स्वास्थ्य

Basi Roti Health Benefits: रात की बची रोटी या सेहत का छुपा खजाना, जानिए क्यों बासी रोटी को नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी…

Basi Roti Health Benefits: भारतीय खानपान की पहचान रोटी के बिना अधूरी मानी जाती है। चाहे दाल-सब्जी हो या सादा भोजन, रोटी हर थाली का केंद्र होती है। दिन के किसी भी पहर, खासकर लंच और डिनर में, लोग इसे बड़े चाव से खाते हैं। तवे से उतरी गर्म रोटी न केवल स्वाद बढ़ाती है बल्कि भूख को भी दोगुना कर देती है। लेकिन अक्सर रात के खाने के बाद कुछ रोटियां बच जाती हैं, जिन्हें सुबह तक लोग बासी मान लेते हैं। अधिकतर घरों में ऐसी रोटियों को खाने की बजाय फेंक दिया जाता है या जानवरों को दे दिया जाता है, जबकि सच्चाई यह है कि यही बासी रोटी सेहत के लिए एक अनमोल उपहार साबित हो सकती है (traditional Indian diet)।

Basi Roti Health Benefits
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बासी रोटी को लेकर बनी गलत धारणाएं

समाज में यह धारणा आम (food myths in India) है कि बासी खाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। इसी सोच के कारण लोग बासी रोटी से दूरी बना लेते हैं। लेकिन पोषण विशेषज्ञों और आयुर्वेदिक मान्यताओं के अनुसार, रात भर रखी रोटी में ऐसे तत्व विकसित हो जाते हैं जो शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं। सही तरीके से रखी गई बासी रोटी न तो खराब होती है और न ही जहरीली। बल्कि इसमें मौजूद पोषक तत्व और भी प्रभावी हो जाते हैं। जरूरत है तो बस सही जानकारी की, ताकि हम बिना वजह इस पौष्टिक भोजन को नजरअंदाज न करें ।

पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में मददगार

बासी रोटी का सबसे बड़ा लाभ पाचन से जुड़ा है। जब रोटी रात भर रखी रहती है, तो उसमें प्रतिरोधी स्टार्च विकसित होता है, जो पेट के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है। यह स्टार्च आंतों में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया को पोषण देता है और पाचन क्रिया को संतुलित करता है। नियमित रूप से सीमित मात्रा में बासी रोटी खाने से कब्ज, गैस और एसिडिटी जैसी समस्याओं में राहत (digestive health benefits) मिल सकती है। जिन लोगों का पाचन कमजोर रहता है, उनके लिए यह एक प्राकृतिक उपाय के रूप में काम कर सकती है ।

ब्लड शुगर को संतुलन में रखने की क्षमता

आज के समय में डायबिटीज एक गंभीर समस्या बन चुकी है। ऐसे में खानपान का विशेष ध्यान रखना बेहद जरूरी हो जाता है। बासी रोटी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स ताजी रोटी की तुलना में कम हो जाता है, जिससे यह धीरे-धीरे ब्लड में शुगर रिलीज करती है। इसका सीधा फायदा यह होता है कि ब्लड शुगर (blood sugar control) अचानक नहीं बढ़ता। डायबिटीज से जूझ रहे लोगों के लिए यह एक बेहतर विकल्प हो सकता है, बशर्ते इसे संतुलित मात्रा में लिया जाए और डॉक्टर की सलाह को नजरअंदाज न किया जाए ।

शरीर की गर्मी कम करने वाला पारंपरिक उपाय

आयुर्वेद में बासी रोटी को ठंडक (ayurvedic cooling foods) प्रदान करने वाला भोजन माना गया है। खासतौर पर अगर इसे सुबह ठंडे दूध या दही के साथ खाया जाए, तो यह शरीर की अतिरिक्त गर्मी को शांत करने में मदद करती है। गर्मियों के मौसम में, जब लू और डिहाइड्रेशन की समस्या आम होती है, तब यह शरीर को भीतर से ठंडक देती है। पुराने समय में ग्रामीण इलाकों में लोग इसे नियमित रूप से अपनाते थे, जो आज भी प्रासंगिक माना जाता है ।

वजन घटाने की कोशिशों में सहायक

जो लोग वजन कम करने (weight loss support)। की कोशिश कर रहे हैं, उनके लिए बासी रोटी एक सहायक विकल्प बन सकती है। इसमें मौजूद फाइबर और प्रतिरोधी स्टार्च पेट को लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराते हैं। इससे बार-बार भूख लगने की समस्या कम होती है और ओवरईटिंग से बचाव होता है। जब भूख नियंत्रित रहती है, तो वजन घटाने की प्रक्रिया भी आसान हो जाती है। सही डाइट और नियमित व्यायाम के साथ बासी रोटी को शामिल करना लाभकारी साबित हो सकता है

पोषण और बचत का दोहरा फायदा

बासी रोटी न केवल सेहत के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह भोजन की बर्बादी को भी रोकती (food waste reduction) है। आज जब दुनिया फूड वेस्टेज की समस्या से जूझ रही है, तब बासी रोटी का उपयोग एक जिम्मेदार आदत बन सकता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व शरीर को ऊर्जा देते हैं और साथ ही यह घरेलू बजट के लिए भी फायदेमंद होती है। थोड़ी सी समझदारी और सही जानकारी के साथ हम इस साधारण से भोजन को अपनी सेहत का हिस्सा बना सकते हैं।

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