Jharkhand Cabinet Meeting PESA Rules: ‘पेसा’ कानून पर हेमंत कैबिनेट का बड़ा दांव, ग्राम सभाओं को मिलेगा जल-जंगल-जमीन का असली हक
Jharkhand Cabinet Meeting PESA Rules: झारखंड की सियासत और शासन व्यवस्था के लिए आज का दिन बेहद निर्णायक साबित होने वाला है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में मंगलवार को अपराह्न तीन बजे रांची स्थित (Jharkhand Cabinet Decision Today) प्रोजेक्ट भवन में मंत्रिपरिषद की एक हाई-प्रोफाइल बैठक बुलाई गई है। इस बैठक पर न केवल सत्ता के गलियारों बल्कि राज्य के सुदूर ग्रामीण और आदिवासी अंचलों की भी नजरें टिकी हुई हैं। मुख्यमंत्री इस बैठक के जरिए कई ऐसी जनकल्याणकारी योजनाओं को हरी झंडी दे सकते हैं, जो आने वाले समय में राज्य के विकास का रोडमैप तैयार करेंगी।
पेसा नियमावली: ग्राम सभाओं के सशक्तिकरण का नया दौर
आज की कैबिनेट बैठक का सबसे संवेदनशील और बहुप्रतीक्षित एजेंडा पेसा (पंचायत एक्सटेंशन टू शेड्यूल्ड एरियाज) नियमावली को लागू करना है। सूत्रों के मुताबिक (PESA Act Implementation Jharkhand) को लेकर पंचायती राज विभाग ने एक संशोधित और सर्वसमावेशी प्रस्ताव तैयार किया है। इससे पहले इस नियमावली को लेकर कई विभागों ने तकनीकी आपत्तियां जताई थीं, जिन्हें अब विशेषज्ञों की मदद से पूरी तरह दूर कर लिया गया है। इस नियमावली के पारित होते ही अनुसूचित क्षेत्रों में स्वशासन की एक नई और मजबूत व्यवस्था की नींव पड़ जाएगी।
ग्राम सभाओं को मिलेगी जल, जंगल और जमीन की ताकत
पेसा नियमावली लागू होने के बाद झारखंड के अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभाएं केवल नाममात्र की नहीं रह जाएंगी, बल्कि उन्हें (Traditional Self Governance Strengthening) के तहत व्यापक संवैधानिक अधिकार प्राप्त होंगे। स्थानीय स्तर पर प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन हो या विकास योजनाओं का चयन, अब ग्राम सभाओं की सहमति अनिवार्य होगी। यह बदलाव विशेष रूप से आदिवासियों और महिलाओं को निर्णय लेने की प्रक्रिया में मुख्यधारा में लाएगा, जिससे सामाजिक न्याय की अवधारणा जमीन पर उतरती दिखाई देगी।
स्वास्थ्य सेवाओं को हाईटेक बनाने पर मंथन
बैठक के एजेंडे में केवल प्रशासनिक सुधार ही नहीं, बल्कि आम जनता की सेहत से जुड़ी योजनाएं भी शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से (Healthcare Infrastructure Development Proposal) पेश किए जाने की संभावना है, जिसका लक्ष्य राज्य के ग्रामीण अस्पतालों में आधुनिक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी को दूर करने और दवाओं की निर्बाध आपूर्ति के लिए भी कुछ अहम वित्तीय प्रस्तावों को कैबिनेट की मंजूरी मिल सकती है, जिससे आम आदमी को बेहतर इलाज के लिए महानगरों की ओर नहीं भागना पड़ेगा।
युवाओं के लिए रोजगार और कौशल विकास की सौगात
हेमंत सोरेन सरकार का विशेष फोकस युवाओं को रोजगार से जोड़ने पर रहा है। इसी कड़ी में श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा (Skill Development and Employment Opportunities) से संबंधित नए प्रस्ताव कैबिनेट के समक्ष रखे जा रहे हैं। इन प्रस्तावों के जरिए राज्य में उद्योगों की मांग के अनुसार युवाओं को ट्रेनिंग देने और स्वरोजगार के लिए कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा सकती है। इससे न केवल पलायन रुकेगा बल्कि झारखंड की प्रतिभा को स्थानीय स्तर पर ही अपनी पहचान बनाने का मौका मिलेगा।
शिक्षा विभाग के एजेंडे में बड़े बदलाव की आहट
शिक्षा के क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए शिक्षा विभाग ने भी अपनी तैयारी पूरी कर ली है। कैबिनेट बैठक में (Education Sector Reforms Jharkhand) के तहत स्कूलों के उन्नयन और शिक्षकों की रिक्तियों को भरने की प्रक्रिया को गति देने पर चर्चा हो सकती है। सरकार का उद्देश्य है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को निजी स्कूलों जैसी सुविधाएं मिलें। साथ ही, उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्तियों के दायरे को बढ़ाने से जुड़े प्रस्तावों पर भी मुहर लग सकती है, जो मेधावी छात्रों के लिए वरदान साबित होगा।
महिलाओं और कमजोर वर्गों की बढ़ेगी भागीदारी
पेसा और अन्य विकासात्मक प्रस्तावों का सामूहिक लक्ष्य समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को सशक्त बनाना है। (Social Empowerment Schemes) के माध्यम से सरकार यह संदेश देना चाहती है कि ग्राम सभाओं में अब कमजोर वर्गों की आवाज दबेगी नहीं। महिलाओं की भागीदारी बढ़ने से विकास के कार्यों में पारदर्शिता आएगी और भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी। आज की मंत्रिपरिषद की बैठक को इसीलिए झारखंड के प्रशासनिक इतिहास में एक ‘टर्निंग पॉइंट’ के रूप में देखा जा रहा है।
प्रशासनिक भविष्य के लिए निर्णायक क्षण
कुल मिलाकर, आज मंगलवार को होने वाली यह बैठक केवल औपचारिक चर्चा तक सीमित नहीं रहेगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में (State Development Strategy) को लेकर जो फैसले लिए जाएंगे, उनका प्रभाव दशकों तक महसूस किया जाएगा। प्रोजेक्ट भवन में होने वाले ये निर्णय यह तय करेंगे कि झारखंड अपने संसाधनों का बेहतर उपयोग कैसे करता है। अब बस शाम का इंतजार है जब कैबिनेट ब्रीफिंग में इन ऐतिहासिक फैसलों की आधिकारिक घोषणा की जाएगी।
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