लेटैस्ट न्यूज़

कांग्रेस ने भाजपा पर चंडीगढ़ के लोगों के साथ ओछी राजनीति करने का लगाया आरोप

चंडीगढ़. कांग्रेस ने बीजेपी पर चंडीगढ़ के लोगों के साथ ओछी राजनीति करने का इल्जाम लगाया है क्योंकि बीजेपी के कुछ नेता चंडीगढ़ सीट से अपनी हार को पचा नहीं पा रहे हैं. उनके ऐसा करने से शहर के कुछ वर्ग गहरी तकलीफ़ से गुज़र रहे हैं और उन्हें व्यापार और रोजगार का भारी हानि हो रहा है.


पार्टी की ओर से जारी बयान में चंडीगढ़ कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता राजीव शर्मा ने बोला कि चंडीगढ़ कांग्रेस पार्टी सेक्टर 53 फर्नीचर बाजार को जबरन हटाने का कड़ा विरोध करती है और प्रशासन से आग्रह करती है कि यदि फर्नीचर की दुकानों को वैकल्पिक स्थान आवंटित करने के कुछ देर बाद उसे वहां से हटाया जाता है, तो कोई आसमान नहीं टूट पड़ेगा परन्तु इसके उल्टा ऐसा करने से हजारों लोगों की नौकरियां और व्यापार बच जाएंगे.
चंडीगढ़ की जनता की इस हालत के लिए बीजेपी को उत्तरदायी ठहराते हुए कांग्रेस पार्टी प्रवक्ता ने इल्जाम लगाया कि 4 जून के बिल्कुल बाद बीजेपी के दबाव में आते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय के सीधे अधीन काम करने वाले चंडीगढ़ प्रशासन ने एक के बाद एक कई जनविरोधी निर्णय लिए, जिनमें बिजली की दरें बढ़ाने के लिए याचिका दाखिल करना, 106 धार्मिक स्थलों में निर्माण को ध्वस्त करने के नोटिस देना, गांवों में लाल डोरा के बाहर बने मकानों को धमकी भरे नोटिस भेजना तथा सेक्टर 53 की फर्नीचर बाजार को तुरंत ध्वस्त करने का निर्णय शामिल है.
इन जनविरोधी आदेशों के जारी होने के बाद कुछ बीजेपी नेता घटिया राजनीति करते हुए सबके सामने आए तथा स्वयं को जनता का देवदुत बताते हुए बोला कि वे इन जनविरोधी आदेशों के क्रियान्वयन को स्थगित करवा देंगे. लेकिन, तब तक देर हो चुकी थी और गेंद बीजेपी नेताओं के पाले से निकल चुकी थी. प्रशासन ने शीघ्र में मनी माजरा में एक मंदिर को ध्वस्त कर दिया है.
भाजपा नेता गृहमंत्री अमित शाह से उनके पंचकूला दौरे के दौरान मिले पर उनसे यह कहने की हौसला नहीं जुटा पाए कि आपके सीधे आदेशों के अधीन काम करने वाला प्रशासन कैसे मनमाने और चण्डीगढ़ के लोगों को परेशान करने वाले आदेश जारी कर रहा है.
चंडीगढ़ कांग्रेस पार्टी ने प्रशासन से आग्रह किया है कि फर्नीचर बाजार को वैकल्पिक जगह आवंटित होने तक उसे हटाने के अपने फैसला को स्थगित कर दें.
इसके अतिरिक्त पार्टी ने प्रशासन से फर्नीचर की दुकानों के लिए शीघ्र से वैकल्पिक जगह आवंटित करने का निवेदन करते हुए बोला कि बाजार हटाने से पहले उन्हें इस तथ्य पर भी विचार करना चाहिए कि इस समय इस तरह के विनाशकारी फ़ैसले को लागू करने से व्यापार को होने वाले भारी हानि के अतिरिक्त हजारों कामगारों की नौकरियां भी चली जाएंगी, जिसकी भरपाई कभी नहीं हो पाएगी.

 

Related Articles

Back to top button