अंतर्राष्ट्रीय

महासागरों में हीटवेव! संयुक्त राष्ट्र की मौसम एजेंसी की रिपोर्ट से इस बात का हुआ खुलासा

2023 में किसी न किसी समय 90 फीसदी से अधिक महासागरों में हीटवेव का अनुभव हुआ. वहीं, ग्लेशियरों को 1950 के बाद से ग्लेशियर को काफी अधिक हानि हुआ. संयुक्त देश की मौसम एजेंसी की रिपोर्ट से इस बात का खुलासा हुआ है. विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्लूएमओ) ने मंगलवार को ‘डब्ल्यूएमओ स्टेट ऑफ द ग्लोबल क्लाइमेट- 2023’ रिपोर्ट जारी की है. इसमें 2023 में जलवायु की स्थिति में ग्रीनहाउस गैस के स्तर, सतह के तापमान, समुद्र की गर्मी और अम्लीकरण, समुद्र के स्तर में वृद्धि, अंटार्कटिक समुद्री बर्फ के आवरण में रिकॉर्ड स्तर की वृद्धि देखी गई.
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एंटोनियो गुटेरेस बोले- संकेत घातक हैं

 

डब्लूएमओ की रिपोर्ट से साफ होता है कि 2023 रिकॉर्ड सबसे गर्म साल था. अंतरराष्ट्रीय औसत सतह के पास का तापमान पहले से काफी अधिक था. संयुक्त देश प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने बोला कि संकेत घातक हैं. आंकड़े केवल चार्ट टॉपिंग नहीं बल्कि चार्ट बस्टिंग हैं. तेजी से परिवर्तन हो रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार, हीटवेव, बाढ़, सूखा, जंगल की आग और तेजी से बढ़ते चक्रवातों ने केवल तबाही मचाई है. इन वजहों से प्रतिदिन लाखों जिंदगियां प्रभावित हुईं हैं. अरबों $ का आर्थिक हानि हुआ है.

किसी न किसी समय लू का अनुभव, खाद्य संकट भी खड़ा हुआ

 

डब्लूएमओ के महासचिव सेलेस्टे सौलो ने बोला कि 2023 में एक औसत दिन में महासागर का लगभग एक-तिहाई हिस्सा समुद्री लू की चपेट में था, जिससे पारिस्थितिक तंत्र और खाद्य प्रणालियों को हानि हुआ. 2023 के अंत तक, समुद्र के 90 फीसदी से अधिक हिस्से में किसी न किसी समय लू का अनुभव हुआ था. पश्चिमी उत्तरी अमेरिका और यूरोप दोनों में ग्लेशियर कहीं अधिक पिघले हैं, जिससे काफी हानि हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार, पूरे विश्व में खाद्य संकट से परेशान लोगों की संख्या दोगुनी हो गई है. COVID-19 महामारी से पहले खाद्य संकट से जूझ रहे लोगों की संख्या 149 मिलियन लोगों से बढ़कर 2023 में 333 मिलियन हो गई है.

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