Railway Recruitment Fraud Case: साले ने जीजा के लिए दांव पर लगा दी अपनी आजादी, परीक्षा केंद्र पर ऐसे खुला राज
Railway Recruitment Fraud Case: झारखंड की राजधानी रांची के नामकुम थाना क्षेत्र में उस वक्त अफरा-तफरी का माहौल बन गया, जब रेलवे ग्रुप डी की भर्ती परीक्षा के दौरान एक बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ा गया। प्रतियोगी परीक्षाओं की शुचिता बनाए रखने के लिए तैनात सुरक्षा अधिकारियों ने एक ऐसे युवक को दबोचा, जो किसी और के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश कर रहा था। इस (Competitive Exam Integrity) को चुनौती देने वाले मामले के सामने आने के बाद परीक्षा केंद्र की सुरक्षा व्यवस्था और सतर्कता की हर तरफ चर्चा हो रही है।

साले ने जीजा की जगह दी कुर्बानी
पुलिस की गिरफ्त में आए इस शातिर युवक की पहचान लालू कुमार उर्फ अनीश कुमार के रूप में हुई है, जो मूल रूप से बिहार के गया जिले का रहने वाला है। जांच में जो खुलासा हुआ वह हैरान करने वाला था, क्योंकि लालू अपनी खुद की नहीं बल्कि अपने सगे जीजा जवाहर प्रसाद की जगह परीक्षा देने के लिए रांची पहुंचा था। उसने बड़ी चालाकी से (Impersonation in Exams) का सहारा लेकर वास्तविक अभ्यर्थी बनकर परीक्षा हॉल में प्रवेश करने का प्रयास किया, ताकि वह अपने जीजा को रेलवे की नौकरी दिला सके।
बायोमेट्रिक मशीन ने पकड़ी असली चोरी
लालू कुमार ने परीक्षा केंद्र में प्रवेश के समय खुद को असली उम्मीदवार साबित करने की पूरी कोशिश की, लेकिन तकनीक के सामने उसकी चालाकी धरी की धरी रह गई। परीक्षा प्रक्रिया के अनिवार्य हिस्से (Biometric Verification Process) के दौरान जैसे ही आरोपी ने अपने फिंगरप्रिंट मशीन पर रखे, डेटा का मिलान नहीं हो पाया। आवेदन फॉर्म में दर्ज बायोमेट्रिक डेटा और मौके पर मौजूद युवक के निशानों में अंतर देखकर वहां तैनात कर्मियों का माथा ठनका और उन्होंने तुरंत उच्चाधिकारियों को इसकी जानकारी दी।
नामकुम पुलिस की गिरफ्त में आरोपी
तकनीकी सत्यापन में फर्जीवाड़ा पकड़े जाने के बाद तुरंत नामकुम थाना पुलिस को सूचित किया गया। पुलिस ने बिना समय गंवाए मौके पर पहुंचकर युवक को अपनी हिरासत में ले लिया। जब पुलिस ने कड़ाई से (Criminal Interrogation) शुरू की, तो लालू टूट गया और उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। उसने स्वीकार किया कि उसने और उसके जीजा ने मिलकर यह योजना बनाई थी ताकि गलत तरीके से सरकारी नौकरी हासिल की जा सके।
संगठित गिरोह की भूमिका की तलाश
पुलिस ने लालू कुमार के खिलाफ धोखाधड़ी और अन्य संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर उसे जेल भेज दिया है। हालांकि, पुलिस की जांच यहीं खत्म नहीं हुई है; अधिकारी अब इस बात की गहराई से तफ्तीश कर रहे हैं कि क्या इस मामले के पीछे कोई बड़ा (Organized Crime Syndicate) सक्रिय है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इससे पहले भी लालू ने किसी और की जगह परीक्षा दी है या उसे किसी गिरोह ने इस काम के लिए तैयार किया था।
रेलवे भर्ती बोर्ड की सुरक्षा प्रणाली की जीत
इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि रेलवे भर्ती बोर्ड द्वारा लागू किए गए कड़े सुरक्षा इंतजाम कितने प्रभावी हैं। यदि बायोमेट्रिक जांच की (System Security Protocol) इतनी मजबूत नहीं होती, तो शायद यह फर्जीवाड़ा कभी सामने नहीं आता। प्रशासन ने इस घटना के बाद स्पष्ट संदेश दिया है कि किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी करने वाले को बख्शा नहीं जाएगा और उसे लंबी कानूनी सजा काटनी होगी।
मेधावी छात्रों के भविष्य से खिलवाड़
प्रतियोगी परीक्षाओं में इस तरह की सेंधमारी उन लाखों ईमानदार छात्रों के लिए बड़ा झटका होती है जो दिन-रात मेहनत करके सफलता पाने का सपना देखते हैं। (Recruitment Ethics) को ताक पर रखकर किए गए ऐसे प्रयासों से न केवल परीक्षा की विश्वसनीयता कम होती है, बल्कि योग्य उम्मीदवारों का हक भी मारा जाता है। रांची की इस घटना ने एक बार फिर यह बहस छेड़ दी है कि सरकारी नौकरियों के लिए होने वाली परीक्षाओं में और भी ज्यादा कड़े कानून बनाने की जरूरत है।
प्रशासन की सख्त चेतावनी और निगरानी
नामकुम पुलिस और रेलवे प्रशासन ने भविष्य की परीक्षाओं के लिए सुरक्षा और अधिक कड़ी करने के संकेत दिए हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे इस मामले में शामिल मुख्य अभ्यर्थी यानी लालू के जीजा की गिरफ्तारी के लिए भी छापेमारी कर रहे हैं। (Legal Action and Penalty) के डर के बिना इस तरह का दुस्साहस करने वालों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है ताकि समाज में एक कड़ा उदाहरण पेश किया जा सके।



