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शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय

Shani Jayanti : हिंदू पंचांग के मुताबिक ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि पर शनि देव का जन्म हुआ था. इस दिन को शनि जयंती के नाम से जाना जाता है. इस पावन दिन शनि देव की पूजा- अर्चना करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. इस वर्ष 6 जून को शनि जयंती है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक शनि देव कर्म फल दाता हैं. शनि देव कर्मों के हिसाब से फल देते हैं. शनि जयंती के दिन शनि के अशुभ प्रभावों से मुक्ति के लिए शनि देव की विधि- विधान से पूजा- अर्चना करनी चाहिए. ज्योतिष में शनिदेव को विशेष जगह प्राप्त है. शनिदेव इन्साफ के देवता हैं और सभी ग्रहों में सबसे धीमी चाल चलते हैं. शनि के अशुभ होने पर आदमी को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इस समय मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण चल रहा है. शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण सबसे अधिक घातक होता है. साढ़ेसाती के पहले चरण में आदमी को अपना विशेष ध्यान रखना चाहिए. शनि की साढ़ेसाती के अतिरिक्त शनि की ढैय्या लगने पर भी आदमी को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. वृश्चिक और कर्क राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है. शनि की ढैय्या लगने पर आदमी को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. आइए जानते हैं शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए कैसे करें पूजा- अर्चना:

पूजा-विधि :

  • इस पावन दिन सुबह शीघ्र उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं.
  • घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें.
  • शनिदेव के मंदिर जाएं.
  • शनिदेव को तेल, पुष्प अर्पित करें.
  • शनि चालीसा का पाठ करें.
  • अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें.
  • इस पावन दिन दान भी करें. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक दान करने से कई गुना फल की प्राप्ति होती है.

इन मंत्रों का जप करें

शनि देव को प्रसन्न करने के लिए इन मंत्रों का जप करें…

  • “ऊं शं अभयहस्ताय नमः”
  • “ऊं शं शनैश्चराय नमः”
  • “ऊं नीलांजनसमाभामसं रविपुत्रं यमाग्रजं छायामार्त्तण्डसंभूतं तं नमामि शनैश्चरम”

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