अंतर्राष्ट्रीय

Global Warming के कारण अंटार्कटिका में टूटा एक बड़ा हिमखंड

अंटार्कटिका एक बार फिर से चर्चा में आ गया है. इस बार यहां लगभग 380 वर्ग किलोमीटर का एक बड़ा हिमखंड यानी आइसबर्ग टूट गया है. इस क्षेत्र में हिमखंड टूटने की घटनाएं बीते कुछ सालों से देखने को मिल रही है. यह हिमखंड ब्रंट आइस शेल्फ से टूटकर अलग हुआ है, जो कि एक विशाल हिम चट्टान है.

बता दें कि यह हिमखंड ब्रंट आइस शेल्फ से टूटकर अलग हुआ है. यह मूल रूप से एक विशाल हम चट्टान है. इस हिमखंड के टूटने की जानकारी यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी की रिपोर्ट में सामने आई है. एजेंसी की माने तो बीते 4 सालों में हिमखंड टूटने की यह तीसरी घटना दर्ज हुई है. कहां जा रहा है कि हिमखंड टूटने की घटना 20 में को हुई है जिसका मुख्य कारण जलवायु बदलाव बताया जा रहा है. दरअसल जलवायु बदलाव के कारण बर्फ कमजोर पड़ रही है. हेलोवीन क्रैक इससे बढ़ने लगे हैं और बर्फ टूट रही है. लंबे समय से हेलोवीन क्रैक बर्फ में देखे जा रहे हैं.

कई वैज्ञानिक सेटेलाइट की सहायता से इन हम करो की नज़र कर रहे हैं. वैज्ञानिकों ने भी सेटेलाइट की सहायता से ही हिम खंडों को टूटते हुए देखा है. बता दें की सबसे पहले साल 2021 में हिमखंड टूटने की पहली घटना दर्ज हुई थी. इस दौरान 1270 वर्ग किलोमीटर का एक a74 हिमखंड टूटकर अलग हुआ था. इसके बाद जनवरी 2023 में 1550 वर्ग किलोमीटर का a81 हिमखंड टूटकर अलग हुआ था. इस हिमखंड का आकार ग्रेटर लंदन के बराबर था. बता दे कि दोनों ही हिमखंड जब टूटे तो इस घटना को यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी और नासा की सेटेलाइट ने रिकॉर्ड भी किया था. बता दें कि आइसबर्ग a83 को 20मई को टूटे हिमखंड को अमेरिकी राष्ट्रीय हिम केंद्र ने नाम दिया है.

बता दे की अंटार्कटिका में हिमखंड का टूटना एक प्राकृतिक घटना भी है जो नियमित रूप से होती है. लेकिन हाल के सालों में यह घटना काफी बढ़ने लगी है जिसका मुख्य कारण ग्लोबल वार्मिंग कहा जा रहा है. ग्लोबल वार्मिंग के दुष्प्रभाव के कारण ही यह घटना बढ़ने लगी है. बता दे की हिमखंड सूर्य के प्रकाश को अंतरिक्ष में परिवर्तित करते हैं जिससे पृथ्वी ठंडी रहती है. उल्लेखनीय है कि जब हिमखंड टूटते हैं तो इससे समुद्र का जल स्तर भी बढ़ने लगता है, जिस कारण तटीय बाढ़, कटाव और तूफान का खतरा मंडराने लगता है. हिमखंड के टूटने से समुद्री जल के पोषक तत्वों में भी कमी आती है जिससे समुद्री जीवन खतरे में पड़ता है.

 

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