टाटानगर स्टेशन पर कचरे के ढेर के कारण आसपास फैल रहा धुआं और प्रदूषण, सांस लेना भी हुआ मुश्किल
टाटानगर रेलवे स्टेशन के आसपास इन दिनों शाम होते ही चारों ओर धुआं फैल जा रहा है। यहां तक कि स्टेशन पर ट्रेनों की आवाजाही भी नजर नहीं आ रही है। इसका कारण स्टेशन के बाहर स्थित खाली जगह पर कचरे की डंपिंग और उसमें आग लगा दिया कहा जा रहा है। ठंड बढ़ने से नमी की वजह से धुआं ऊपर नहीं उठ पा राहा इस वजह से चारो ओर धुआं-धुआं नजर जाता है। इस धुएं से संजय नगर, रेलवे कॉलोनी के करीब पांच हजार से अधिक की जनसंख्या प्रभावित है। खास कर लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है साथ ही आंखों में जलन पैदा हो रही है। स्टेशन के आसपास के दुकानदार, गाड़ी चालक और अन्य लोग परेशान हैं। सुबह में थोड़ी राहत मिल रही है। गौरतलब है कि स्टेशन और आसपास रात भर लोगों का आना जाना होता है। टाटानगर स्टेशन से करीब 45 हजार से अधिक यात्री यात्रा करते हैं।
स्टेशन पार्किंग के बगल में कचरे का ढेर, सेंट्रल विद्यालय के बगल में भी फेंका जा रहा कचरा
स्टेशन के ठीक बगल में रेलवे का पार्किंग स्टैंड है। स्टैंड से सटे मुख्य सड़क है और सड़क के किनारे स्टेशन के भीतर के कचरे को फेंका जाता है। जहां कचरा फेंका जाता है उसके ठीक बगल में रेलवे क्वार्टर है जिसमें कर्मचारी भी रहते हैं। कचरे के कारण उन्हें भी कठिनाई होती है। काफी कचरा सेंट्रल विद्यालय के बगल में भी फेंक दिया जा रहा है। रात के समय कचरे में आग लगा दी जाती है।
क्या कहते हैं रेलवे के अधिकारी
चक्रधरपुर रेल मंडल के सीनियर डीसीएम गजराज सिंह चरण ने कहा कि जहां पर कचरा फेंके जाने को बोला गया है, उसी जगह पर फेंकना चाहिए। ऐसा नहीं हो रहा है तो इसकी जांच करा कर आगे की कार्रवाई की जायेगी। प्रदूषण नियंत्रण के मानक का पालन नहीं हो रहा होगा तो भी कार्रवाई की जायेगी।
यात्रियों के बोल
- “शाम के समय स्टेशन के आसपास सांस लेना कठिन हो जाता है। धुआं के कारण दम घोंटू स्थिति पैदा हो जाती है। यह कठिनाई काफी दिनों से है।” -अशोक सिंह, चाईबासा बस स्टैंड
- “दो-तीन महीने से लगातार ऐसी स्थिति है। चारों ओर धुआं -धुआं नजर आता है, स्टेशन के आसपास दुकानदार और यात्री यों को सांस लेने में परेशानी हो रहा है। रेलवे का इस ओर ध्यान देना चाहिए।” -तरुण सडेरा, स्टेशन होटल
- “स्टेशन के आसपास की बस्तियों के लोग भी धुएं से परेशान हैं। छोटे बच्चों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। शाम के समय सांस लेना कठिन हो जाता है।” –राजू बेसरा, केंद्रीय विद्यालय के पास रहने वाले
- “जिला प्रशासन और रेलवे प्रशासन को इस मुद्दे में ठोस कदम उठाना चाहिए क्योंकि इससे आम लोगों के साथ-साथ यात्रियों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है।” -राजू पात्रो, स्टेशन रोड