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सूर्य पूजा का दिन फाल्गुन रविवार: इस दिन सूर्य को अर्घ्य देने से बढ़ती है उम्र

17 मार्च को फाल्गुन महीने का रविवार है इस महीने में सूर्य के विष्णु रूप को पूजने का विधान ग्रंथों में कहा गया है भविष्य पुराण के अनुसार फाल्गुन महीने में सूर्य देव दस हजार किरणों से धरती के जीवों का पालन करते हैं

इस दिन सितारों की स्थिति भी बहुत शुभ रहेगी, क्योंकि सूर्योदय के समय बुधादित्य, पारिजात, आयुष्मान और सौम्य नाम के शुभ योग बनेंगे इन शुभ योगों में की गई सूर्य पूजा का फल और बढ़ जाएगा

सूर्य पूजा कैसे की जाए इस बारे में भविष्य, मत्स्य, पद्म, ब्रह्म और मार्कण्डेय पुराण में कहा गया है इन पुराणों के अनुसार सूर्य प्रत्यक्ष देवता हैं, इसलिए इन्हें रोज अर्घ्य देना चाहिए ऐसा न कर पाएं तो रविवार को खासतौर पर सूर्य पूजा करने का विधान इन ग्रंथों में कहा गया है

फाल्गुन महीने के रविवार को सुबह सूरज उगने से पहले उठ जाएं फिर पानी में लाल चंदन और गंगाजल की कुछ बूंदे डालकर नहाना चाहिए नहाने के बाद उगते हुए सूरज को जल चढ़ाना चाहिए

ऐसा करने से पुण्य बढ़ता है और पाप समाप्त होते हैं साथ ही इस तरह सूर्य पूजा करने से स्वास्थ्य में भी सुधार होता है रविवार को सूर्य को अर्घ्य देते समय जब सूर्य की रोशनी हम पर पड़ती है तो मन शांत होता है आलस्य समाप्त होता है आंखों की रोशनी और आत्मविश्वास बढ़ता है

कैसे करें सूर्य पूजा, व्रत और दान
1.
सूर्य को जल चढ़ाने के लिए तांबे के लोटे में जल भरकर गंगाजल की कुछ बूंदें डालें इसमें लाल चंदन, चावल, कुशा और गुड़हल या गुलाब के फूल डालकर सूर्य को अर्घ्य दें
2. अर्घ्य देते समय ऊँ घृणि सूर्याय नम: मंत्र का जाप करें इसके बाद सूर्य को प्रणाम करें फिर धूप और दीप अर्पित करें
3. पूरे दिन व्रत या उपवास रखें व्रत-उपवास में फलाहार में नमक न खाएं
4. जरूरतमंद लोगों को लाल कपड़ा, गेहूं, खाना, नमक, तांबे का बर्तन, गुड़ या घी का दान कर सकते हैं

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