जयपुर में संगोष्ठी के द्वितीय दिवस पर तृतीय एवं चतुर्थ तकनीकी सत्र का किया गया आयोजन
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जयपुर। कानोड़िया पीजी स्त्री महाविद्यालय में इंटरनेशनल सोसायटी फॉर लाइफ साइंसेज़ के सौजन्य से एडवांसेज़ इन एनवायरनमेंटल स्टडीज़ एंड पब्लिक हेल्थ पर चल रही दो दिवसीय संगोष्ठी का समाप्ति हुआ। संगोष्ठी के द्वितीय दिवस पर तृतीय एवं चतुर्थ तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया। तृतीय सत्र में छात्राओं द्वारा अध्ययन पत्र वाचन किया गया।
छात्राओं ने मुख्यतः मृदा परिवर्तनशीलता, बायोगैस संयंत्र, ओजोन परत छिद्र पर चर्चा प्रस्तुत की। सत्र में निर्णायक के रूप में महाविद्यालय की विज्ञान संकाय उप-प्राचार्य, डाक्टर रंजना अग्रवाल एवं महारानी श्री जया राजकीय महाविद्यालय, भरतपुर के प्राणिशास्त्र विभाग की प्रो। मंजुलता शर्मा रहीं, जिन्होंने पत्र वाचकों के साथ अपने विचार साझा किए एवं उन्हें अध्ययन के लिए शुभकामना दी। चतुर्थ सत्र में छात्राओं एवं शोधकर्ताओं द्वारा अपने अध्ययन पर आधारित पोस्टर प्रस्तुत किए गए।
संगोष्ठी के समाप्ति सत्र में आमंत्रित वक्तव्य आईएसएलएस के सचिव, सहायक निदेशक, कॉलेज शिक्षा, राजस्थान, जयपुर एवं प्राणिशास्त्र विभाग के प्रो। हेमंत पारीक का रहा। प्रो। पारीक ने कहा किस प्रकार ट्राइडेक्स प्रोकम्बेंस चिकित्सा जगत में एक जरूरी किरदार रखती है।
कार्यक्रम के आखिरी चरण में स्वागत वक्तव्य महाविद्यालय प्राचार्य डाक्टर सीमा अग्रवाल द्वारा दिया गया।
उन्होंने बोला कि पर्यावरण की चिंता सिर्फ़ एक राज्य या देश तक ही सीमित नहीं है। यह एक अंतरराष्ट्रीय चिंता का विषय है। हमें अपनी जलवायु और परिवेश के स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत है।
कार्यक्रम की समाप्ति रिपोर्ट डाक्टर पालू जोशी द्वारा प्रस्तुत की गई, जिसमें डाक्टर जोशी ने चारों अध्ययन सत्रों की मुख्य वार्ता को श्रोताओं के बीच रखा। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथिगणों प्रो। मनोज पंडित, मेजर जनरल सुभाष चंद्र, एवं वन्य सेवा अधिकारी शैलजा देवल ने भी संगोष्ठी के विषय पर अपने विचार रखे।
अध्यक्षीय उद्बोधन प्रो। अशोक कुमार ने दिया। कार्यक्रम के अंत में अध्ययन पत्र वाचन के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।
समापन सत्र में उप-प्राचार्य (महाविद्यालय विकास) डाक्टर रंजुला जैन, उप-प्राचार्य (कला) डाक्टर मनीषा माथुर एवं उप-प्राचार्य (विज्ञान) डाक्टर रंजना अग्रवाल, अन्य प्राध्यापिकाओं सहित लगभग 200 छात्राओं ने भाग लिया। धन्यवाद ज्ञापन डाक्टर रंजना अग्रवाल, उप-प्राचार्य, विज्ञान संकाय ने दिया।