स्वास्थ्य

खांसते या हंसते हुए पेशाब लीकेज होने से देती है इस गंभीर बीमारी की संकेत

Urinary Incontinence: क्या आपको भी पेशाब रोकने में परेशानी होती है? कभी-कभी तो हंसते या खांसते हुए भी यूरिन की कुछ बूंदे गिर जाती है. मूत्र विसर्जन या पेशाब करते हैं, तो आपका हमेशा उसपर कंट्रोल नहीं रह पाता है. उदाहरण के तौर पर कई बार ऐसे समय पर पेशाब हो जाता है जब आदमी को इसकी आवश्यकता भी महसूस नहीं होती. खांसते समय, बल से हंसते हुए या फिर छींकते हुए अकसर थोड़ा-सा लीकेज हो जाता है. कई बार आप लीक से पहले बाथरूम तक भी नहीं पहुंच पाते हैं और बीच रास्ते में ही पेशाब निकल जाता है. इस परेशानी को इनकांटीनेंस बोलते हैं.

कितने प्रकार का होता है इनकांटीनेंस   

स्ट्रेस इनकॉन्टीनेंस   

इसे एसआई या स्ट्रेस इनकॉन्टीनेंस भी बोला जाता है. ऐसा तब होता है जब आप सक्रिय होते हैं. इस स्थिति में लीकेज की मात्रा इस बात पर निर्भर करती है कि एसआई कितना गंभीर है. एसआई अमूमन ऐसी स्थिति में होता है जब पेल्विक (यूरिनरी ब्लैडर या प्रजनन अंग का हिस्सा) की मांसपेशियों में खिंचाव होता है, शारीरिक गतिविधियों से भी ब्लैडर या यूरिनरी ब्लैडर पर दबाव पड़ता है और ब्लैडर से रिसाव होने लगता है. कई बार व्यायाम करने, चलने, झुकने, भारी सामान उठाने और यहां तक की खांसने और छींकने से भी यूरिन लीक होने लगता है, हालांकि रिसाव की मात्रा अधिक नहीं होती है.

तीव्र इनकांटीनेंस   

इसमें तुरंत पेशाब की आवश्यकता महसूस होती है. आप इस तीव्र ख़्वाहिश को नजरअंदाज नहीं सकते हैं. कहने का मतलब आपको पेशाब करना ही है. आपको तुरंत यह एहसास होता है कि निकट में कहीं बाथरूम नहीं है. ऐसी स्थिति में आप रात को अच्छी नींद भी नहीं ले पाते हैं.

मिक्स या मिलाजुला इनकांटीनेंस   

कभी-कभी लोगों को कुछ एक्टिविटी करने पर पेशाब का रिसाव होने लगता है और अक्सर उन्हें तुरंत पेशाब त्यागने की आवश्यकता महसूस होती है. इसे मिक्स या मिलाजुला इनकांटीनेंस बोला जाता है. इसमें लोगों को इनकांटीनेंस के दोनों तरह के लक्षण होते हैं.यूरिनरी इनकंटीनेंस किस प्रकार का है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपको कब और कैसे मूत्र त्यागने की आवश्यकता पड़ती है. हालांकि यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस एक बहुत ही संकोच और शर्मिंदा करने वाली स्थिति है. लेकिन ऐसी स्थिति में आपकी सहायता के लिए प्रोडक्ट और दवाएं मिलती हैं.

क्या है इसका इलाज 

यूरिनरी इनकंटीनेंस को सेल्फ मैनेजमेंट या फिर स्वयं भी ठीक किया जा सकता है. इसके अतिरिक्त दवाएं, सर्जरी, इलेक्ट्रिक सिमुलेशन, बोटूलिनम टॉक्सिन इंजेक्शन, क्रायस्टोप्लाटी और यूरिनरी डायवर्सन आदि उपचार शामिल हैं. सेल्फ मैनेजमेंट में रेगुलर रूटीन को ठीक करने, ब्लैडर ट्रेनिंग, पेल्विक फ्लोर मांसपेशियों के व्यायाम आदि करके कठिनाई को ठीक किया जा सकता है. अपनी दिनचर्या में कुछ साधारण परिवर्तन से आप यूरिनरी इनकंटीनेंस की स्थिति में सुधार कर सकते हैं. आप एक डायरी में परेशानी से जुड़ी बातों से सुधार को रेगुलर रूप से लिख सकते हैं. रीनरी इन्कान्टनन्स में सुधार की ठीक स्थिति का पता लगाने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि नियमित रूप से परेशानी पर नजर रखें.

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