Delhi Dehradun Expressway Opening Date: दिल्ली से देहरादून का सफर अब सिर्फ ढाई घंटे में, नए साल पर पीएम मोदी देंगे बड़ी सौगात
Delhi Dehradun Expressway Opening Date: दिल्ली और उत्तराखंड के बीच सफर करने वाले यात्रियों के लिए साल 2026 की शुरुआत किसी बड़े तोहफे से कम नहीं होने वाली है। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे जनवरी के महीने में आम जनता के लिए पूरी तरह से खुलने जा रहा है। इस (Strategic Infrastructure Development) के पूर्ण होने के बाद राजधानी से पहाड़ों की रानी देहरादून तक का सफर जो पहले छह घंटे में तय होता था, वह सिमटकर महज ढाई घंटे का रह जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इस ड्रीम प्रोजेक्ट को विधिवत रूप से संचालित करने की तैयारी पूरी कर ली है।
प्रधानमंत्री मोदी करेंगे भव्य उद्घाटन
इस महत्वपूर्ण एक्सप्रेसवे के उद्घाटन के लिए केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से समय मांगा गया है। प्रधानमंत्री के हाथों इस (National Highway Connectivity) प्रोजेक्ट का लोकार्पण कराने की योजना है, जिसके चलते निर्माण कार्यों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। उद्घाटन की तारीख तय होते ही इसे औपचारिक रूप से वाहनों के लिए खोल दिया जाएगा। नए साल के जश्न के साथ ही यात्रियों को जाम मुक्त और तेज रफ्तार सफर का अनुभव मिलने लगेगा, जो पर्यटन और व्यापार दोनों के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
एनएचएआई ने संभाली सौंदर्यकरण की कमान
एक्सप्रेसवे के शुभारंभ की तैयारियों को देखते हुए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) युद्धस्तर पर काम कर रहा है। दिल्ली की सीमा के भीतर डिवाइडर पर लगी उन (Safety Anti Glare Screens) को बदला जा रहा है जो टूट चुकी थीं, ताकि रात के समय वाहन चालकों को विपरीत दिशा से आने वाली लाइटों से परेशानी न हो। साथ ही, पूरे स्ट्रेच पर खराब पड़ी स्ट्रीट लाइटों को नई लाइटों से बदला जा रहा है। सुरक्षा और सुंदरता का पूरा ख्याल रखते हुए सड़कों को चमकाया जा रहा है।
दिल्ली की सीमाओं पर अतिक्रमण के खिलाफ एक्शन
सफर को बाधारहित बनाने के लिए एक्सप्रेसवे के आसपास के इलाकों को साफ किया जा रहा है। एनएचएआई के अधिकारी अतिक्रमण हटवाने के लिए नगर निगम के साथ निरंतर संपर्क में हैं ताकि (Expressway Entry Exit Points) पर वाहनों को किसी भी तरह की रुकावट का सामना न करना पड़े। दिल्ली से बाहर हाईवे की साइड वॉल पर पेंटिंग करने और महत्वपूर्ण निर्देश बोर्ड लगाने का काम भी तेजी से चल रहा है, जिससे यात्रियों को रास्ते की सटीक जानकारी मिल सके और एक्सप्रेसवे का दृश्य भी आकर्षक लगे।
भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत 12 हजार करोड़ का निवेश
यह शानदार एक्सप्रेसवे भारतमाला प्रोजेक्ट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिस पर लगभग 12,000 करोड़ रुपये का भारी-भरकम निवेश किया गया है। 210 किलोमीटर लंबा यह (Modern Corridor Construction) दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर एनएच-9 से शुरू होकर लोनी, बागपत, मुजफ्फरनगर के करौंदा और सहारनपुर होते हुए सीधे देहरादून तक पहुंचता है। चार अलग-अलग चरणों में बनकर तैयार हुआ यह एक्सप्रेसवे अत्याधुनिक इंजीनियरिंग का एक बेहतरीन उदाहरण है, जो उत्तर भारत की परिवहन व्यवस्था की तस्वीर बदल देगा।
रफ्तार के लिए निर्धारित किए गए कड़े नियम
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर सफर करने वाले वाहनों के लिए गति सीमा तय कर दी गई है। सामान्य स्ट्रेच पर गाड़ियां 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकेंगी, जबकि (Vehicle Speed Regulations) के तहत घुमावदार मोड़ों पर गति को घटाकर 85 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित किया गया है। पिछले महीने ही दिल्ली से बागपत तक के एक हिस्से का ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा किया गया था, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि एक्सप्रेसवे अब भारी ट्रैफिक का बोझ सहने के लिए पूरी तरह तैयार है।
बागपत तक का रास्ता पहले ही हुआ सुगम
दिल्ली से बागपत तक का 31.6 किलोमीटर का हिस्सा पहले ही ट्रायल के रूप में खोला जा चुका है, जिससे यात्रियों को काफी राहत मिल रही है। 210 किलोमीटर की कुल लंबाई वाले इस (Distance Reduction Impact) प्रोजेक्ट का असली जादू जनवरी में तब दिखेगा जब लोग सीधे देहरादून तक बिना रुके पहुंच पाएंगे। दूरी और समय में आधे से ज्यादा की कटौती होने के कारण अब लोग दिल्ली से देहरादून जाकर उसी दिन वापस भी लौट सकेंगे, जिससे वीकेंड पर्यटन को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा।
पहाड़ों तक पहुंचना होगा अब और भी आसान
कुल मिलाकर यह एक्सप्रेसवे केवल एक सड़क नहीं, बल्कि दिल्ली और उत्तराखंड के बीच रिश्तों की एक नई डोर है। जनवरी में इसके पूरी तरह खुलते ही (Interstate Travel Efficiency) में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। कम समय लगने की वजह से ईंधन की बचत होगी और पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। अब बस इंतजार है तो उस औपचारिक घोषणा का, जब प्रधानमंत्री इस विश्वस्तरीय सड़क का रिबन काटकर इसे जनता की सेवा में समर्पित करेंगे।