच से एमएमबीबीएस में प्रवेश लेने वाले एमबीबीएस विद्यार्थियों को पढ़ाई में परिवर्तनों का सामना करना पड़ेगा एनएमसी (नेशनल मेडिकल काउंसिल) ने एमबीबीएस की पढ़ाई को लेकर नयी गाइडलाइन जारी की है इसके अनुसार अब एमबीबीएस में 24 के बजाय 21 विषयों की पढ़ाई होगी इस के अनुसार टीबी एंड चेस्ट, पीएमआर और आपातकालीन मेडिसिन विषय को खत्म कर दिया गया है

अधिकतम 10 सालों में एमबीबीएस करना होगा पास 
अबतक एमबीबीएस प्रथम साल को उत्तीर्ण करने की कोई समय सीमा नहीं थी तो नए एनएमसी की गाइडलाइन में इसकी समय सीमा तय कर दी गयी है नयी गाइडलाइन के मुताबिक, एमबीबीएस प्रथम साल को अधिकतम 4 वर्ष में उत्तीर्ण कर लेना होगा, जबकि इससे पहले इसे उत्तीर्ण करने के लिए कोई वर्ष का निर्धारण नहीं था एमबीबीएस के विद्यार्थी को एमबीबीएस की पढ़ाई को अधिकतम 10 वर्ष में उत्तीर्ण यानी पास कर लेना होगा वरना एनएमसी उसके चिकित्सक बनने के सपने को स्वप्न ही बने रहने देगा

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