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14 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण के वक्त NASA भेजेगा तीन रॉकेट

14 अक्टूबर को जब दुनिया के कई हिस्सों में सूर्य ग्रहण हो रहा होगा, उस समय अमेरिकी अंतरक्षि एजेंसी नासा अंतरिक्ष में तीन रॉकेट भेज रहा होगा नासा के वैज्ञानिक यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि सू्र्यग्रहण के दौरान धरती के वायुमंडल पर क्या असर डालती हैं, जो सूर्य की रोशन अचानक से कम हो जाती है इसके अतिरिक्त नासा सूरज के कई अनदेखे राज भी खोलने वाला है नासा ने इस जरूरी मिशन की जिम्मेदारी भारतीय मूल के वैज्ञानिक आरोह बड़जात्य को सौंपी है वह इस मिशन को लीड करने वाले हैं

14 अक्टूबर को सूर्यग्रहण के समय नासा के वैज्ञानिक धरती से आसमान की तरफ तीन रॉकेट लॉन्च करके यह जानने की प्रयास करेंगे कि सूर्यग्रहण का धरती के वायुमंडल पर क्या असर पड़ता है 14 अक्टूबर के दिन उत्तर और दक्षिण अमेरिका के कई हिस्सों में लोग सूर्य को अपनी सामान्य चमक से लगभग 10 फीसदी तक मंद होते हुए देखेंगे इस दौरान चमकदार सूर्य “आग के छल्ले” की तरह दिखाई देगा न्यू मैक्सिको में व्हाइट सैंड्स मिसाइल रेंज के पास के लोगों को सूर्य ग्रहण के दौरान चमकीली धारियां दिखाई देंगी

भारतीय मूल के आरोह संभालेंगे मिशन की कमान
नासा के इस मिशन की कमान भारतीय मूल के वैज्ञानिक आरोह बड़जात्य संभालेंगे आरोह की टीम 14 अक्टूबर को कुंडलाकार सूर्य ग्रहण के दौरान तीन रॉकेट लॉन्च करने वाली है नासा के इस मिशन पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं

क्या है मिशन का मकसद
अंतरिक्ष एजेंसी नासा का साउंडिंग रॉकेट मिशन यह जानने के लिए तीन रॉकेट लॉन्च करेगा कि सूरज की रोशनी में अचानक गिरावट हमारे ग्रह के ऊपरी वायुमंडल को कैसे प्रभावित करती है मिशन को ग्रहण पथ या एपीईपी के आसपास वायुमंडलीय गड़बड़ी बोला जाता है आयनमंडल वायुमंडल का आयनित भाग है जो समुद्र तल से 48 किलोमीटर से 965 किलोमीटर ऊपर पाया जाता है यह वायुमंडल का वह हिस्सा है जहां सूर्य से यूवी विकिरण इलेक्ट्रॉनों को परमाणुओं से अलग करके आयन और इलेक्ट्रॉन बनाती हैं

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