स्वास्थ्य

Lysosomal Storage Disorder India: बच्चों के लिए ‘साइलेंट किलर’ बना लाइसोसोमल स्टोरेज डिसऑर्डर, जानें बचाव के उपाय…

Lysosomal Storage Disorder India: भारत में कई बच्चों का जीवन ‘लाइसोसोमल स्टोरेज डिसऑर्डर’ (Lysosomal Storage Disorder India) जैसी गंभीर आनुवंशिक बीमारी से खतरे में है। यह बीमारी तब होती है जब कोशिकाओं के अंदर मौजूद लाइसोसोम ठीक से काम नहीं कर पाते। लाइसोसोम हमारे शरीर की कोशिकाओं में कचरा निस्तारित करने और अवांछित पदार्थों को तोड़ने का काम करते हैं।

Lysosomal Storage Disorder India
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कैसे होती है LSD की पहचान और असर?

इस रोग में किसी एंजाइम की कमी हो जाती है, जिससे कोशिकाओं में अवांछित पदार्थ जमा होने लगते हैं। इस जमाव के कारण कोशिकाएं धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। मस्तिष्क, हृदय, लिवर और हड्डियों जैसे महत्वपूर्ण अंग प्रभावित होते हैं और उनका कामकाज धीमा या बंद हो जाता है। बच्चों में यह बीमारी जीवन को गंभीर रूप से खतरे में डालती है।


इंडियन मेडिकल पार्लियामेंटेरियंस फोरम ने जताई चिंता

45 डॉक्टर-सांसदों वाले ‘इंडियन मेडिकल पार्लियामेंटेरियंस फोरम’ ने सरकार को चेतावनी दी है कि NPRD 2021 नीति के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता में रुकावटें बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकती हैं (rare disease funding India)। फोरम के अनुसार लगभग 60 मरीजों का इलाज नीति द्वारा निर्धारित 50 लाख रुपये की सीमा से अधिक खर्च में आता है।


LSD के लिए एंजाइम रिप्लेसमेंट थेरेपी कितनी जरूरी है?

इन बच्चों का जीवन ‘एंजाइम रिप्लेसमेंट थेरेपी’ (ERT) पर निर्भर है। यह इलाज अत्यंत महंगा और जीवनरक्षक है। अगर थोड़ी भी देरी या रुकावट होती है, तो शरीर के अंग अपरिवर्तनीय रूप से क्षतिग्रस्त हो सकते हैं। फोरम ने बताया कि वित्तीय बाधाओं के कारण कई बच्चों का इलाज रुकने के कगार पर है।


मौत का आंकड़ा और वर्तमान संकट

अब तक फंड की कमी या देरी के कारण 60 से अधिक बच्चों और युवाओं की जान जा चुकी है। लगभग 100 अन्य बच्चों का इलाज फंड खत्म होने के कारण खतरे में है। इस स्थिति ने स्वास्थ्य प्रशासन और सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है, ताकि इस गंभीर संकट का तुरंत समाधान निकाला जा सके (children life at risk India).


फोरम की सरकार से मांग

इंडियन मेडिकल पार्लियामेंटेरियंस फोरम ने सरकार से आग्रह किया है कि 50 लाख रुपये की वित्तीय सीमा को तुरंत हटा दिया जाए। साथ ही फोरम चाहता है कि LSD के इलाज के लिए एक स्थायी और सतत फंडिंग सिस्टम बनाया जाए। इसके तहत ‘सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस’ को नियमित फंड उपलब्ध कराया जाएगा ताकि किसी बच्चे का इलाज केवल पैसे की कमी के कारण न रुके।


Lysosomal Storage Disorder: एक नजर में

LSD एक आनुवंशिक बीमारी है, जिसमें कोशिकाओं के ‘लाइसोसोम’ काम करना बंद कर देते हैं। यह जटिल फैट, प्रोटीन या कार्बोहाइड्रेट जैसे अणुओं को तोड़ने वाले एंजाइमों की कमी के कारण होता है। इन पदार्थों का जमाव अंगों में नुकसान करता है और समय के साथ जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित करता है।


सरकारी और सामाजिक कदम जरूरी

इस गंभीर स्थिति में तत्काल सरकारी हस्तक्षेप आवश्यक है। फोरम का उद्देश्य बच्चों का जीवन बचाना और उन्हें लगातार इलाज सुनिश्चित करना है। आर्थिक सहायता में स्थिरता और नीति में सुधार के बिना, हजारों बच्चों का जीवन खतरे में रहेगा।

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