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Aviation Disaster Investigation: आसमान में टूटा लीबिया का सैन्य गौरव, अंकारा से उड़ते ही मौत की आगोश में समाया हाई-प्रोफाइल विमान

Aviation Disaster Investigation: तुर्किये की राजधानी अंकारा का आसमान उस वक्त मातम में बदल गया जब लीबिया के मिलिट्री चीफ को ले जा रहा एक प्राइवेट जेट रहस्यमयी परिस्थितियों में क्रैश हो गया। इस दर्दनाक हादसे ने न केवल लीबियाई सेना के शीर्ष नेतृत्व को खत्म कर दिया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय रक्षा गलियारों में भी शोक की लहर दौड़ा दी है। जैसे ही विमान का (Emergency Landing Signal) रडार से ओझल हुआ, बचाव दल की उम्मीदें भी धुंधली पड़ गईं और कुछ ही घंटों में मलबे के रूप में तबाही की मंजर सामने आ गया।

Aviation Disaster Investigation
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तकनीकी खराबी ने ली 8 बेशकीमती जानें

शुरुआती जांच और लीबियाई अधिकारियों (Aviation Disaster Investigation) के बयानों के अनुसार, इस भयावह हादसे का मुख्य कारण विमान में आई अचानक तकनीकी खराबी को माना जा रहा है। फाल्कन 50 बिजनेस जेट ने जब अंकारा से उड़ान भरी थी, तब किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि यह (Technical Failure) पूरे सैन्य प्रतिनिधिमंडल के लिए काल बन जाएगा। विमान में सवार मिलिट्री चीफ, चार वरिष्ठ अधिकारी और चालक दल के तीन सदस्यों में से किसी को भी बचने का मौका नहीं मिला।

प्रधानमंत्री दबीबा ने व्यक्त किया गहरा शोक

लीबिया के प्रधानमंत्री अब्दुल-हामिद दबीबा ने भारी मन से इस त्रासदी की पुष्टि करते हुए जनरल मुहम्मद अली अहमद अल-हद्दाद और उनके साथियों की मौत पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने अपने आधिकारिक संबोधन में कहा कि यह (State Mourning) का वक्त है क्योंकि देश ने अपने उन नायकों को खो दिया है जो रक्षा संबंधों को मजबूत करने के मिशन पर थे। प्रधानमंत्री ने इस घटना को लीबियाई रक्षा ढांचे के लिए एक ऐसी अपूरणीय क्षति बताया है जिसकी भरपाई दशकों तक संभव नहीं होगी।

लीबियाई सेना के ‘स्तंभ’ अल-हद्दाद का अंत

जनरल मुहम्मद अली अहमद अल-हद्दाद कोई साधारण सैन्य अधिकारी नहीं थे, बल्कि वे पश्चिमी लीबिया के सबसे शक्तिशाली कमांडर माने जाते थे। संयुक्त राष्ट्र के मार्गदर्शन में (Military Unification) के जटिल प्रयासों को सफल बनाने में उनकी भूमिका सबसे अग्रणी रही थी। गृहयुद्ध से बंटे हुए लीबिया के संस्थानों को एकजुट करने के लिए उन्होंने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी, लेकिन इस हादसे ने उनके उन तमाम अधूरे सपनों को मिट्टी में मिला दिया।

खो गए सैन्य रणनीति के माहिर चेहरे

इस क्रैश में जनरल अल-हद्दाद के साथ लीबिया की ग्राउंड फोर्सेज के प्रमुख जनरल अल-फितौरी घ्रैबिल की भी मौत हो गई, जो जमीनी युद्ध कला के माहिर थे। उनके साथ ब्रिगेडियर जनरल महमूद अल-कतावी भी मौजूद थे, जिन्होंने (Defense Manufacturing) के क्षेत्र में लीबिया को आत्मनिर्भर बनाने का जिम्मा संभाला हुआ था। इनके अलावा चीफ ऑफ स्टाफ के सलाहकार मोहम्मद अल-असावी दियाब और मिलिट्री फोटोग्राफर मोहम्मद उमर अहमद महजूब की मृत्यु ने सैन्य मुख्यालय के गलियारों को सूना कर दिया है।

रडार से गायब होने के आखिरी 40 मिनट

तुर्किये के एयर ट्रैफिक कंट्रोल और गृह मंत्री अली येरलिकाया ने इस घटनाक्रम की सिलसिलेवार जानकारी साझा की है। रात 8:30 बजे उड़ान भरने के मात्र 40 मिनट बाद विमान से (Communication Loss) की स्थिति पैदा हो गई थी। बताया जा रहा है कि संपर्क टूटने से कुछ ही पल पहले पायलट ने एक इमरजेंसी सिग्नल भेजा था, जिससे स्पष्ट होता है कि चालक दल ने अंतिम क्षणों तक यात्रियों को बचाने की पुरजोर कोशिश की थी।

हयमाना जिले के पास मिला मलबे का ढेर

अंकारा से लगभग 70 किलोमीटर दूर हयमाना जिले के केसिक्कावाक गांव के पास विमान का मलबा बिखरा हुआ पाया गया। तुर्किये के राष्ट्रपति कम्युनिकेशन ऑफिस के प्रमुख बुरहानेतिन दुरान ने बताया कि प्लेन ने (Electrical Fault) की रिपोर्ट दर्ज कराई थी और वापस एसेनबोगा एयरपोर्ट पर उतरने की अनुमति मांगी थी। लैंडिंग की तैयारियां पूरी कर ली गई थीं, लेकिन बदकिस्मती से एप्रोच के दौरान ही विमान रडार से गायब होकर पहाड़ियों में समा गया।

रक्षा संबंधों को नई दिशा देने की थी कोशिश

यह हाई-प्रोफाइल प्रतिनिधिमंडल अंकारा में तुर्किये के रक्षा मंत्री यासर गुलेर के साथ रणनीतिक बातचीत के लिए मौजूद था। दोनों देशों के बीच (Strategic Defense Partnership) को एक नए स्तर पर ले जाने के लिए कई महत्वपूर्ण समझौतों पर चर्चा हुई थी। किसी ने नहीं सोचा था कि सहयोग की यह नई इबारत लिखने आए जांबाज सिपाही अपने वतन वापस लौटने से पहले ही एक गुमनाम हादसे का शिकार हो जाएंगे।

अराजकता के साये में जूझता लीबिया

लीबिया का इतिहास 2011 में मोअम्मर गद्दाफी के पतन के बाद से ही संघर्षों और विभाजन की कहानियों से भरा रहा है। देश का पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों में बंटना और वहां की (Political Instability) ने विकास की गति को हमेशा बाधित किया है। ऐसे में मिलिट्री चीफ और उनकी टीम की मौत ने देश की सुरक्षा व्यवस्था को एक बार फिर अनिश्चितता के भंवर में धकेल दिया है, जहां अब नए नेतृत्व की तलाश एक बड़ी चुनौती होगी।

वैश्विक संवेदनाएं और जांच का सिलसिला

इस अंतरराष्ट्रीय हादसे के बाद दुनियाभर के रक्षा विशेषज्ञों की नजरें अब ब्लैक बॉक्स और जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं। विमान की (Flight Safety Standards) पर भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह महज एक इत्तेफाक था या इसके पीछे कोई गहरी साजिश छिपी है। फिलहाल, लीबिया और तुर्किये दोनों ही देश मिलकर इस मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि उन शहीदों को न्याय मिल सके जिन्होंने वर्दी में अपनी अंतिम सांस ली।

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