स्वास्थ्य

कोविड वैक्सीन से हृदय स्वास्थ्य पर नहीं होता है कोई नकारात्मक असर

कोरोना महामारी पिछले चार वर्ष से अधिक समय से स्वास्थ्य के लिए जोखिम बनी हुई है. भले ही इन दिनों अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संक्रमण की रफ्तार काफी नियंत्रित देखी जा रही है पर अध्ययनकर्ता कहते हैं, सभी लोगों को कोविड-19 के खतरों को लेकर लगातार सावधानी बरतते रहना चाहिए. कोरोनावायरस में लगातार म्यूटेशन जारी है जिसके कारण नए वैरिएंट्स के आने का जोखिम हमेशा बना हुआ है.

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हालांकि पूरे विश्व में व्यापक कोविड-19 टीकाकरण अभियान और प्राकृतिक संक्रमण से बनी हर्ड इम्युनिटी ने समय के साथ संक्रमण की गंभीरता में कमी ला दी है. Covid-19 वैक्सीन के कारण शरीर पर होने वाले असर को लेकर कुछ रिपोर्ट्स में बोला जा रहा था कि वैक्सीन के कारण दिल स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर हो सकता है, हालांकि बाद के अध्ययनों में इस दावे को खारिज कर दिया गया.

कोविड-19 वैक्सीन के प्रभावों को लेकर किए गए एक हालिया शोध में शोधकर्ताओं ने कहा कि वैक्सीन से दिल स्वास्थ्य पर कोई नकारात्मक असर नहीं होता है, बल्कि ये टीके हार्ट फेलियर के जोखिमों से सुरक्षा देने वाले पाए गए हैं.

कोविड-19 वैक्सीन का हार्ट पर असर

कोविड-19 वैक्सीन, कोविड-19 संक्रमण और इसके कारण होने वाले गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों से बचाने वाली मानी जाती रही है. अध्ययनकर्ता कहते हैं, वैक्सीन ले चुके लोग यदि संक्रमण के शिकार होते हैं तो उनमें हॉस्पिटल में भर्ती होने या मौत का खतरा कम होता है. Covid-19 वैक्सीन से होने वाले फायदों को जानने के लिए किए गए हालिया शोध में वैज्ञानिकों ने कहा है कि ये टीके हार्ट फेलियर होने के जोखिमों को भी कम करने में सहायक हो सकते हैं.

इंग्लैंड में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कहा जिन लोगों को COVID-19 टीके लगे हैं उनमें हार्ट फेलियर का जोखिम उन लोगों की तुलना में कम देखा जा रहा है, जिन्होंने टीका नहीं लगवाए हैं.

हार्ट जर्नल में प्रकाशित इस शोध की रिपोर्ट के अनुसार टीके लगवाने के एक वर्ष तक ये हार्ट को सुरक्षा देती हुई देखी जा रही है. वैक्सीनेशन के करीब 10-12 माह तक ये हृार्ट इंफ्लामेशन और रक्त के थक्कों को कम करने में मददगार पाई गई है.

लेखकों ने बताया, महामारी की शुरुआत से ही इस बात को लेकर काफी चर्चा होती रही है कि कोरोनावायरस से संक्रमितों में ब्लड क्लॉटिंग की परेशानी हो सकती है. अब इस अध्ययन में दावा किया गया है कि टीकों की सहायता से, कोविड-19 के इस गंभीर दुष्प्रभावों से बचाव किया जा सकता है.

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