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केरल में 29 वकील एक साथ कठघरे में खड़े होने की नौबत में आ गए,जाने क्यों…

कोच्चि: केरल में 29 वकील एक साथ कठघरे में खड़े होने की नौबत में आ गए मुद्दा भी कोई छोटा नहीं, बल्कि कोर्ट की अवमानना का है इल्जाम है कि एक वकील के विरुद्ध मुकदमा दर्ज होने के बाद साथी वकीलों ने चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के विरुद्ध नारे लगाए इसके बाद करीब एक हफ्ते पहले ही इस मुद्दे में उच्च न्यायालय ने संज्ञान लेते हुए सरकारी कार्यवाही में बाधा डालने के इल्जाम में मुकद्दमा चलाया है मंगलवार को इस मुद्दे में सुनवाई हुई

वकील पर लगा था जालसाजी का आरोप

घटना बीते गुरुवार को कोट्टायम की चीफ ज्यृडिशियल मजिस्ट्रेट (CJM) न्यायालय में घटी थी मिली जानकारी के मुताबिक वकील एमपी नवाब पर इल्जाम है कि उन्होंने अपने मुवक्किल को रिहा कराने के लिए जमानत के झूठे डॉक्यूमेंट्स तैयार करके न्यायालय में प्रस्तुत किए भेद खुल जाने पर 8 नवंबर को चीफ ज्यृडिशियल मजिस्ट्रेट (CJM) विवेता सेतुमोहन की न्यायालय के आदेश पर क्षेत्रीय पुलिस ने वकील नवाब और उनके मुवक्किल के विरुद्ध जालसाजी विरोधी कानून की धाराओं 465, 466, 468 और 471 के अतिरिक्त आईपीसी की 34 के अनुसार आपराधिक मुकदमा दर्ज किया था

200 से अधिक वकीलों ने रोकी न्यायालय की कार्यवाही

22 नवंबर को इस मुद्दे के संबंध में कोट्टायम बार एसोसिएशन की तरफ से वकीलों के प्रति मजिस्ट्रेट के द्वारा कथित खराब आचरण किए जाने का इल्जाम लगा अदालती कार्यवाही के बहिष्कार संबंधी नोटिस जारी किया गया अगले दिन 23 नवंबर को वकीलों ने न्यायालय की कार्यवाही रोक दी और CJM विवेता सेतुमोहन के विरुद्ध नारे लगाए इल्जाम है कि अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया इस प्रदर्शन पर कार्रवाई के लिए सीजेएम सेतुमोहन ने अपने आदेश में दर्ज किया कि वकील सोजन पावियानियोस और बेनी कुरियन के नेतृत्व में 200 से अधिक वकीलों ने उनकी न्यायालय में चल रही कार्यवाही रोक दी प्रदर्शनकारियों में कोट्टायम बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और सचिव आंदोलनकारियों में शामिल थे कुछ वीडियोग्राफरों ने विरोध प्रदर्शन सहित अदालती कार्यवाही की रिकॉर्डिंग की जब न्यायालय में पुलिस सहायता ने हस्तक्षेप करने की प्रयास की तो वकील उनके भी विरुद्ध हो गए

24 नवंबर को इस पर केरल उच्च न्यायालय के न्यायधीश जस्टिस देवन रामचंद्रन ने प्रश्न किया कि बार ऐसे अनावश्यक मामलों में हस्तक्षेप क्यों कर रहा है कल, मैंने कोट्टायम में मामला देखा बार चयनात्मक क्यों हो रहा है? हम कहां जा रहे हैं? इसका कोई मतलब नहीं है जब आम नागरिक ऐसी घटनाएं देखेंगे तो कानूनी बिरादरी के बारे में क्या सोचेंगे उधर, उच्च न्यायालय ने कोट्टायम CJM विवेता सेतुमोहन के विरुद्ध प्रदर्शन में शामिल 29 वकीलों के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए न्यायालय की अवमानना का मुद्दा प्रारम्भ किया है मंगलवार को जब यह मुद्दा सुनवाई के लिए आया तो खंडपीठ ने कहा कि वकीलों के विरुद्ध इल्जाम गंभीर हैं अब इस मुद्दे की अगली सुनवाई गुरुवार को होगी

 

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