स्वास्थ्य

Health Alert: आपको अंदर से बेहद बीमार कर सकती है कातिल ठंड की खामोश दस्तक, तुरंत पहचानें ये मामूली इशारे

Health Alert: देशभर में इन दिनों शीतलहर का तांडव जारी है और पारा गिरने के साथ ही अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। अक्सर हम ठंड को एक सामान्य मौसमी बदलाव मानकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन यही चूक (Winter Health Care) हमारे शरीर के लिए भारी पड़ सकती है। कड़ाके की इस ठंड में विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों की प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण उन्हें जोखिम अधिक होता है। चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि ठंड लगने के शुरुआती लक्षण इतने साधारण होते हैं कि लोग उन्हें तब तक नहीं पहचान पाते जब तक स्थिति हाथ से बाहर न निकल जाए।

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सिर दर्द और नसों का खतरनाक संकुचन

जब सर्द हवाएं सीधे हमारे माथे, कान या सिर से टकराती हैं, तो यह केवल बाहरी ठिठुरन नहीं देतीं बल्कि शरीर के भीतर एक जैविक उथल-पुथल शुरू कर देती हैं। ठंडी हवा के संपर्क में आते ही (Headache Causes) हमारी नसों में अचानक संकुचन होने लगता है, जिससे रक्त का प्रवाह बाधित होता है और तेज सिर दर्द उभरता है। यह दर्द एक चेतावनी है कि आपका शरीर बाहरी तापमान के साथ तालमेल बिठाने में संघर्ष कर रहा है। यदि इस समय सावधानी न बरती जाए, तो यह साधारण सा दर्द गंभीर माइग्रेन या न्यूरोलॉजिकल समस्या (Health Alert) का रूप ले सकता है।


कोल्ड ड्यूरेसिस और बार-बार टॉयलेट के चक्कर

ठंड लगने का एक सबसे स्पष्ट लेकिन कम चर्चित वैज्ञानिक संकेत ‘कोल्ड ड्यूरेसिस’ है। जब शरीर का तापमान गिरने लगता है, तो रक्त वाहिकाएं खुद को सुरक्षित रखने के लिए सिकुड़ने लगती हैं, जिससे किडनी पर अचानक (Frequent Urination) दबाव बढ़ जाता है। यही कारण है कि ठंड लगने पर व्यक्ति को सामान्य से कहीं ज्यादा बार पेशाब जाने की आवश्यकता महसूस होती है। यदि आपको सिर दर्द के साथ यह लक्षण महसूस हो रहा है, तो समझ लीजिए कि ठंड आपके सिस्टम के भीतर प्रवेश कर चुकी है और अब सतर्क होने का समय आ गया है।


मांसपेशियों की कंपकंपी और नेचुरल हीटिंग सिस्टम

जब हमें बहुत ज्यादा ठंड लगती है, तो हमारा शरीर अनैच्छिक रूप से कांपने लगता है। वास्तव में, यह (Muscle Shivering) शरीर का अपना एक सुरक्षा तंत्र है, जो मांसपेशियों में घर्षण पैदा करके आंतरिक ऊर्जा और गर्मी उत्पन्न करने की कोशिश करता है। कंपकंपी आना इस बात का प्रमाण है कि आपके शरीर का कोर टेंपरेचर गिर रहा है। इसे केवल एक सामान्य लक्षण मानकर छोड़ देना खतरनाक हो सकता है क्योंकि यह स्थिति हाइपोथर्मिया की पहली सीढ़ी हो सकती है, जिसमें शरीर अपनी गर्मी पैदा करने की क्षमता खोने लगता है।


साइनस का भारीपन और ऑक्सीजन की कमी

ठंड लगने का एक और प्रमुख लक्षण नाक और साइनस के हिस्से में भारीपन महसूस होना है। बर्फीली हवाओं के कारण नाक की म्यूकस झिल्ली में सूजन आ जाती है, जिससे (Sinus Congestion) सांस लेने के मार्ग में बाधा उत्पन्न होती है। जब शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, तो व्यक्ति को अत्यधिक सुस्ती, थकान और हर समय नींद आने जैसा महसूस होता है। आंखों के पीछे होने वाला हल्का दर्द और गालों की हड्डियों में खिंचाव यह दर्शाता है कि इंफेक्शन आपके श्वसन मार्ग को प्रभावित करना शुरू कर चुका है।


गर्दन की अकड़न और बिगड़ता मेटाबॉलिज्म

सर्द हवाएं केवल श्वसन तंत्र को ही नहीं, बल्कि हमारे मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम को भी प्रभावित करती हैं। ठंड के कारण नसों और मांसपेशियों में खिंचाव आता है, जिससे (Neck Stiffness) गर्दन और कंधों में असहनीय जकड़न महसूस होने लगती है। इतना ही नहीं, जब शरीर का तापमान कम होता है, तो हमारा मेटाबॉलिज्म धीमा पड़ जाता है। इसके परिणामस्वरूप पाचन तंत्र गड़बड़ा जाता है, पेट में मरोड़ उठ सकती है या भूख में अचानक कमी आ सकती है। यह शरीर के आंतरिक अंगों के संघर्ष का एक बड़ा संकेत है।


बचाव के अचूक मंत्र और लेयरिंग की अहमियत

ठंड के इस जानलेवा हमले से बचने के लिए सबसे प्रभावी तरीका ‘लेयरिंग’ है। ऊनी कपड़ों की एक मोटी परत पहनने के बजाय (Protective Clothing) कपड़ों की कई पतली परतें पहनना अधिक फायदेमंद होता है, क्योंकि यह परतों के बीच गर्मी को कैद कर लेता है। अपने सिर, कान और पैरों को ढकना सबसे जरूरी है क्योंकि शरीर की 70 प्रतिशत गर्मी इन्हीं खुले हिस्सों से बाहर निकलती है। सुबह और देर रात की सैर से बचें और जितना हो सके गुनगुने पानी का सेवन करें ताकि शरीर का तापमान स्थिर बना रहे।


खान-पान में बदलाव और घरेलू उपचार

सर्दी के मौसम में आयुर्वेद और पारंपरिक खान-पान किसी वरदान से कम नहीं हैं। अपने दैनिक आहार में अदरक, लहसुन, गुड़ और तुलसी के काढ़े को (Immunity Booster Foods) शामिल करना चाहिए। ये चीजें न केवल शरीर को अंदर से गर्म रखती हैं, बल्कि संक्रमण से लड़ने की ताकत भी देती हैं। यदि आपको ठंड लगने के बाद लगातार बुखार महसूस हो या सिर दर्द असहनीय हो जाए, तो घरेलू नुस्खों पर निर्भर रहने के बजाय तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें। याद रखें, समय पर की गई पहचान ही आपको बड़े स्वास्थ्य संकट से बचा सकती है।

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