Jharkhand Investment: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का विदेशी दौरा रच सकता है निवेश और रोज़गार का नया इतिहास
Jharkhand Investment: झारखंड को अंतरराष्ट्रीय निवेश मानचित्र पर मजबूती से स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा और निर्णायक कदम उठाया जा रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जनवरी 2026 में स्विट्ज़रलैंड की आधिकारिक यात्रा पर जाएंगे, जहां वे राज्य की औद्योगिक, खनन और पर्यटन संभावनाओं को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करेंगे। यह दौरा केवल एक औपचारिक यात्रा नहीं, बल्कि झारखंड के आर्थिक भविष्य को नई दिशा देने वाला मिशन माना जा रहा है। राज्य सरकार का स्पष्ट लक्ष्य है कि विदेशी निवेशकों को झारखंड की वास्तविक ताकत और अवसरों से रूबरू कराया जाए, ताकि राज्य में (Global Investment) को आकर्षित किया जा सके।

भारत सरकार के सहयोग से तय हुआ अंतरराष्ट्रीय एजेंडा
यह पूरा कार्यक्रम भारत सरकार के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग द्वारा होस्ट किया जा रहा है, जिसमें झारखंड को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है। मुख्यमंत्री के साथ 15 से 16 वरिष्ठ अधिकारियों का उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल स्विट्ज़रलैंड रवाना होगा। इस टीम में मुख्य सचिव, उद्योग सचिव, उद्योग निदेशक और जियाडा निदेशक जैसे अनुभवी अधिकारी शामिल रहेंगे। इन अधिकारियों की मौजूदगी यह संकेत देती है कि राज्य सरकार निवेश को लेकर पूरी रणनीति और तैयारी के साथ आगे बढ़ रही है। इस समन्वित प्रयास का उद्देश्य है कि झारखंड की नीतियों और परियोजनाओं को (World Economic Forum) जैसे मंच पर ठोस तरीके से रखा जा सके।
दावोस सम्मेलन में पहली बार झारखंड की ऐतिहासिक मौजूदगी
स्विट्ज़रलैंड के दावोस में आयोजित होने वाली विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक में झारखंड की भागीदारी अपने आप में ऐतिहासिक होगी। पहली बार राज्य इस प्रतिष्ठित सम्मेलन में औपचारिक रूप से अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगा। दावोस सम्मेलन दुनिया भर के बड़े निवेशकों, उद्योगपतियों और राष्ट्राध्यक्षों के लिए एक साझा मंच होता है। यहां विचारों के साथ-साथ अरबों डॉलर के निवेश की संभावनाएं भी जन्म लेती हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मौजूदगी से झारखंड को सीधे वैश्विक नीति निर्धारकों और उद्योग जगत से संवाद करने का अवसर मिलेगा, जिससे (Jharkhand Industry) को नई पहचान मिल सकती है।
खनन और औद्योगिक शक्ति को मिलेगा अंतरराष्ट्रीय मंच
झारखंड अपनी समृद्ध खनिज संपदा और मजबूत औद्योगिक आधार के लिए जाना जाता है। इस विदेशी दौरे के दौरान राज्य की कोयला, लौह अयस्क और अन्य खनिज संसाधनों पर आधारित परियोजनाओं को विशेष रूप से प्रस्तुत किया जाएगा। उद्योग विभाग के अधिकारी निवेशकों को यह समझाने का प्रयास करेंगे कि झारखंड न केवल संसाधनों से भरपूर है, बल्कि नीतिगत सुधारों के चलते निवेश के लिए अनुकूल वातावरण भी प्रदान करता है। सरकार का मानना है कि सही वैश्विक साझेदारी से खनन क्षेत्र में तकनीक, पूंजी और रोजगार के नए द्वार खुल सकते हैं, जिससे (Mining Potential) का बेहतर उपयोग संभव होगा।
पर्यटन और संस्कृति से जुड़े अवसरों पर भी रहेगा फोकस
औद्योगिक और खनन क्षेत्र के साथ-साथ झारखंड की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विविधता भी निवेश का बड़ा आधार बन सकती है। इस यात्रा के दौरान पर्यटन को एक उभरते हुए सेक्टर के रूप में पेश किया जाएगा। जलप्रपातों, वन क्षेत्रों और आदिवासी संस्कृति से समृद्ध झारखंड को इको-टूरिज्म और एडवेंचर टूरिज्म के केंद्र के रूप में विकसित करने की संभावनाओं पर चर्चा होगी। अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के सामने यह संदेश रखा जाएगा कि पर्यटन क्षेत्र में निवेश से न केवल आर्थिक लाभ होगा, बल्कि स्थानीय समुदायों को भी सीधा फायदा मिलेगा। इस रणनीति से (Tourism Development) को नई रफ्तार मिलने की उम्मीद है।
दावोस के बाद लंदन में निवेश संवाद की तैयारी
स्विट्ज़रलैंड के बाद झारखंड का प्रतिनिधिमंडल लंदन का भी दौरा करेगा। लंदन को वैश्विक निवेश, शिक्षा और वित्त का बड़ा केंद्र माना जाता है। यहां बसे भारतीय प्रवासियों और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के साथ झारखंड में निवेश की संभावनाओं पर विशेष चर्चा होने की संभावना है। राज्य सरकार इस मौके का उपयोग झारखंड की ब्रांड वैल्यू को मजबूत करने और दीर्घकालिक साझेदारियां स्थापित करने के लिए करेगी। इस दौरान शिक्षा, स्टार्टअप और इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े प्रस्ताव भी सामने रखे जाएंगे, ताकि (Foreign Delegation) के माध्यम से ठोस निवेश समझौते हो सकें।
रोज़गार, विकास और ब्रांड झारखंड का नया सपना
राज्य सरकार का मानना है कि इस अंतरराष्ट्रीय पहल से झारखंड में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और आर्थिक विकास को गति मिलेगी। विदेशी निवेश से न केवल बड़े उद्योग स्थापित होंगे, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए कौशल विकास और नौकरी के नए रास्ते भी खुलेंगे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का यह दौरा झारखंड को एक भरोसेमंद और प्रगतिशील निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है। अगर योजनाएं जमीन पर उतरती हैं, तो आने वाले वर्षों में झारखंड की पहचान एक मजबूत आर्थिक राज्य के रूप में बन सकती है, जो (Economic Growth) की नई कहानी लिखेगा।



