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दिसम्बर से जनवरी तक चल रहे खरमास से जुड़ी इन खास बातों के बारे में जानें
कल यानी शनिवार, 16 दिसंबर को सूर्य धनु राशि में आ गया है। सूर्य के धनु राशि में आने से खरमास प्रारम्भ हो गया है। ये महीना 15 जनवरी (मकर संक्रांति) तक रहेगा। इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा और खरमास समाप्त होगा। इस महीने में विवाद, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कर्म नहीं किए जाते हैं।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं। मनीष शर्मा के मुताबिक, धनु राशि के स्वामी देव गुरु बृहस्पति हैं, बृहस्पति सूर्य के साथ ही सभी देवताओं के गुरु हैं। बृहस्पति की राशि में सूर्य देव का आना यानी सूर्य अब अपने गुरु बृहस्पति के घर में रहेंगे, उनकी सेवा में करेंगे।
ये हैं खरमास से जुड़ी खास बातें…
- खरमास में विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन आदि मांगलिक कर्मों के लिए शुभ मुहूर्त नहीं रहते हैं।
- इस महीने में सूर्य पूजा के साथ दिन की आरंभ करनी चाहिए। रोज सुबह शीघ्र उठें और स्नान के बाद सूर्य को तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं। सूर्य मंत्रों का जप कम से कम 108 बार करें।
- खरमास में मंत्र जप, दान-पुण्य, नदी स्नान और तीर्थ दर्शन करने की परंपरा है। खरमास में गंगा, यमुना, कावेरी, गोदावरी, नर्मदा, शिप्रा जैसी पवित्र नदियों में स्नान के लिए काफी अधिक लोग पहुंचते हैं। इस महीने में द्वादश ज्योतिर्लिंग, 51 शक्तिपीठ, मथुरा, वृंदावन, द्वारका जैसे पौराणिक मंदिरों में दर्शन-पूजन कर सकते हैं।
- सूर्य एक मात्र प्रत्यक्ष देवता और पंचदेवों में से एक है। किसी भी शुभ काम की आरंभ में पंच देव गणेश जी, शिव जी, विष्णु जी, देवी दुर्गा और सूर्य देव की पूजा की जाती है। इन पांच देवताओं की पूजा के बिना शुभ काम की आरंभ नहीं करनी चाहिए।
- खरमास में सूर्य अपने गुरु की सेवा में रहेंगे। ज्योतिष की मान्यता है कि धनु राशि में सूर्य ग्रह की शक्तियां कम हो जाती हैं। सूर्य की वजह से गुरु ग्रह का बल भी कम हो जाता है। शुभ कामों में मुहूर्त के लिए इन दो ग्रहों की शुभ स्थितियां देखी जाती हैं। खरमास में इन दोनों ग्रहों की शक्तियां कम हो जाती हैं। इस कारण इन दिनों में विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कामों के लिए मुहूर्त नहीं रहते हैं।
- सूर्य एक राशि में करीब एक माह रुकता है। एक साल में सूर्य सभी 12 राशियों का एक चक्कर पूरा कर लेता है। इस दौरान सूर्य गुरु की धनु और मीन राशि में भी आता है। जब सूर्य धनु-मीन राशि में रहता है, तब-तब खरमास रहता है। इस तरह एक वर्ष में दो बार खरमास आता है।