Pakistan Train Hijack: पाकिस्तानी सेना ने 346 बंधकों को सुरक्षित बचा लिया
Pakistan Train Hijack: पाक की जाफर एक्सप्रेस ट्रेन के किडनैपिंग से जुड़े रेस्क्यू ऑपरेशन को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। पाकिस्तानी सेना ने 346 बंधकों को सुरक्षित बचा लिया और इस दौरान 33 बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के लड़ाकों को मार गिराया। यह अभियान 24 घंटे से भी अधिक समय तक चला। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ ने इस संबंध में ‘दुनिया न्यूज’ चैनल को जानकारी देते हुए कहा कि सुरक्षा बलों ने ट्रेन को हाईजैक करने वाले सभी आतंकियों का सफाया कर दिया और यात्रियों को सुरक्षित रिहा करा लिया।

इस हमले में उपद्रवियों ने 21 यात्रियों की मर्डर कर दी, साथ ही अर्धसैनिक बल के चार जवान भी मारे गए। जाफर एक्सप्रेस ट्रेन बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा से खैबर पख्तूनख्वा के पेशावर जा रही थी, जब आतंकियों ने विस्फोटकों का इस्तेमाल कर ट्रेन को बेपटरी कर दिया और उस पर कब्जा कर लिया। ट्रेन में लगभग 400 यात्री सवार थे। इस हमले की जिम्मेदारी बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने ली थी।
सूत्रों के अनुसार, यह ऑपरेशन दो चरणों में पूरा किया गया। पहले चरण में मंगलवार रात 168 लोगों को बचाया गया, जबकि बुधवार को 178 लोगों को सुरक्षित निकाला गया। आतंकी इस दौरान स्त्रियों और बच्चों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहे थे। सेना ने अत्यधिक सतर्कता और कुशल रणनीति अपनाते हुए इस ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
बीएलए के हमलावरों का संबंध अफगानिस्तान स्थित आतंकवादियों से भी कहा जा रहा है। इस हमले के पीछे का मास्टरमाइंड अफगानिस्तान में एक्टिव आतंकियों के संपर्क में था। अपुष्ट खबरों के अनुसार, बीएलए ने पहले दावा किया था कि उन्होंने स्त्रियों और बच्चों को छोड़ दिया था और 200 से अधिक यात्रियों को बंधक बना लिया था। उनका बोलना था कि अपहृत यात्रियों की पहचान करने के बाद कम से कम 20 सुरक्षाकर्मियों को मार दिया गया।
बलूच लिबरेशन आर्मी ने पाक गवर्नमेंट को 20 घंटे का अल्टीमेटम दिया था, जिसमें बोला गया था कि या तो बंधकों की अदला-बदली कर ली जाए या फिर गंभीर रिज़ल्ट भुगतने के लिए तैयार रहा जाए। बीएलए ने दावा किया था कि उन्होंने अब तक 100 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया है और 150 लोगों को बंधक बनाए रखा है। उन्होंने चेतावनी दी थी कि यदि पाकिस्तानी सेना उनके विरुद्ध अभियान जारी रखती है तो वे बाकी बंधकों को भी मार डालेंगे।
इस हाईजैकिंग के दौरान बंधक बनाए गए लोगों की एक सूची भी जारी की गई थी, जिसमें 180 लोगों के नाम थे। वहीं, पाकिस्तानी गवर्नमेंट ने 200 ताबूत भेजे थे, जिनकी फोटोज़ भी सामने आईं। इस ऑपरेशन के दौरान पाक सेना ने एक रिलीफ ट्रेन का इस्तेमाल किया, जिसमें सशस्त्र जवानों को भेजा गया था। बलूच लिबरेशन आर्मी को पाक के अतिरिक्त ईरान, चीन, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, संयुक्त देश और यूरोपीय संघ ने आतंकी संगठन घोषित किया है।
मंगलवार को बड़ी संख्या में बीएलए आतंकियों ने बलूचिस्तान में बोलान दर्रे के ढाबर क्षेत्र में रेल की पटरी को विस्फोटकों से उड़ा दिया, जिससे ट्रेन रुकने को विवश हो गई। इसके बाद उन्होंने ट्रेन पर धावा कर दिया। सुरक्षा बलों और रेलवे ऑफिसरों ने कहा कि यह धावा सुरंग संख्या आठ के पास हुआ था।
हाईजैकिंग से बचकर निकले कुछ लोगों ने उस समय की भयावह स्थिति को बयान किया। एक प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार, जब आतंकियों ने ट्रेन को हाईजैक किया, तो यात्री भय में आ गए और चीखने-चिल्लाने लगे। लोग अपनी जान बचाने के लिए ट्रेन के अंदर लेट गए। उन्होंने ब्लास्ट और फायरिंग की आवाजें सुनीं। एक यात्री ने कहा कि वह और उसकी पत्नी ट्रेन में सवार थे। आतंकवादियों ने उन्हें ट्रेन से नीचे उतारने के बाद सुरक्षित जाने दिया। इसके बाद वे पैदल ही सुरक्षित जगह तक पहुंचे।
इस घटना ने पाक में सुरक्षा की गंभीरता को उजागर किया है। बलूचिस्तान में लंबे समय से अलगाववादी गतिविधियां चल रही हैं और इस क्षेत्र में इस प्रकार की हिंसक घटनाएं होती रही हैं। पाक गवर्नमेंट और सेना के लिए यह एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।
इस हमले ने पूरे राष्ट्र को झकझोर कर रख दिया है और प्रश्न उठाए जा रहे हैं कि सुरक्षा प्रबंध इतनी कमजोर कैसे हो सकती है कि आतंकी इतनी सरलता से एक यात्री ट्रेन को हाईजैक कर लेते हैं। पाकिस्तानी सेना की कार्रवाई से बंधकों को तो बचा लिया गया, लेकिन इस घटना ने राष्ट्र की सुरक्षा एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं।
 
				
