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टोंक की बिजासन माता गंभीर बीमारियों को ठीक करने के लिए हैं प्रसिद्ध, जानें मान्यता

Tonk News: आज से राष्ट्र भर में मां दुर्गा के पावन दिनों चैत्र नवरात्रि की आरंभ हो चुकी है मंदिरों में भक्तों की भीड़ जुट रही है वहीं, घरों-मंदिरों में नवरात्रि के 9 दिनों के लिए घट स्थापना की जा रही है मरुधरा के सभी देवी मंदिर दुल्हन की तरह सजे हैं ऐसे में आपको टोंक में स्थित माता रानी के ऐसे चमत्कारी मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां के बारे में बोला जाता है कि वहां लकवा बीमार ठीक होते हैं असाध्य बीमारी के उपचार करने के लिए दूर-दूर तक टोंक की बिजासन माता मशहूर हैं

राजस्थान के टोंक (Tonk News) जिले के देवली शहर के नजदीक कुचलवाड़ा गांव में बिजासन माता मंदिर (Bijasan Mata Temple) में भक्तों का तांता लगता है यहां लकवा जैसी गम्भीर बीमारी से ग्रसित मरीज, जो एक बार जीने की आस छोड़ देते हैं लेकिन देवली के कुंचलवाड़ा गांव स्थित बिजासन माता उनके लिए आशा की किरण बनती हैं

आधुनिक चिकित्सा प्रणाली भी लकवा बीमारी के सामने बेबस साबित हुई है लेकिन ऐसे असाध्य बीमारी के उपचार करने के लिए दूर-दूर तक बिजासन माता मशहूर है, जहां आज भी माता की कृपा से कई लकवा ग्रस्त मरीजों का उपचार होता है यह सब श्रद्धा और आस्था का ही करिश्मा माना जाता है प्रतिवर्ष यहां आने वाले लकवा ग्रस्त मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है यह पौराणिक स्थल राष्ट्रीय राजमार्ग जयपुर कोटा (Jaipur-Kota) पर स्थित देवली उपखंड से 4 किलोमीटर दूर स्थित है यहां से राज्य के ओर अन्य राज्यों के हजारों लोगों की श्रद्धा जुड़ी हुई है

लकवा बीमारी के उपचार के लिए यहां आते 
मान्यताओं के अनुसार, यहां के पंडितों की मानें तो लगभग 200 वर्ष पहले कुम्हार जाति के ईशोधा नामक आदमी को माता ने सपने में दर्शन देकर जगह पर गोबर से लीपकर धूप लगाने और पूजा करने के लिए बोला था बोला जाता है कि उसी स्तर पर इस चमत्कारी प्रतिमा का प्राकट्य हुआ कहा जाता है कि मरीजों के यहां आने से खूब फायदा मिलता है दूर-दूर से लोग लकवा बीमारी के उपचार के लिए यहां आते हैं ओर मां की कृपा से फायदा मिलता है

नवरात्रि में पैदल दर्शन करने आते हैं भक्त
नवरात्रि (Navratri 2021) के दिनों में मरीजों से माता का मंदिर का भरा रहता है माता के दर्शनों के लिए दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालुओं का विशाल मेला लगता है माताजी के कई श्रद्धालु दोनों ही नवरात्रि में पैदल दर्शन करने के लिए आते हैं आरती में नियमित रूप से भाग लेने पर लकवा बीमार धीरे-धीरे उठकर चलने की स्थिति में आ जाता है और कुछ दिन में पूर्ण रूप से स्वस्थ हो जाता है

माता जी की भभूत खिलाई जाती
जानकारी के अनुसार, यहां मरीजों को माता जी की भभूत खिलाई जाती है और बीमारी ग्रस्त अंगों पर माता का धागा बांधा जाता है इस दौरान मरीजों को ऑयल अभिमंत्रित कर दिया जाता है, जिसका बीमार के बीमारी प्रभावित शरीर पर मालिश की जाती है, जिससे वो अंग पूर्ण रूप से फिर से काम करने लग जाता है माताजी कि श्रद्धा के चलते यहां लोग कई तरह की मन्नतें रखते हैं वहीं, मरीजों को रहने और प्रसादी के लिए यहां धर्मशाला भी बनाई गई है साथ हीं, गांव के व्यक्तियों ने कहा कि माताजी के दरबार आने के बाद कोई भी बीमार निराश नहीं लौटता है साथ हीं, माता रानी की कृपा से लोगों की इच्छा पूर्ण होती हैं

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