सरस्वती सोमवार को अपने भाई के साथ अयोध्या के लिए होंगी रवाना, 22 जनवरी को शब्दों से खोलेंगी मौन
Jharkhand News: मथुरानगर में सरस्वती देवी के आवास पर रविवार को बड़ी संख्या में राम भक्तों, पास-पड़ोस के लोगों और संबंधियों का आना जाना लगा रहा। किसी ने दंडवत, तो किसी ने चरण स्पर्श कर उनका आशीष लिया। प्रभात समाचार में छपी समाचार के बाद कोयलांचल में समाचार को लेकर चर्चा होती रही। सरस्वती सोमवार को अपने भाई के साथ अयोध्या के लिए रवाना होंगी। 22 जनवरी को अयोध्या राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद राम लला के पास राम, सीताराम शब्दों से मौन खोलेंगी। अयोध्या में उनका चार माह रहने की तैयारी है। उसके बाद ही परिवार में लौटेंगी। सरस्वती देवी को भक्त झारखंड की शबरी माताजी कह कर बुलाने लगे हैं। इतने लोगों के स्नेह को देख सरस्वती देवी की आंखे छलक उठी। इशारे में उन्होंने कहा कि मेरी तपस्या सार्थक हुई। अब मुझे कुछ नहीं चाहिए। मेरे परिवार ने मुझे हर तरह से योगदान किया। खास कर मेरी बहुएं हर तरह से मेरी सेवा की। मेरे मौन का समर्थन किया। मेरे राम लला ने मुझे बुलाया है नये वर्ष का सबसे बड़ा उपहार है मेरे लिए।
पूरा परिवार आवाज सुनने के लिए है व्याकुल
सरस्वती देवी की छोटी बहू सुधा अग्रवाल कहती हैं, पूरा परिवार मां की आवाज सुनने के लिए व्याकुल है। अयोध्या से मां को बुलावा आया है। यह परिवार क लिए गर्व की बात है, लेकिन जब उनका मौन टूटेगा, तब हम उनकी आवाज नहीं सुन पायेंगे। इससे मन व्याकुल है। छोटे बेटे हरिराम अग्रवाल और पोता प्रफुल्ल, गोल्डी का बोलना है कि हम सब बेसब्री से उस दिन का प्रतीक्षा कर रहे हैं जब मां, दादी की आवाज हमारे कानों में पड़ेगी। इनकी पोते की पत्नी खुश्बू और संगीता का बोलना है जब से ब्याह कर आयी हूं दादी सास को मौन में ही देखा है। उनका मौन टूटनेवाला है, उनसे बात कर हम धन्य हो जायेंगे।