जो बाइडन ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को ‘तानाशाह’ दिया करार
US-China Relations: यूएस प्रेसिडेंट जो बाइडन ने बुधवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को ‘तानाशाह’ करार दिया। इस बयान से कुछ समय पहले वह शी के साथ एक बैठक में उपस्थित थे जिसमें दोनों राष्ट्रों के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा कर रहे थे। बाइडेन के इस बयान के कई अर्थ निकाले जा रहे हैं। इससे पहले की हम इस पर बात करें पहले जानते हैं कि यूएस प्रेसिडेंट आखिर बोला क्या था।
शी के साथ करीब चार घंटे की वार्ता के बाद बाइडेन ने सोलो प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंत में उनसे पूछा गया कि क्या उनका अब भी मानना है कि शी एक तानाशाह है, जैसी कि उन्होंने जून में बोला था। इस पर बाइडेन ने कहा, ‘देखिए, वह हैं। मेरा मतलब है कि वह इस अर्थ में तानाशाह हैं कि वह ऐसे राष्ट्र का नेतृत्व करने वाले आदमी हैं जो कम्युनिस्ट राष्ट्र है और जो ऐसी गवर्नमेंट से चलता है जो हमसे बिल्कुल अलग है।’
यूएस प्रेसिडेंट ने शी जिनपिंग के साथ चार घंटे की बैठक के बारे में बोला ‘हमने प्रगति की है।’ इससे पहले दोनों नेताओं ने नवंबर 2022 में इंडोनेशिया के बाली में जी20 शिखर सम्मेलन से इतर आमने-सामने की मुलाकात की थी।
चीन की बाइडेन के बयान पर प्रतिक्रिया
जून में जब बाइडेन ने शी को तनाशाह बोला तो बीजिंग ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। उनकी इस टिप्पणी को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की यात्रा के बाद दोनों पक्षों के बीच वार्ता को आगे बढ़ाने में अस्थायी प्रगति पर एक छाया डालने के रूप में देखा गया था।
गुरुवार को चीनी विदेश मंत्रालय की ब्रीफिंग में बिडेन की नवीनतम टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर, एक प्रवक्ता ने इसे ‘बेहद गलत’ और ‘गैर-जिम्मेदाराना सियासी पैंतरेबाजी’ कहा, जिसका चीन दृढ़ता से विरोध करता है। प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, ‘यह इंगित करने की जरूरत है कि चीन-अमेरिका संबंधों को कमजोर करने का कोशिश करने वाले गुप्त उद्देश्यों वाले कुछ लोग हमेशा रहेंगे। वे ऐसा करने में सफल नहीं होंगे।’ हालांकि यह अभी भी साफ नहीं है कि इस आगे कोई और प्रतिक्रिया होगी या नहीं।
चार घंटे की मीटिंग के फायदों को कम कर सकती है यह कमेंट
बाइडेन की यह टिप्पणी चीनी और अमेरिकी राष्ट्रपतियों के बीच चार घंटे की वार्ता के दौरान प्राप्त फायदा को कमजोर कर सकती है। बाइडेन ने बोला कि दोनों राष्ट्र फेंटेनाइल डिस्ट्रिब्यूशन से लड़ने, सीनियर लेवल पर मिलिटी टू मिलिट्री कम्युनिकेशन को फिर से प्रारम्भ करने और एक समझ बनाने के जरूरी समझौते पर पहुंचे हैं, जहां कोई भी नेता किसी भी गलत संचार को हल करने के लिए दूसरे को सीधे कॉल कर सकता है।
बाइडेन ने कहा, ‘मेरा मानना है कि वे हमारे बीच हुई सबसे रचनात्मक और उत्पादक चर्चाओं में से कुछ थीं।’