पाकिस्तान ने 3 ऐप से हैक कर लिया ब्रम्होस साइंटिस्ट का लैपटॉप
हाल में आई एक समाचार ने सेना, सुरक्षा एजेंसियों सहित अनेक हिंदुस्तानियों को चिंता में डाल दिया था। जब भारतीय तकनीक पर आधारित ब्रम्होस मिसाइल डेवलप करने में बड़ी किरदार निभाने वाले पूर्व साइंटिस्ट निशांत अग्रवाल को सत्र न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अवार्ड विनिंग इंजीनियर निशांत पर मिसाइल से जुड़ी गोपनीय जानकारियां विदेशी ताकतों के हाथ सौंपे जाने का इल्जाम था और न्यायालय ने उन्हें सीपीसी की धारा 235 के अनुसार आजीवन कारावास की सजा दी।
मामले की जांच करने वाले यूपी-एटीएस के अधिकारी पंकज अवस्थी का बोलना है कि निशांत ने पाकिस्तान की ‘सेजल’ फेसबुक आईडी वाली स्त्री से वार्ता के दौरान सेना के कई गोपनीय लीक कर दिए। फेसबुक चैटिंग के दौरान उन्होंने पाकिस्तानी शख्स से वार्ता की और कई अहम जानकारियां लीक हो गईं।
3 ऐप से हो गया कांड
जांच अधिकारी ने न्यायालय को कहा कि सेजल के साथ चैटिंग करते समय निशांत ने उसके निर्देश पर वर्ष 2017 में 3 लिंक पर क्लिक किया और उससे जुड़े ऐप अपने लैपटॉप पर इंस्टॉल किए। ये 3 ऐप Qwhisper, Chat to Hire और X-trust थे। ये ऐप एक तरह के मालवेयर थे, जिसने निशांत के लैपटॉप से सारा डाटा निकाल लिया। जांच में पता चला कि ब्रम्होस मिसाइल से जुड़े कई खुफिया फैक्ट निशांत के पर्सनल लैपटॉप में थे, जो सुरक्षा नियमों का उल्लंघन है।
लिंक्डइन पर भी हुई चैट
जांच में निशांत ने कहा कि उसने लिंक्डइन पर भी सेजल से चैटिंग की थी। जहां सेजल ने उन्हें हायर करने की बात कही थी। उसने निशांत से बोला था कि उन्हें यूके की हेयज एविएशन में जॉब दिलाएगी। इस तरह निशांत उसके जाल में फंसते चले गए और उसे सेना की जानकारियां दे दी। आखिर में जीवन सलाखों के पीछे कट रही है।
कैसे पकड़ में आया आरोपी
मिलिट्री इंटेलीजेंस और उत्तर प्रदेश की एंटी टेरोरिज्म स्क्वायड के ज्वाइंट ऑपरेशन में निशांत की काली करतूतों का खुलासा हुआ। निशांत ब्रम्होस मिसाइल डेवलप करने वाली भारत-रूस के ज्वाइंट वेंचर वाली टीम में इंजीनियर थे। इस मिसाइल को डीआरडीओ और रूस के मिलिट्री इंडस्ट्रियल कंसोर्टियम ने साथ मिलकर डेवलप किया है।