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प्रौद्योगिकी का व्यापार सिर्फ व्यापार नहीं, यह राजनीति विज्ञान की तरह ही है: जयशंकर

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नई दिल्ली. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को बोला कि जरूरी और उभरती प्रौद्योगिकियां (सीईटी) शक्ति के जरूरी आयाम के रूप में उभरने जा रही हैं.

सेमीकॉनइंडिया सम्मेलन को वीडियो के जरिए संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा, “यह आश्चर्य की बात नहीं है कि सीईटी अब शक्ति के जरूरी आयाम में से एक के रूप में उभर रही है. कौन आविष्कार करता है, कौन निर्माण करता है, बाजार हिस्सेदारी क्या है, संसाधन कहां हैं, कौशल किसके पास है, प्रतिभा कहां है – ये सब जरूरी प्रश्न हैं.

उन्होंने कहा: “चिप निर्माण के लिए लड़ाई का वर्णन बढ़ा-चढ़ाकर किया जाता है, लेकिन इसमें सच्चाई है. काफी हद तक, सीईटी क्षेत्र में चिंताएं इस बात से प्रभावित होती हैं कि कैसे अन्य क्षेत्रों में बाजार हिस्सेदारी और उत्पादन प्रभुत्व का फायदा उठाया गया.

विदेश मंत्री ने बोला कि प्रौद्योगिकी का व्यापार केवल व्यापार नहीं है, यह राजनीति विज्ञान की तरह ही है.

जयशंकर ने कहा, “सच्चाई यह है कि हम आर्थिक ताकत की प्रतिक्रिया के रूप में निर्यात नियंत्रण को फिर से उभरते देख रहे हैं.

उन्होंने बोला कि इस विषय पर व्यापक स्तर पर अंतरराष्ट्रीय वार्ता भी हुई है.

जयशंकर ने कहा, “उनमें से गौरतलब सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन और इनोवेशन पार्टनरशिप पर समझौता ज्ञापन है जो मार्च 2023 में अमेरिकी वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो की हिंदुस्तान यात्रा के दौरान हिंदुस्तान और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच संपन्न हुआ था.

उन्होंने आगे कहा, जून 2023 में पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन और उनकी टीम के साथ वार्ता का फोकस सेमीकंडक्टर भी था.

जयशंकर ने सभा को बताया, “जैसा कि आप जानते होंगे, दोनों नेताओं ने उद्योग के ब्रांड नामों के साथ एक प्रौद्योगिकी गोलमेज सम्मेलन की अध्यक्षता की. संयुक्त वक्तव्य में हमारे योगदान के इस पहलू पर प्रकाश डाला गया. तीन अमेरिकी कंपनियों – माइक्रोन टेक्नोलॉजी, लैम रिसर्च और एप्लाइड मटेरियल्स – ने प्रतिबद्धताएं दी.

उन्होंने बोला कि यह जरूरी है कि इन विकासों को हिंदुस्तान और संयुक्त राज्य अमेरिका के भविष्य के लिए प्रौद्योगिकी साझेदारी के व्यापक परिप्रेक्ष्य से देखा जाए.

जब हिंदुस्तान में 5जी रोलआउट गति पकड़ रहा है, तब भी हिंदुस्तान 6जी और अमेरिकन नेक्स्टजी अलायंस के लिए सह-नेतृत्व कर रहा है.

जयशंकर ने दर्शकों को याद दिलाया कि इससे पहले मई 2023 में, क्वाड समूह के नेताओं ने हिरोशिमा में जरूरी और उभरते प्रौद्योगिकी मानकों के सिद्धांतों पर अपनी बैठक में सहमति व्यक्त की थी.

जयशंकर ने कहा, हिंदुस्तान का सेमीकंडक्टर मिशन केवल घरेलू जरूरतों को पूरा करने के बारे में नहीं है. यह विश्वसनीय विनिर्माण की अंतरराष्ट्रीय मांग में सहयोग देने के बारे में भी है. वास्तव में, यह वास्तव में मेक इन इण्डिया और मेक फॉर द वर्ल्ड का एक ताकतवर मुद्दा है.

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