Emperor Emeritus Akihito 92nd Birthday: जापान के सम्राट एमेरिटस अकिहितो ने दिल के रोग को धूल चटाकर मनाया 92वें जन्मदिन का जश्न
Emperor Emeritus Akihito 92nd Birthday: जापान के पूर्व सम्राट अकिहितो ने मंगलवार को अपना 92वां जन्मदिन अत्यंत गरिमा और सादगी के साथ मनाया। टोक्यो स्थित शाही महल से जारी सूचना के अनुसार, पूर्व सम्राट अब स्वस्थ हैं और अपनी उम्र के इस पड़ाव का आनंद ले रहे हैं। (Imperial Family Birthday Celebration) के इस विशेष अवसर पर सम्राट नारुहितो के पिता अकिहितो को दुनिया भर से बधाइयां मिल रही हैं। उनके जन्मदिन के उपलक्ष्य में महल में विशेष स्वागत समारोह का आयोजन किया गया, जहां जापान की प्रधानमंत्री सनाए ताकाइची सहित कई प्रतिष्ठित हस्तियों ने शिरकत की।
स्वास्थ्य की चुनौतियों पर पाई विजय
इस साल की शुरुआत सम्राट अकिहितो के स्वास्थ्य के लिए थोड़ी चुनौतीपूर्ण रही थी। शाही परिवार एजेंसी (IHA) ने खुलासा किया कि मई में उन्हें हृदय की मांसपेशियों में अपर्याप्त रक्त प्रवाह (Ischemia) की समस्या का सामना करना पड़ा था। हालांकि, (Akihito Heart Health Update) देते हुए अधिकारियों ने बताया कि जुलाई से शुरू हुई नई दवाओं के सकारात्मक प्रभाव के चलते अब उनकी हृदय स्थिति पूरी तरह स्थिर है। 92 वर्ष की आयु में भी उनकी जीवटता और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता जापानी जनता के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है।
प्रयोगशाला में आज भी जारी है ‘गोबी मछली’ पर शोध
सम्राट पद से हटने के बाद भी अकिहितो ने अपने वैज्ञानिक करियर को कभी विराम नहीं दिया। उन्हें आज भी गोबी मछली (Scientific Research on Goby Fish) पर शोध करना बेहद पसंद है। विज्ञान के क्षेत्र में उनका योगदान अतुलनीय है, जहां उन्होंने अब तक गोबी मछली की 10 नई प्रजातियों की खोज की है। एजेंसी के अनुसार, वे सप्ताह में कम से कम दो बार महल परिसर में स्थित जीव विज्ञान प्रयोगशाला का दौरा करते हैं और घंटों सूक्ष्मदर्शी के साथ शोध कार्य में रमे रहते हैं।
युद्ध के पीड़ितों के लिए निरंतर प्रार्थना और प्रायश्चित
अकिहितो को हमेशा से उनके शांतिप्रिय स्वभाव और जापान के युद्धकालीन अतीत के लिए प्रायश्चित करने के प्रयासों के लिए जाना जाता है। द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर (World War II Atonement Efforts) के तहत उन्होंने इस वर्ष बार-बार युद्ध के पीड़ितों के लिए प्रार्थना की। उन्होंने स्पष्ट संदेश दिया है कि उनके पिता हिरोहितो के नाम पर लड़े गए युद्ध की विभीषिका और कठिनाइयों को आने वाली पीढ़ियों द्वारा कभी भुलाया नहीं जाना चाहिए।
मौन और शांति के प्रतीकात्मक क्षण
महारानी एमेरिटा मिचिको और सम्राट अकिहितो ने इस वर्ष युद्ध की चार महत्वपूर्ण तिथियों पर गहरा मौन रखा। ओकिनावा की लड़ाई, हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु हमला और जापान के आत्मसमर्पण दिवस पर (Observing Silence for Peace) के माध्यम से उन्होंने दुनिया को अहिंसा का संदेश दिया। आईएचए के अनुसार, यह जोड़ा उन लाखों बेगुनाह लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है जिन्होंने युद्ध की आग में अपना सब कुछ खो दिया था।
कारुइज़ावा: बचपन की शरणस्थली और प्रेम की शुरुआत
इस वर्ष अगस्त में अकिहितो और मिचिको ने मध्य जापान के कारुइज़ावा रिसॉर्ट का दौरा किया। यह स्थान उनके लिए भावनाओं का केंद्र है क्योंकि युद्ध के दौरान (Childhood Refuge in Karuizawa) के रूप में अकिहितो ने यहीं शरण ली थी। दिलचस्प बात यह है कि वर्षों बाद इसी स्थान पर इस शाही जोड़े के बीच प्रेम संबंध की शुरुआत हुई थी। अपनी यादों को ताजा करने के लिए वे अक्सर यहां जाते हैं, जो उनके अटूट रिश्ते और जीवन के संघर्षों की गवाह रही है।
प्रधानमंत्री और विशिष्ट अतिथियों का स्वागत
जन्मदिन के औपचारिक समारोह के दौरान अकिहितो ने प्रधानमंत्री सनाए ताकाइची और अन्य गणमान्य अतिथियों का गर्मजोशी से स्वागत किया। (Imperial Emeritus Title Significance) धारण करने के बाद से भले ही वे सार्वजनिक कर्तव्यों से दूर हों, लेकिन जापानी राजनीति और समाज में उनका सम्मान आज भी सर्वोपरि है। परिवार के साथ निजी तौर पर समय बिताने के बाद उन्होंने शाही मेहमानों के साथ दोपहर का भोजन किया और जापानी संस्कृति की निरंतरता पर चर्चा की।
एक शांतिपूर्ण भविष्य की कामना
92 वर्ष के होने पर सम्राट एमेरिटो अकिहितो ने आशा व्यक्त की है कि जापान और पूरी दुनिया शांति की राह पर आगे बढ़ती रहेगी। (Legacy of Peace and Science) को संजोते हुए वे आज भी जापानी जनता के दिलों में बसते हैं। उनकी सक्रिय जीवनशैली और वैज्ञानिक दृष्टिकोण यह दर्शाता है कि उम्र केवल एक संख्या है यदि आपके पास जीवन में कोई उद्देश्य और मानवता के प्रति प्रेम हो। जापानी नागरिकों ने उनके दीर्घायु और उत्तम स्वास्थ्य की कामना के साथ उनके जन्मदिन को हर्षोल्लास से मनाया।