झारखण्ड

झारखंड में मानसून की बेरुखी से बढ़ने लगी गर्मी, किसानों के लिए आफत

झारखंड में मॉनसून पूरी तरह रूठा हुआ हैखासकर राजधानी रांची में पिछले 24 घंटे में जबरदस्त कड़क धूप देखी देखी गई जिससे लोगों को गर्मी और उमस दोनों की ही मार झेलनी पड़ीअन्य जिले जैसे जमशेदपुर, लोहरदगा, लातेहार, गोड्डा, हजारीबाग और धनबाद का अधिकतम तापमान भी 35 डिग्री तक रहाजिस कारण मॉनसून में भी लोगों को गर्मी झेलनी पड़ी रही हैं

मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने बोला कि अभी आने वाले चार पांच दिनों तक ऐसी स्थिति बनी रहेगीलोगों को गर्मी से राहत नहीं मिलेगीपूरे राज्य में अभी वर्षा की भी कोई आशा नहीं हैहालांकि बीच में हल्की-फुल्की छुटपुट बारिश हो सकती हैलेकिन उसे अधिकतम तापमान में कोई अधिक फर्क नहीं पड़ेगाइस गर्मी का मुख्य कारण है मॉनसून ट्रफ का झारखंड से डिपार्चर होनाफिलहाल मॉनसून ट्रफ अंबाला, अमृतसर ,बंगाल के दीघा से पार होते हुए बंगाल की खाड़ी की ओर स्थित है

इन जिलों में हुई सबसे कम बारिश
झारखंड के कुछ जिलों में काफी कम बारिश दर्ज की गई हैजिनमें चतरा सबसे ऊपर है चतरा में -62% कम वर्षापात दर्ज की गई हैवही, लोहरदगा में -50%, गुमला में – 50%, जामताड़ा में -48%, कोडरमा – 47% और हजारीबाग में – 54% वर्षपात दर्ज की गई हैवहीं पूरे राज्य में अब तक सामान्य रूप से 778.3 मिमी वर्षा हो जानी चाहिए थीलेकिन अब तक 504.8 मिमी ही बारिश दर्ज की गई हैयानी अभी राज्य में – 36% की डिफिशिएंसी बनी हुई है

किसानों के लिए आफत
वैसे तो धान रोपनी हो चुकी है, लेकिन इसके बाद भी फसल के लिए अच्छी खासी बारिश की आवश्यकता होती हैलेकिन मॉनसून की बेरुखी से किसानों के चेहरे पर उदासी छाई हुई हैरांची के बारूबड़ा गांव के कार्तिक कहते हैं रोपनी तो हो गई हैंलेकिन रोपनी के बाद भी धान में अच्छी खासी बारिश की आवश्यकता पड़ती हैलेकिन इतनी कड़ी धूप में जैसी फसल होनी चाहिए वैसी फसल नहीं हो पा रही हैइस बारिश पर ही हमारे वर्ष भर की आमदनी टिकी रहती हैअब गवर्नमेंट के सुखाड़ योजना से ही कुछ आशा है

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