सैफ हमला मामला : पुलिस की हर हरकत से रूबरू था आरोपी शहजाद
मुंबई : अदाकार सैफ अली खान पर हुए हमले के इल्जाम में अरैस्ट बांग्लादेशी नागरिक मोहम्मद शरीफुल इस्लाम शहजाद पुलिस की गतिविधियों पर बारीकी से नजर रख रहा था. आरोपी के मोबाइल टेलीफोन से पुलिस को संदिग्धों की फोटोज़ मिली हैं, जिन्हें बरामद कर लिया गया है.

पुलिस ने कहा कि आरोपी इन तस्वीरों और खबरों के माध्यम से पुलिस की गतिविधियों पर नजर रखता था. मोबाइल टेलीफोन से उन संदिग्धों की तस्वीर मिली है, जिन्हें पुलिस पूछताछ के लिए लेकर आती थी. आरोपी के मोबाइल टेलीफोन में न्यूज चैनल्स पर दिखाए जा रहे संदिग्धों के स्क्रीनशॉट भी मिले हैं. पुलिस ने संदिग्धों के स्क्रीनशॉट को बरामद कर लिया है.
बता दें, मुंबई पुलिस ने सैफ अली पर हुए हमले को लेकर पहले भी दो संदिग्धों को उठाया था और उनसे पूछताछ की थी. इन दोनों की शक्ल और कदकाठी मुख्य आरोपी से मिलती-जुलती थी.
अधिकारियों ने कहा कि आरोपी पुलिस की गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रहा था और खबरों के जरिए पुलिस की गतिविधियों की जानकारी हासिल कर रहा था. इस बीच, मुंबई पुलिस के सूत्रों ने कहा कि वे सैफ अली खान के बांद्रा स्थित घर पर अपराध सीन रीक्रिएट करने की प्रयास करेंगे. 30 वर्षीय बांग्लादेशी नागरिक आरोपी शहजाद को पुलिस ने रविवार सुबह ठाणे शहर से अरैस्ट किया था.
रविवार को ही न्यायालय ने आरोपी को पांच दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया. अधिकारी के मुताबिक, पुलिस शहजाद को इन पांच दिनों के दौरान खान के घर ले जाकर अपराध सीन रीक्रिएट करेगी.
कथित तौर पर आरोपी ने क्राइम कबूल करते हुए दावा किया कि “हां, मैंने ही किया है.” पुलिस सूत्रों के अनुसार, शहजाद को रविवार को मुंबई के बांद्रा क्षेत्र में खान के घर से करीब 35 किलोमीटर दूर ठाणे के कासरवदावली में हीरानंदानी एस्टेट के पास से अरैस्ट किया गया.
एक सूत्र ने कहा कि जैसे ही शहजाद को भनक लगी कि पुलिसकर्मी ठाणे में उसकी तलाश कर रहे हैं, आरोपी झाड़ियों में छिप गया. सूत्र ने कहा, “शहर में सात घंटे तक चले तलाशी अभियान के बाद उसे अरैस्ट किया गया.”
रविवार को डीसीपी दीक्षित गेदाम ने मीडिया को कहा कि शहजाद बांग्लादेशी नागरिक है. गेदाम ने कहा, “उसके पास कोई भारतीय डॉक्यूमेंट्स नहीं है. उसके पास मिली कुछ चीजों से पता चलता है कि वह बांग्लादेशी नागरिक है.” पुलिस ने यह भी बोला कि आरोपी पिछले चार महीनों से मुंबई में रह रहा था और उसने अपना नाम बदलकर विजय दास रख लिया था.

