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भारत में यहां मौजूद हैं दुनिया का सबसे मिस्ट्री महल

जब घूमने की बात आती है तो हिंदुस्तान के कई ऐसे शहरों के नाम दिमाग में आते हैं, जो पर्यटन के लिहाज से बहुत अच्छे हैं. लेकिन, जब बात विदेशी शहरों में घूमने की आती है तो लोगों का दिल कुछ खास नामों पर अटक जाता है.

लेकिन जब दुनिया के 10 सबसे खूबसूरत शहरों का नाम लिया जाता है तो सबसे अधिक लोग घूमने के लिए हिंदुस्तान में राजस्थान की राजधानी जयपुर को चुनते हैं. यह शहर खूबसूरत होने के साथ-साथ ऐतिहासिक और भौगोलिक दृष्टि से भी जरूरी है. आपको जानकर आश्चर्य होगी कि जयपुर राष्ट्र का पहला नियोजित शहर है और इसे 291 वर्ष पहले बहुत योजनाबद्ध ढंग से सजाया गया था.देश में चंडीगढ़, नवी मुंबई, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, पंचकुला, गांधीनगर, भुवनेश्वर, जमशेदपुर, दिल्ली का लुटियन जोन आदि सभी नियोजित शहरों के नाम से जाने जाते हैं. लेकिन, जब हम राष्ट्र के पहले नियोजित शहर की बात करते हैं तो सबसे पहले नाम जयपुर का आता है. आज हिंदुस्तान का यह शहर अपने इतिहास, वास्तुकला, कला और सुंदरता के लिए राष्ट्र और दुनिया के शीर्ष पर्यटन स्थलों में शुमार है. यह शहर दुनिया के 10 सबसे खूबसूरत शहरों में गिना जाता है और एशिया की सबसे बड़ी आवासीय बस्ती मानसरोवर और राज्य का सबसे बड़ा सवाई मानसिंह हॉस्पिटल इसी शहर में उपस्थित है.

इसकी स्थापना कब हुई थी?

आपको जानकर आश्चर्य हो सकती है कि जयपुर को हिंदुस्तान का पहला नियोजित शहर बोला जा रहा है. लेकिन यह सच है. यह शहर 18 नवंबर 1727 को बसाया गया था. इसे आमेर के राजा महाराजा जय सिंह द्वितीय ने बसाया था. इसीलिए उनके नाम पर इस शहर का नाम जयपुर रखा गया. उस समय इस शहर को पूरी तरह से बसाने में राजा जय सिंह को 4 वर्ष लग गये थे राज जय सिंह द्वारा बसाने के बाद इस शहर को आमेर की राजधानी बनाया गया. आमेर आज भी जयपुर से कुछ दूरी पर स्थित है, आमेर का एक बहुत बड़ा किला भी है, बोला जाता है कि अकबर की रानी जोधाबाई का जन्म इसी किले में हुआ था.

इसका डिज़ाइन एक बंगाली वास्तुकार द्वारा किया गया था

इतिहास पर अध्ययन करने से पता चलता है कि राजा जय सिंह ने इस शहर को बसाने के लिए बंगाली वास्तुकार विद्दाधर भट्टाचार्य से डिजाइन बनवाया था. भट्टाचार्य आमेर दरबार में नायब दरोगा के पद पर थे. लेकिन वास्तुकला में उनका ज्ञान बहुत अच्छा था और उनकी रुचि देखकर राजा जय सिंह ने भट्टाचार्य से जयपर शहर की योजना बनाई. उनकी योग्यता से प्रभावित होकर महाराजा जयसिंह ने उन्हें अपनी नयी राजधानी जयपुर का नगर योजनाकार बना दिया.

शहर बसाते समय किन बातों का ध्यान रखा गया?

इस नगर को बसाते समय राजा ने वर्षा के जल को एकत्र करने और निकालने की मुनासिब प्रबंध की थी. यह प्रबंध आज भी अधिकतर शहरों में देखने को नहीं मिलती. इसके साथ ही वास्तु के मुताबिक राजा ने इस शहर से बाहर निकलने के लिए कई दरवाजे भी बनवाए थे. आज जयपुर एक पर्यटन स्थल बन गया है.

इसे गुलाबी शहर क्यों बोला जाता है?
तीन तरफ अरावली पर्वतों से घिरे इस शहर को गुलाबी शहर बोला जाता है. इसका कारण यह है कि वर्ष 1876 में महाराजा सवाई रामसिंह ने इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ और प्रिंस ऑफ वेल्स प्रिंस अल्बर्ट के स्वागत के लिए पूरे शहर को गुलाबी रंग से सजाया था. तभी से इस शहर को गुलाबी नगर के नाम से पुकारा जाने लगा. इस शहर को हिंदुस्तान का पेरिस भी बोला जाता है.

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