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‘APAAR आईडी’ स्टूडेंटस के लिए की गई लॉन्च

हमारे राष्ट्र में हर एक आदमी की पहचान के लिए एक महत्वपूर्ण कार्ड है, यानी आधार कार्ड है ठीक इसी कार्ड की तर्ज पर अब राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) ने वन नेशन वन स्टूडेंट आईडी यानी APAAR लॉन्च किया है इसके लिए पिछले वर्ष स्टूडेंट्स और उनके पेरेंट्स से एड्वाइजरी मांगी गई थी

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इससे एजुकेशन सिस्टम में ट्रांसपेरेंसी आएगी और स्टूडेंट्स को स्कॉलरशिप, एजुकेशन लोन जैसी सुविधाओं के साथ ही स्टूडेंट्स को अपना रिकॉर्ड एक साथ रखने में सरलता होगी

APAAR होगा एक यूनिक नंबर

ये 12 नंबरों का एक यूनिक कोड होगा ये एजुकेशन इकोसिस्टम रजिस्ट्री या एडुलॉकर है ये पूरी तरह से आधार कार्ड की तरह होगा सभी स्टूडेंट्स का यूनिक आईडी होगा और ये विद्यालय बदलने पर भी वही रहेगा

इस यूनिक आईडी से किसी भी स्टूडेंट की पूरी जानकारी निकाली जा सकती है

वन नेशन वन स्टूडेंट आईडी

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के अनुसार वन नेशन वन स्टूडेंट आईडी लॉन्च की है अब ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक एकाउंट रजिस्ट्री (APAAR) अब सभी कॉलेज/ यूनिवर्सिटी स्टूडेंटस के एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स (ABC) का रजिस्ट्रेशन करना जरूरी होगा

स्कूल एजुकेशन डिपार्टमेंट ने बुधबार 7 फरवरी को राष्ट्र भर के दूरदराज गांव में कॉमन सर्विस सेंटर (CSCs) को यूज करके APAAR लांच किया APAAR का लक्ष्य ‘वन नेशन, वन स्टूडेंट आईडी’ को स्टूडेंट्स की एक पहचान के लिए प्रारम्भ किया गया है

APAAR का रजिस्ट्रेशन

APAAR के रजिस्ट्रेशन के लिये स्टूडेंट का नाम, उम्र, जन्म तिथि, लिंग और एक फोटो सहित बेसिक जानकारी होनी चाहिए इस जानकारी को उनके आधार कार्ड से वेरिफिकेशन किया जाएगा

स्टूडेंट्स को एक परमिशन लेटर पर साइन करने की आवश्यकता होगी और वे APAAR ID बनाने के लिये शिक्षा मंत्रालय के साथ अपने आधार नंबर तथा सेंसस की जानकारी को मानने या नहीं मानने का ऑप्शन चुन सकते हैं

माइनर को इस रजिस्ट्रेशन के लिए माता-पिता को परमिशन लेटर पर साइन करना होगा, जिससे मंत्रालय UIDAI के साथ रजिस्ट्रेशन के लिये स्टूडेंट के आधार नंबर का इस्तेमाल कर सके

APAAR ID बनाने के लिए रजिस्ट्रेशन ऑप्शनल नहीं है

APAAR राष्ट्रीय शिक्षा नीति के नए नियम के अनुसार कॉलेज या यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स (ABC) रखना महत्वपूर्ण होगा

स्टूडेंट्स को मिलेगा फायदा

इस प्रोग्राम को लॉन्च करते हुए स्कूली शिक्षा और लिटरेसी डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी संजय कुमार ने राष्ट्र में बढ़ती डिजिटल सर्विस पर बात करते हुए कहा, वो सीएससी के जरिए स्कूली शिक्षा को कैसे लाभ पहुंचा सकते हैं

उन्होंने सभी स्कूली स्टूडेंट्स को तुरंत APAAR आईडी कार्ड देने और उन्हें आधार कार्ड से लिंक करवाकर डिजी लॉकर में जोड़ने की बात कही

रूरल एरिया में बिजनेस मॉडल पर भी विचार किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य विद्यालय और हायर एजुकेशन को ओर अधिक ट्रांसपेरेंट बनाना है

एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट वर्चुअल स्टोर
यह एक वर्चुअल स्टोर-हाउस है, जो हर स्टूडेंट के डेटा का रिकॉर्ड रखेगा इसके लिए कॉलेज और यूनिवर्सिटीज को एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट स्कीम में अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा

इसके बाद वहां पढ़ने वाले हर स्टूडेंट का डेटा स्टोर होना प्रारम्भ हो जाएगा यदि कोई स्टूडेंट बीच में ही पढ़ाई छोड़ देता है, तो उसे टाइम पीरियड के हिसाब से सर्टिफिकेट, डिप्लोमा या डिग्री दिया जाएगा

फर्स्ट ईयर पास करने पर सर्टिफिकेट, सेकंड ईयर पास करने पर डिप्लोमा और तीन वर्ष या कोर्स पूरा करने पर डिग्री दी जाएगी ये एक कमर्शियल बैंक की तरह होगा, जिसमें स्टूडेंट्स इसके कस्टमर होंगे

एकेडमिक बैंक में मिलेंगे क्रेडिट
एकेडमिक बैंक में स्टूडेंट का एकाउंट होगा इसके बाद उसे एक स्पेशल ID और स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) का पालन करना होगा स्टूडेंट्स के एकेडमिक एकाउंट में हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट स्टूडेंट्स को उनके कोर्स के लिए क्रेडिट दिया जाएगा

स्टूडेंट्स को किसी भी तरह के डॉक्यूमेंट की आवश्यकता नहीं होगी

इसके साथ ही संजय मूर्ति ने स्टूडेंट्स के लाभ के लिए गवर्नमेंट समर्थ, स्वयं और दीक्षा जैसे टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म के यूज को बढ़ावा देने पर बल दिया है इसका उद्देश्य अगले 2 वर्षों के भीतर समर्थ प्रोग्राम के अनुसार कम से कम 10 हजार इंस्टिट्यूट को कवर करना है

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