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अरुणाचल प्रदेश पर बार-बार दावा करने के लिए चीन पर कड़ा प्रहार करते हुए, एस जयशंकर ने कहा…

भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश पर बार-बार दावा करने के लिए चीन पर कड़ा प्रहार करते हुए, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को बोला कि स्थानों के नाम बदलने से कोई असर नहीं पड़ेगा और दोहराया कि पूर्वोत्तर राज्य हमेशा था, है और रहेगा. हिंदुस्तान का अभिन्न अंग है. जयशंकर का ये बयान चीन द्वारा राज्य में स्थानों के लिए 30 नाम जारी करने के बाद आया है. जयशंकर ने बोला कि यदि आज मैं तुम्हारे घर का नाम बदल दूं तो क्या वह मेरा हो जायेगा? अरुणाचल प्रदेश हिंदुस्तान का राज्य था, है और रहेगा. नाम बदलने से कोई असर नहीं पड़ता.  जयशंकर ने सोमवार को गुजरात में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, हमारी सेना वहां (वास्तविक नियंत्रण रेखा पर) तैनात है.

भारतीय राज्य पर अपने दावे को फिर से बल देने के लिए हाल के हफ्तों में बीजिंग के बढ़ते दावों के बीच चीन ने रविवार को अरुणाचल प्रदेश में विभिन्न स्थानों के 30 नए नामों की चौथी सूची जारी की. हिंदुस्तान चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश में स्थानों का नाम बदलने को खारिज करता रहा है, यह कहते हुए कि राज्य राष्ट्र का अभिन्न अंग है और “आविष्कृत” नाम निर्दिष्ट करने से इस वास्तविकता में कोई परिवर्तन नहीं आता है. चीनी नागरिक मामलों के मंत्रालय ने ज़ंगनान में मानकीकृत भौगोलिक नामों की चौथी सूची जारी की है. सरकारी ग्लोबल टाइम्स ने रविवार को रिपोर्ट दी. रिपोर्ट में बोला गया है कि 1 मई से कारगर होने के लिए, कार्यान्वयन के तरीका अनुच्छेद 13 में निर्धारित हैं कि विदेशी भाषाओं में ऐसे नाम रखें जो चीन के क्षेत्रीय दावों और संप्रभुता अधिकारों को हानि पहुंचा सकते हैं.

भारत ने अरुणाचल प्रदेश पर चीन के क्षेत्रीय दावों को बार-बार खारिज किया है और बोला है कि राज्य राष्ट्र का अभिन्न अंग है. नयी दिल्ली ने क्षेत्र को “मनगढ़ंत” नाम देने के बीजिंग के कदम को भी खारिज कर दिया है और बोला है कि इससे वास्तविकता में कोई परिवर्तन नहीं आया है. चीन अरुणाचल प्रदेश को ज़ंगनान या दक्षिण तिब्बत को चीनी क्षेत्र का हिस्सा बताता है. राज्य पर अपना दावा फिर से जताने के लिए चीन के हालिया बयानों की आरंभ बीजिंग द्वारा पीएम मोदी की अरुणाचल प्रदेश यात्रा पर हिंदुस्तान के साथ राजनयिक विरोध दर्ज कराने से हुई, जहां उन्होंने अरुणाचल प्रदेश में 13,000 फीट की ऊंचाई पर बनी सेला सुरंग को देश को समर्पित किया.

 

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