पल्लू में आग वाले सीन के लिए जब डायरेक्टर ने की डीमांड…
नई दिल्ली। संजय लीला भंसाली अपनी फिल्मों के लिए जाने जाते हैं। वर्ष 2002 में उन्होंने हिंदी सिनेमा के नाम वो फिल्म की, जिसकी कहानी और गानों को ही नहीं कॉस्टयूम्स को लोग आज तक भूल नहीं पाए हैं। फिल्म के जबरदस्त डायलॉग्स के साथ कुछ सीन्स ऐसे हैं, जिनको लोग आज तक भूल नहीं पाए हैं। आपको वो सीन याद है। जब ‘पारो’ (ऐश्वर्या राय) ‘देवदास’ (शाहरुख खान) से अंतिम बार मिलने के लिए दौड़ लगाती है। इस सीन को भला कौन ही भूल सकता है। हाल ही में कॉस्ट्यूम डिजाइनर नीता लुल्ला ने ‘पारो’ की प्रतिष्ठित लाल और सफेद साड़ी के पीछे की कहानी साझा की और कहा कि कैसे उन्होंने अंतिम मिनट में वो ड्रेस तैयार की थी।
संजय लीला भंसाली इन दिनों वेब सीरीज ‘हीरामंडी’ को लेकर सुर्खियों में हैं। वर्ष 2002 में उन्होंने ‘देवदास’ हिंदी सिनेमा के नाम की, जिसको लोगों ने काफी पसंद किया। ऐश्वर्या राय, माधुरी दीक्षित और शाहरुख खान के साथ कई स्टार्स ने इस फिल्म को अपने एक्टिंग से सजाया था। फिल्म के एक सीन के लिए कैसे संजय लीला भंसाली ने लास्ट मिनट में ‘पारो’ की ड्रेस चेंज कर दी थी, इसका खुलासा हाल ही में कॉस्ट्यूम डिजाइनर नीता लुल्ला ने किया।
यूट्यूब चैनल वाइपिंग आउट द नॉर्म पर एक साक्षात्कार के दौरान नीता ने कहा कि कैसे संजय ने अंतिम मिनट में देवदास के अंतिम शॉट के लिए साड़ी बदली थी। शूटिंग से पहले शाम को, संजय ने नीता से 15 मीटर लंबी सिल्क साड़ी की प्रबंध करने के लिए बोला था। किस्सा साझा करते हुए, नीता ने कहा, ‘मैंने उनकी (ऐश्वर्या) कल्पना सीढ़ियों से नीचे भागते हुए की है और उनकी साड़ी का पल्लू जल रहा है। मुझे इसके लिए एक 15 मीटर लंबी सिल्क की साड़ी चाहिए। मुझे ऐसी 2 साड़ियां चाहिए, ताकि यदि एक जल जाए तो दूसरी हमारे पास हो।’
जब डायरेक्टर ने पूछा- क्या हम कल शूट कर सकते हैं?
नीता ने कहा कि उस समय हमारे पास मोबाइल नहीं थे। उन्होंने ऐश्वर्या और किरण खेर को यह पूछने के लिए बुलाया कि क्या उनके पास ऐसी दो एक सी साड़ी हैं? नीता ने बोला कि लेकिन मुझे ये समझ आ गया था कि दोनों के पास नहीं हैं। तब तक 10.30 बज चुके थे। संजय ने मुझसे पूछा कि क्या हम अगले दिन शूट कर सकते हैं। मैंने कहा- हां और फिर स्टूडियो से निकल गई।
6 घंटे में साड़ी की थी तैयार
नीता ने खुलासा किया कि बहुत समझाने के बाद, एक कपड़ा विक्रेता ने साड़ी के लिए सामान लेने के लिए आधी रात को अपनी दुकान खोलने के लिए सहमत हुआ। उन्होंने कहा, ‘वह 12-12:30 बजे दुकान खोलने आए थे। क्योंकि मैंने पहले से ही अपनी टीम से बात कर ली थी, उन्होंने तुरंत साड़ी के बॉर्डर पर कढ़ाई का काम प्रारम्भ कर दिया था। हमने सुबह 6 बजे साड़ी पर काम समाप्त किया था। मैं 9.30 पर सेट पर पहुंची और हमने शूटिंग प्रारम्भ की थी।’
संजय लीला भंसाली की तीसरी फिल्म थी ‘देवदास’
आपको बता दें कि ‘देवदास’ संजय लीला भंसाली की तीसरी फिल्म थी। दर्शकों ने इसे खूब प्यार दिया और ये ब्लॉकबस्टर हिट साबित हुई थी। इसे कान्स फिल्म फेस्टिवल 2002 के आउट ऑफ कॉम्पिटिशन सेक्शन में दिखाया गया था। ये उस समय बनने वाली सबसे महंगी भारतीय फिल्म भी थी।