झारखण्ड

Dishom Guru Shibu Soren Coaching Institute Ranchi: रांची में ‘गुरुजी’ के नाम से शुरू हुआ शिक्षा का महाकुंभ, अब हकीकत बनेगा आदिवासी बच्चों के मेडिकल-इंजीनियरिंग का ख्वाब

Dishom Guru Shibu Soren Coaching Institute Ranchi: राजधानी रांची के हिंदपीढ़ी में सोमवार का दिन स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो गया, जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जनजातीय समाज के बच्चों के लिए खुशियों का द्वार खोला। कल्याण विभाग द्वारा संचालित (Free Coaching for ST Students) के इस महत्वाकांक्षी केंद्र, दिशोम गुरु शिबू सोरेन कोचिंग संस्थान का विधिवत उद्घाटन किया गया। यह केवल एक भवन नहीं, बल्कि उन हजारों आदिवासी युवाओं की उम्मीदों का केंद्र है जो संसाधनों के अभाव में अपनी प्रतिभा को निखारने से वंचित रह जाते थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने दिशोम गुरु शिबू सोरेन की प्रतिमा का अनावरण कर राज्य के नायकों के प्रति सम्मान व्यक्त किया।

Dishom Guru Shibu Soren Coaching Institute Ranchi
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इंजीनियरिंग और मेडिकल की राह हुई अब आसान

उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भावुक स्वर में कहा कि यह संस्थान आने वाली पीढ़ी के लिए विकास का एक नया अध्याय लिखेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि (Competitive Exam Preparation Support) प्रदान करना सरकार की प्राथमिकता है, ताकि हमारे बच्चे भी देश की सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग और मेडिकल परीक्षाओं में अपना परचम लहरा सकें। गुरुजी की स्मृति में स्थापित यह केंद्र आदिवासी समाज के उन मेधावी बच्चों के लिए मार्गदर्शक बनेगा जो अपनी मेहनत से दुनिया बदलना चाहते हैं।

पढ़ाई के साथ खेलों से होगा सर्वांगीण विकास

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार का लक्ष्य केवल किताबी ज्ञान देना नहीं है, बल्कि बच्चों के व्यक्तित्व का पूर्ण विकास करना है। संस्थान में (Student Holistic Development Approach) को अपनाते हुए पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद की भी विश्वस्तरीय व्यवस्था की गई है। सरकार अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्ग के उत्थान के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। मरांग गोमके छात्रवृत्ति योजना जैसी पहल से राज्य के बच्चों को विदेशों में भी उच्च शिक्षा का मौका मिल रहा है, जो झारखंड के गौरव को बढ़ा रहा है।

गुरुजी क्रेडिट कार्ड से मिलेगी 15 लाख की मदद

आर्थिक बाधाओं को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री ने गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना की विस्तार से जानकारी दी। इसके तहत (Financial Aid for Poor Students) के रूप में 15 लाख रुपये तक का क्रेडिट उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे मेधावी छात्र बिना किसी वित्तीय तनाव के अपनी उच्च शिक्षा पूरी कर सकें। सोरेन ने युवाओं से अपनी संस्कृति और परंपराओं को सहेजते हुए आधुनिक शिक्षा से जुड़ने का आह्वान किया। राज्य के हर जिले में आधुनिक पुस्तकालयों का जाल बिछाया जा रहा है ताकि सुदूर क्षेत्रों तक ज्ञान की रोशनी पहुँच सके।

कोटा की तर्ज पर मिलेगा उच्चस्तरीय शिक्षण

कल्याण विभाग के सचिव कृपानंद झा ने बताया कि इस संस्थान का संचालन पीपीपी मोड के तहत किया जा रहा है। गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए (Kota Motion Coaching Tieup) के साथ करार किया गया है, जो देश के सबसे प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थानों में से एक है। पहले चरण में नीट और इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए 300 विद्यार्थियों का चयन किया गया है। विभाग की योजना है कि भविष्य में यहाँ 11वीं और 12वीं की नियमित कक्षाएं भी शुरू की जाएं, जिससे बच्चों को शुरुआत से ही सही दिशा मिल सके।

कोटा के मानकों के साथ रांची में बढ़ेगा बच्चों का स्तर

मोशन कोचिंग संस्थान के वाइस प्रेसिडेंट शिवप्रकाश विजय ने बताया कि चयन प्रक्रिया को बहुत ही सघन और पारदर्शी रखा गया है। उन्होंने आश्वस्त किया कि रांची के इस (Educational Excellence Standards Ranchi) केंद्र में विद्यार्थियों को वही सुविधाएं और शैक्षणिक माहौल दिया जाएगा जो कोटा में मिलता है। कोटा के अनुभवी फैकल्टी और अध्ययन सामग्री के जरिए झारखंड के बच्चे राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन करने के लिए तैयार किए जाएंगे, जिससे राज्य का रिजल्ट ग्राफ तेजी से ऊपर जाएगा।

मुख्यमंत्री की दूरदर्शी सोच का मिला सराहना

अनुसूचित जनजाति मंत्री चमरा लिंडा ने कार्यक्रम में कहा कि यह मुख्यमंत्री की दूरदर्शी सोच का ही परिणाम है कि आज शोषित और वंचित समाज के बच्चों को समान अवसर मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि (Tribal Society Educational Empowerment) दिशोम गुरु शिबू सोरेन का पुराना सपना था, जिसे आज धरातल पर उतारा जा रहा है। समाज शिक्षित होगा तभी झारखंड की उन्नति संभव है। राज्यसभा सांसद महुआ माजी और मुख्य सचिव अविनाश कुमार झा ने भी इस पहल को राज्य के लिए मील का पत्थर बताया।

आवासीय सुविधाओं के साथ निःशुल्क अध्ययन सामग्री

पहले सत्र में चयनित 300 विद्यार्थियों के लिए संस्थान परिसर में ही तीन आधुनिक छात्रावासों का निर्माण किया गया है। (Residential Coaching Facility Jharkhand) के माध्यम से बच्चों को रहने और खाने की चिंता से मुक्त कर पूरी तरह पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने का मौका मिलेगा। चूंकि इस बार नामांकन प्रक्रिया में थोड़ा विलंब हुआ है, इसलिए विभाग ने अतिरिक्त कक्षाओं के आयोजन की घोषणा की है। यह संस्थान झारखंड के आदिवासी युवाओं के जीवन में ज्ञान और प्रगति का एक नया सवेरा लेकर आया है।

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