भारत ने ताइवान में नई सरकार को दी बधाई, जिससे चीन को मिर्ची लगी
ताइवान: हिंदुस्तान ने ताइवान में हाल ही में हुए चुनाव में जीत हासिल करने वाले नेताओं को शुभकामना दी है। इसी वजह से चीन तिलमिलाया हुआ है। वास्तव में, यह उस राष्ट्र पर कुठाराघात है जो ताइवान को शुभकामना देता है। सेंट्रल न्यूज एजेंसी ताइवान (फॉक्स-ताइवान) की रिपोर्ट के मुताबिक, ताइवान में हिंदुस्तान का अगुवाई कर रहे मनहरसिंह लक्ष्मणभाई यादव ने नौ निर्वाचित नेताओं को शुभकामना दी है।

समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, लक्ष्मणभाई यादव ने यहां रहने वाले हिंदुस्तानियों के ‘स्वागत समारोह’ को संबोधित करते हुए ताइवान की नवनिर्वाचित गवर्नमेंट को हिंदुस्तान का गणतंत्र दिवस कैसे मनाया जाए, इसकी शुभकामनाएं भी दीं। यह कहते हुए कि हम ताइवान के लोकतंत्र को फलते-फूलते देख सकते हैं, इसके नेताओं ने इसकी कामयाबी के लिए अथक कोशिश भी किए हैं।
गौरतलब है कि हिंदुस्तान ने ताइवान में कोई आधिकारिक दूतावास स्थापित नहीं किया है, लेकिन इस ‘भारत-ताइवान-एसोसिएशन’ के वरिष्ठ नेता ही ‘राजदूत’ के रूप में कार्य करते हैं। दूसरी ओर, ताइवान के संस्कृति और शिक्षा विभाग के कार्यालय दिल्ली और मुंबई में हैं। जो असल में ताइवान में एक दूतावास के तौर पर काम करता है। इसके वरिष्ठ नेता राजदूत के रूप में कार्य करते हैं। दोनों राष्ट्रों के ये प्रतिनिधि लगातार दोनों राष्ट्रों के विदेश मंत्रालयों के संपर्क में हैं। चीन यह जानता है। इसीलिए मनहरसिंह के इन बयानों से चीन नाराज हो गया है। क्योंकि चीन ताइवान पर अपना दावा करता है, वहीं दूसरी ओर ताइवान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति लाई-विंग किसी भी मूल्य पर ताइवान की आजादी के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इतना ही नहीं, कभी चीन का करीबी रहा फिलीपींस भी चीन के बुरे बर्ताव से वाकिफ हो गया है। वह अब खुलकर चीन के विरुद्ध हो गई है। फिलीपीन के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर ने ताइवान में राष्ट्रपति चुनाव जीतने वाले लाई-चिंग-टेन को आधिकारिक तौर पर शुभकामना दी है। इसलिए चीन नाराज है, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने फिलीपींस की गतिविधि को चीन के आंतरिक मामलों में ‘हस्तक्षेप’ के समान कहा है।
 
				
