स्वास्थ्य

Health Tips: तांबे के पानी के गजब फायदे पर अगर ये ‘3 गलतियाँ’ कीं, तो पेट में शुरू हो जाएगा दर्द

Health Tips: सदियों से भारतीय संस्कृति में तांबे के बर्तन में पानी पीने की परंपरा चली आ रही है। इसे न केवल धार्मिक दृष्टि से पवित्र माना गया है, बल्कि आयुर्वेद के अनुसार भी यह स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी माना गया है। इस पानी को ताम्र जल कहा जाता है। माना जाता है कि जब पानी तांबे के बर्तन में रखा जाता है, तो उसमें तांबे के सूक्ष्म तत्व (trace minerals) मिल जाते हैं, जो शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं। तांबा शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण, आयरन के अवशोषण और तंत्रिका तंत्र के सही संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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हालांकि, आधुनिक स्वास्थ्य विज्ञान यह भी बताता है कि किसी भी पोषक तत्व की अधिकता शरीर के लिए हानिकारक हो सकती है। इसलिए यह समझना जरूरी है कि तांबे के बर्तन में पानी पीने का सही तरीका क्या है, और इसकी कितनी मात्रा शरीर के लिए सुरक्षित है। ये Health Tips आपके शरीर को नई दिशा देंगे


तांबा: शरीर के लिए आवश्यक परंतु सीमित मात्रा में

तांबा हमारे शरीर के लिए आवश्यक micronutrient है, जो energy metabolism और iron absorption जैसी प्रक्रियाओं में मदद करता है। वयस्क व्यक्ति के लिए तांबे की प्रतिदिन की जरूरत लगभग 0.9 मिलीग्राम होती है, जो सामान्य आहार से पूरी हो जाती है। जैसे कि हरी सब्जियां, नट्स, साबुत अनाज, और दालों में प्राकृतिक रूप से तांबा पाया जाता है।

लेकिन जब हम अतिरिक्त रूप से तांबे के बर्तन में रखा पानी पीते हैं, तो शरीर में तांबे की मात्रा बढ़ सकती है। यही स्थिति आगे चलकर Copper Toxicity का कारण बन सकती है। जीवन में हर दिन नई ऊर्जा देने के काम आएंगे ये उपचार (Health Tips)


क्या है कॉपर टॉक्सिसिटी

जब शरीर में तांबे की मात्रा सामान्य स्तर से अधिक हो जाती है, तो उसे Copper Toxicity कहा जाता है। यह स्थिति धीरे-धीरे विकसित होती है और कई बार लोगों को इसके लक्षण तुरंत महसूस नहीं होते। इसके प्रारंभिक लक्षणों में मितली, उल्टी, पेट दर्द, थकान और कमजोरी शामिल हैं।

लंबे समय तक अत्यधिक तांबे का सेवन करने से शरीर में तांबा जमा होने लगता है, जिससे लिवर और किडनी पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। कुछ मामलों में यह Liver Damage या Neurological Disorders का कारण भी बन सकता है। इसलिए यह बेहद जरूरी है कि तांबे के पानी का सेवन सोच-समझकर किया जाए।


तांबे के बर्तन से पानी पीने का सही तरीका

ताम्र जल के स्वास्थ्य लाभ पाने के लिए इसका सही उपयोग करना आवश्यक है। विशेषज्ञों के अनुसार, तांबे के बर्तन में 6 से 8 घंटे तक रखा हुआ पानी पीना सबसे उपयुक्त माना जाता है। इसका अर्थ है कि रात को पानी तांबे के बर्तन में भरकर रखें और सुबह खाली पेट एक गिलास पानी पीएं।

दिनभर में बार-बार या केवल तांबे के बर्तन का ही पानी पीने से बचना चाहिए। ऐसा करने से शरीर में तांबे की मात्रा आवश्यकता से अधिक हो सकती है। बाकी समय सामान्य या स्टील के बर्तन का पानी पीना बेहतर रहता है।


विशेष सावधानियाँ

  1. तांबे के बर्तन को हमेशा साफ और सूखा रखें।

  2. बर्तन को नींबू या सिरके से समय-समय पर साफ करें ताकि उस पर जमी परत हटाई जा सके।

  3. बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को तांबे का पानी सीमित मात्रा में ही देना चाहिए।

  4. यदि शरीर में मितली, सिरदर्द या पेट में जलन जैसी समस्या महसूस हो, तो तांबे का पानी पीना तुरंत बंद कर दें।

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