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बिजली गुल के कारण स्पेस-स्टेशन से नासा का टूटा संपर्क

अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा में बिजली गुल होने के कारण मंगलवार को मिशन कंट्रोल और इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के बीच संपर्क टूट गया. मिशन कंट्रोल स्टेशन पर कमांड नहीं भेज पा रहे थे और ऑर्बिट में उपस्थित सात अंतरिक्ष यात्रियों से बात भी नहीं हो पा रही थी. ह्यूस्टन के जॉनसन स्पेस सेंटर की इमारत में अपग्रेड का काम चल रहा है, जिसके चलते बिजली गुल हो गई थी.स्पेस स्टेशन प्रोग्राम मैनेजर जोएल मोंटालबानो ने बोला कि न तो अंतरिक्ष यात्री और न ही स्टेशन कभी किसी खतरे में थे क्योंकि यह परेशानी ग्राउंड से जुड़ी थी स्पेस स्टेशन में नहीं. बैकअप कंट्रोल सिस्टम्स ने 90 मिनट के भीतर टेकओवर कर लिया. आउटेज के 20 मिनट के भीतर, क्रू को रशियन कम्युनिकेशन सिस्टम्स के जरिए परेशानी के बारे में सूचित कर दिया गया था.

बैकअप सिस्टम को पहली बार सक्रिय करना पड़ा
मोंटालबानो के अनुसार, यह पहली बार है कि नासा को कंट्रोल लेने के लिए इन बैकअप सिस्टम को सक्रिय करना पड़ा है. तूफान या अन्य आपदा की स्थिति में इवेक्यूएशन के लिए नासा ने ह्यूस्टन से मीलों दूर एक बैकअप कंट्रोल बनाया है. लेकिन मंगलवार के मुद्दे में, फ्लाइट कंट्रोलर्स मिशन कंट्रोल में रुके रहे क्योंकि लाइट और एयर कंडीशनिंग काम कर रहे थे.

NASA के कंट्रोल से बाहर हो गया था स्टेशन
दो वर्ष पहले ISS अपनी कक्षा में जिस पोजिशन में रहता है वहां से 45 मिनट के लिए हटा रहा था. बाद में नासा के कंट्रोल सेंटर्स में उपस्थित टीम ने कंट्रोल थ्रस्टर्स की सहायता से स्टेशन को उसकी स्थान पर पहुंचाया था. यह घटना रूसी लैबोरेटरी मॉड्यूल नाउका (Nauka) में तकनीकी खामी की वजह से हुई थी. नाउका के जेट थ्रस्टर्स अपने आप चालू हो गए थे.

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन क्या है?
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पृथ्वी के चारों ओर घूमने वाला एक बड़ा अंतरिक्ष यान है. इसमें एस्ट्रोनॉट रहते हैं और माइक्रो ग्रैविटी में एक्सपेरिमेंट परफॉर्म करते हैं. यह 28,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रैवल करता है. यह हर 90 मिनट में पृथ्वी की परिक्रमा पूरी कर लेता है. 5 स्पेस एजेंसीज ने मिलकर इसे बनाया है. स्टेशन का पहला पीस नवंबर 1998 में लॉन्च किया गया था

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