लाइफ स्टाइल

बाली आते ही खेत में डालें ये जादुई खाद, धान की पैदावार और दानों का वजन देखकर रह जाएंगे हैरान

धान की फसल में बाली निकलते समय किसान कई तरह के पोषक तत्वों की पूर्ति करते हैं, ताकि धान का दाना चमकदार और वजनदार हो बाली निकलते समय किसी तरह के कीट या कोई बीमारी फसल को चपेट में ना ले पाए, लेकिन पोषक तत्वों की पूर्ति करते समय भी किसानों को कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए किसानों के लिए यह जानना भी महत्वपूर्ण है कि बाली निकलने के समय कौन से पोषक तत्व दिए जा सकते हैं और कौन से नहीं दे सकते

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कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात कृषि एक्सपर्ट डॉ एनपी गुप्ता ने कहा कि बाली निकलते समय यदि संतुलित मात्रा में पोषक तत्वों की पूर्ति की जाए तो धान की फसल के उत्पादन में बढ़ोत्तरी हो सकता है इस स्थिति में किसानों को 00:00:50 एनपीके का छिड़काव करना चाहिए इसमें 50% पोटाश पाई जाती है किसान एक से दो किलोग्राम पोटाश लेकर 100 लीटर पानी का घोल बनाकर छिड़काव कर दें ऐसा करने से धान के दानों का वजन बढ़ेगा और चमक भी बढ़ेगी इसके अतिरिक्त रोगों से बचाव होता है 1 किलो पोटाश की मूल्य बाजार में करीब 150 रुपए किलो तक रहती है

कभी न करें ये गलती

अगर आपकी फसल 60 से 65 दिन की हो गई है और बाली निकल रही है, ऐसी स्थिति में नाइट्रोजन का इस्तेमाल एकदम भी न करें नाइट्रोजन का इस्तेमाल करने से धान के पौधों में कोमलता बढती पानी की मात्रा बढ़ेगी, पत्तियों में मिठास आती है, जिसकी वजह से कीट तेजी के साथ आकर्षित होंगे इसके अतिरिक्त बाली दाने कम बनेंगे, दाना खाली भी रह सकता है बाली निकलते समय किसानों को धान की फसल में अधिक पानी नहीं भरना चाहिए, मामूली सिंचाई करें, अधिक सिंचाई करने से मिट्टी नरम होगी, जड़ों की पकड़ ढीली होगी जरा सी हवा चलने से धान की फसल गिर सकती है

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