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Mumbai Air Pollution : मुंबई के कई इलाकों में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण की क्या है वजह…

Mumbai Air Pollution- दिल्ली की तरह मुंबई में भी प्रदूषण स्तर दिन-ब-दिन खराब होता जा रहा है जब कुछ वर्ष पहले दिल्ली की हवा में प्रदूषण का दैनिक स्तर 300 के आंकड़े पार कर रहा था तो मुंबईकर चिंतित नहीं थे उनका मानना था कि समुद्र के निकट रहने के कारण उन्हें ऐसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ेगा लेकिन, पिछले कुछ सालों में समुद्री हवा के ऊपर मंडरा रही धूल चौंकाने वाली है सपनों के शहर मुंबई ने इस वर्ष अक्टूबर महीने में सबसे अधिक प्रदूषण झेला मुंबई के कई इलाकों में इस दौरान एक्यूआई लेवल 300 से ऊपर चला गया था लगातार बढ़ रहे प्रदूषण की वजह क्या है?

कुछ दिन पहले मुंबई का प्रदूषण स्तर दिल्ली की तुलना में अधिक था दिल्ली से तुलना इसलिए हो रही है, क्योंकि राष्ट्र की राजधानी दुनिया के सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में से एक है लगातार बढ़ रहे प्रदूषण से लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है डॉक्टरों के मुताबिक, पिछले एक महीने में सांस संबंधी रोग के लिए हॉस्पिटल का चक्कर लगाने वालों में बच्चों की संख्या में 30 प्रतिशत का बढ़ोत्तरी हुआ है

वजह क्या है?
महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीसीबी) के पूर्व सदस्य सचिव डाक्टर दिलीप बोरालकर का बोलना है, ”मुंबई में इन दिनों प्रदूषण को लेकर सबसे बड़ा परिवर्तन धुंध के समय का है पहले तक धुंध आमतौर पर सुबह 9 बजे या 9.30 बजे तक हट जाता था लेकिन, कुछ दिनों से धुंध सुबह 11 बजे तक बना रहता है एक्यूआई रीडर या एयर मॉनिटर की आवश्यकता ही नहीं है, शहरों के ऊपर मंडरा रही धुंध प्रदूषण का स्तर दिखा रहा है

अधिक निर्माण कार्य
एक साथ बहुत अधिक निर्माण मुंबई में प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण बोला जा सकता है एक साथ चल रहे कई निर्माण कार्यों ने मुंबईकर को कठिनाई में डाल दिया है इसमें मेट्रो निर्माण भी शामिल है हां यह जरूर है कि मेट्रो पिछले पांच या अधिक सालों से व्यस्त सड़कों को कम कर दिया है, जिसमें शहर के मशहूर आर्ट डेको परिसर के साथ चलने वाली डाक्टर डीएन रोड भी शामिल है

वाहनों से प्रदूषण
मुंबई में वायु प्रदूषण के लिए 12 लाख प्राइवेट कार भी उत्तरदायी हैं पल्मोनोलॉजिस्ट डाक्टर संजीव मेहता का बोलना है, “हमारी सड़कें आधी हो गई हैं, गाड़ी सड़क पर रेंगते हुए दिखाई देते हैं डेस्टिनेशन पर पहुंचने के लिए समय दोगुना या तो कभी उससे भी अधिक लगता है इतनी देर तक सड़क पर चल रहे वाहनों से उठता काला धुआं वायु प्रदूषण के प्रमुख कारणों में एक है

क्लाइमेट चेंज
क्लाइमेट चेंज या जलवायु बदलाव भी वायु प्रदूषण के लिए बड़ा कारक है 2022 में, जानकारों ने शहर के पास समुद्र में ला नीना चक्रवाती तूफान का पता लगाया था प्रशांत महासागर के ऊपर तापमान में असामान्य गिरावट ने मुंबई के आसपास तटीय हवाओं की गति को गंभीर रूप से प्रभावित किया है अरब सागर से बमुश्किल हवा चलने के कारण प्रदूषक तत्वों का फैलाव नहीं हो सका है इससे वायु प्रदूषण की स्थिति खराब हो रही है जानकारों का अनुमान है कि ऐसा आंशिक रूप से अक्टूबर की गर्मी और मॉनसून की देरी से वापसी के कारण हुआ है

ओजोन प्रदूषण
डॉ बोरालकर, जो चार दशकों से अधिक समय से मुंबई में वायु प्रदूषण का शोध कर रहे हैं, का मानना ​​है कि पिछले तीन सालों में फोटोकैमिकल रिएक्शन वायु प्रदूषण और धुंध के मुख्य उत्तरदायी हैं इस तरह के रिएक्शन गर्मी से उत्पन्न होते हैं वो कहते हैं, “जैसे ईंधन जलाने के लिए कार के इंजन में चिंगारी की जरूरत होती है उसी तरह जब नाइट्रोजन ऑक्साइड उपस्थित होते हैं, तो एक फोटोकैमिकल रिएक्शन से ऑक्सीजन का निर्माण हो सकता है डाक्टर बोरालकर ने कहा, “ये कण ऑक्सीजन अणुओं के साथ मिलकर ओजोन गैस का स्तर बढ़ाते हैं

ओजोन प्रदूषण से खांसी और गले में खराश हो सकती है बल से सांस लेने में परेशानी आ सकती है और गहरी सांस लेते समय छाती में दर्द होने लगता है ओजोन फेफड़ों को संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील होता है इससे अस्थमा और क्रोनिक ब्रोंकाइटिस जैसे फेफड़ों के बीमारी बढ़ जाते हैं

अन्य एक्सपर्ट की राय
आईआईटी बॉम्बे के पर्यावरण विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर हरीश फुलेरिया का बोलना है कि कि गाड़ी और निर्माण गतिविधि के कारण होने वाले बाहरी प्रदूषण और “कुछ मौसम संबंधी घटना” एक-दूसरे को प्रभावित कर सकते हैं लेकिन, हमे ऐसे शोध की आवश्यकता है ताकि प्रदूषण के वास्तविक कारणों का पता लगाया जा सके डाक्टर फुलेरिया ने कहा, ”हमें यह भी समझने की आवश्यकता है कि क्या बढ़ती वायु प्रदूषण की परेशानी पूरी मुंबई में है या कुछ खास इलाकों तक ही सीमित है

विशेषज्ञ इस पर भी विचार कर रहे हैं कि क्या ऊंची इमारतें समुद्री हवा की गतिविधि में बाधा के रूप में काम करती हैं? नाम न जाहिर करने की शर्त पर एक शिक्षाविद् ने कहा, “ऊंची इमारतें हवाओं का पैटर्न बदली हैं जो समुद्री हवा को पहले की तरह काम करने से रोक सकती हैं” हालाँकि, डाक्टर फुलेरिया का बोलना है कि ऊंची इमारतों के कारण हवा का पैटर्न इतना बड़ा नहीं होगा कि पूरे शहर में मौसम बदल जाए वैज्ञानिक प्रदूषण के अन्य कारणों का भी शोध कर रहे हैं, जिनमें बेकरी और श्मशान में लकड़ी जलाना, घरों, रेस्तरां और सड़क के किनारे के स्टालों में खाना पकाना और खुले में कचरा जलाना शामिल है

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