पाकिस्तान में ट्रेन हाईजैक करने वाली बलूच लिबरेशन आर्मी की क्या है मांग…
Pakistan Train Hijack : पाक से अलग बलूचिस्तान की मांग को लेकर बलूच आतंकियों ने बलूचिस्तान के बोलन जिले के पास जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक कर लिया। इस घटना में अबतक 155 यात्रियों को बचाया गया है। 27 आतंकवादी मारे गए हैं, जबकि 11 मार्च से 12 मार्च तक के रेस्क्यू ऑपरेशन में अबतक 30 सुरक्षाकर्मियों के मारे जाने की सूचना है। ट्रेन को हाईजैक करना एक बड़ा ही संगीन मुद्दा है और इस घटना ने पूरे विश्व का ध्यान इस ओर खींचा है। आतंकियों ने मशकफ सुरंग के पास ट्रेन को हाईजैक किया। पाकिस्तानी एजेंसियों के मुताबिक जाफर एक्सप्रेस को जब हाईजैक किया गया, उस समय ट्रेन में 400 यात्री थे। यह ट्रेन क्वेटा से चली थी। बलूच लिबरेशन आर्मी ने हाइजैक करने की जिम्मेदारी ली है और बयान जारी कर यह बोला है कि वे मातृभूमि के लिए संघर्ष कर रहे हैं और जबतक उनकी मांग पूरी नहीं होगी वे संघर्ष करते रहेंगे।

क्या है बलूच लिबरेशन आर्मी?
बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) पाक का एक प्रतिबंधित आतंकी संगठन है। यह आर्मी पाक के सबसे बड़े प्रांत बलूचिस्तान एक्टिव है। बलूच लिबरेशन आर्मी का गठन 2000 के दशक की आरंभ में हुआ था, हालांकि यह अधिकारिक स्थापना का साल है। बलूच लिबरेशन आर्मी 1970 से ही एक्टिव रहा था, लेकिन उस समय इसके विरुद्ध अभियान चलाकर इसे दबा दिया गया थाो यह आर्मी यह चाहती है कि बलूचिस्तान को एक स्वतंत्र देश बनाया जाए और उसका अपना अस्तित्व हो। यही वजह है कि बलूच लिबरेशन आर्मी पाकिस्तानी सेना के विरुद्ध संघर्षरत है।
बलूचिस्तान को स्वतंत्र करने की मांग कब और क्यों उठी?
1947 में जब हिंदुस्तान का विभाजन हुआ और पाक एक अलग देश बना, उसी समय से बलूचिस्तान अलग राष्ट्र की मांग उठती रही है। बलूचों का इल्जाम यह है कि पाक ने उन्हें जबरन अपने में शामिल कर लिया था, जबकि वे उसी समय से अपनी अलग पहचान के लिए आवाज बुलंद कर रहे हैं और स्वयं को अलग देश के रूप में देखते हैं। अंग्रेजों ने आजादी के समय जब देसी रियासतों को अपने भविष्य का निर्णय करने की इजाजत दी थी, तो उनके पास तीन विकल्प थे- पहला वे हिंदुस्तान में शामिल हो जाएं, दूसरा वे पाक में शामिल हो जाएं और तीसरा वे स्वतंत्र भी रह सकते हैं। उस समय बलूचिस्तान की कलात रियासत जो एक बड़े हिस्से में फैली थी उसने स्वतंत्र रहने का निर्णय किया था और 11 अगस्त को अपनी स्वतंत्रता घोषित भी कर दी थी, उसे 1948 में पाक ने अपने में मिला लिया था। उसी समय से बलूचिस्तान में अलग राष्ट्र की मांग उठती रही है।
क्या है बलूच लिबरेशन आर्मी की स्थिति
अधिकारिक स्थापना के बाद से बलूच लिबरेशन आर्मी अधिक एक्टिव है। बलूच नेता नवाब अकबर बुग्ती की 2006 में जब मर्डर हुई तो बलूचिस्तान में उपद्रव अधिक तेज हो गया। बलूच लिबरेशन आर्मी ने पाकिस्तानी सेना और सरकारी प्रतिष्ठानों पर हमले तेज कर दिए, जिसके बाद पाक गवर्नमेंट ने बलूच लिबरेशन आर्मी पर प्रतिबंध लगा दिया। बलूच सेना आर्मी लगाता पाक और चीन की गवर्नमेंट को यह चेतावनी दे रहा है कि वह बलूचिस्तान में उनके मर्जी के बिना कोई काम ना करें, इसका विरोध करने के लिए BLA ने चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) से जुड़े ठिकानों पर हमले भी किए, रिज़ल्ट उसपर प्रतिबंध के रूप में सामने आया। अमेरिका ने भी बलूच लिबरेशन आर्मी पर प्रतिबंध लगा रखा है।
अलग देश बलूचिस्तान की मांग क्यों?
बलूचों का दावा है कि वे पाक से अलग हैं। उनकी सभ्यता-संस्कृति कुछ भी पाकिस्तानियों से मेल नहीं खाती है। वे यह मानते हैं कि पाक में पंजाबियों की जो संस्कृति है वे उनसे अलग हैं। साथ ही बलूचिस्तान में खनिज संपदा का भंडार होने के बाद भी यह क्षेत्र विकास से कोसों दूर है, जिसकी वजह से यहां के लोग दोहन का इल्जाम लगाते रहे हैं। यहां मुख्यत: बलूच जाति के लोग रहते हैं, जो बलोची बोलते हैं। ये लोग स्वयं को ईरानी मूल का बताते हैं इनकी उपजातियां इस प्रकार है-
- मरी (Marri)
- बुग्ती (Bugti)
- रिंद (Rind)
- मेंगल (Mengal)
- बलोच (Baloch)
- लशारी (Lashari)
- नौशेरवानी (Nausherwani)
बलूचिस्तान में पश्तून जाति के लोग भी रहते हैं जिनकी भाषा पाश्तो है। ये लोग क्वेटा और उसके आसपास के इलाकों में अधिक रहते हैं। इनके अतिरिक्त ब्राहुई जाति के लोग भी बलूचिस्तान में हैं। इनकी भाषा ब्राहुई है। इन लोगों का मानना है कि पाक का पंजाबी बहुल प्रशासन इनकी पहचान को मिटाना चाहता है।
बलूचों के 5 बड़े विद्रोह
बलूचिस्तान की स्वतंत्रता के लिए बलूचों ने कई बार उपद्रव किया, लेकिन उन्हें अबतक कामयाबी नहीं मिली है। बलूचों के उपद्रव इस प्रकार हैं-
- पहला उपद्रव 1948 : पाकिस्तानी सेना ने उपद्रव को दबा दिया।
- दूसरा उपद्रव 1958-59: सेना ने कुचल दिया।
- तीसरा उपद्रव 1962-69: सेना ने दबा दिया।
- चौथा उपद्रव 1973-77: इस उपद्रव में हजारों बलूच शहीद हुए
- पांचवां उपद्रव 2004 से जारी : बलूच लिबरेशन आर्मी और पाकिस्तानी सेना में संघर्ष
बलूचिस्तान के स्वतंत्रता आंदोलन में एक्टिव प्रमुख संगठन इस प्रकार हैं –
- बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA)
- बलूच रिपब्लिकन आर्मी (BRA)
- बलूच लिबरेशन फ्रंट (BLF)
- बलूच नेशनल मूवमेंट (BNM)

