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अभिनेता शाइनी आहूजा को बॉम्बे हाई कोर्ट से मिली बड़ी राहत

मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री की कई सुपरहिट फिल्मों में नजर आ चुके अदाकार शाइनी आहूजा को बॉम्बे उच्च न्यायालय से बड़ी राहत मिली है उच्च न्यायालय ने अभिनेता को 10 वर्ष के लिए अपना पासपोर्ट रिन्यू कराने की इजाजत दे दी है उन्हें 2011 में अपनी घरेलू नौकरानी से दुष्कर्म के इल्जाम में गुनेहगार ठहराया गया था और अभी वह जमानत पर बाहर हैं मुद्दे की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति अमित बोरकर की एकल पीठ ने बोला कि शाइनी, जिन्हें यहां की एक न्यायालय ने सात वर्ष कारावास की सजा सुनाई थी, 2011 में जमानत मिलने के बाद से न्यायालय की सभी शर्तों का पालन कर रहे हैं

आपको बता दें कि 48 वर्षीय अदाकार ने उच्च न्यायालय में अर्जी दाखिल कर बोला था कि अभी ऑफिसरों द्वारा उनका पासपोर्ट सिर्फ़ एक वर्ष की अवधि के लिए नवीनीकृत किया जा रहा है, जिसके कारण उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति बोरकर ने इस बात पर ध्यान दिया कि आहूजा की सजा के निलंबन की अपील के लंबित रहने के दौरान उनके प्रमुख यात्रा डॉक्यूमेंट्स को छह से अधिक मौकों पर नवीनीकृत किया गया है मुद्दे में सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने यह भी पाया कि अदाकार ने जमानत की किसी भी शर्त का उल्लंघन नहीं किया है पीठ ने बोला कि पासपोर्ट प्राधिकरण अपील लंबित होने के आधार पर दस वर्ष की अवधि के लिए पासपोर्ट के नवीनीकरण की मांग करने वाले आहूजा के आवेदन को खारिज नहीं करेगा और इसकी अनुमति देगा, बशर्ते वह दस्तावेज़ के नवीनीकरण के लिए पात्र हो

आपको बता दें कि जून 2009 में अदाकार की घरेलू सहायिका ने कम्पलेन दर्ज कराई थी कि अदाकार ने मुंबई स्थित अपने घर पर उसके साथ दुष्कर्म किया है 14 जून 2009 को अरैस्ट किए गए शाइनी को मार्च 2011 में एक ट्रायल न्यायालय ने भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार के लिए सजा) के अनुसार दंडनीय क्राइम के लिए गुनेहगार ठहराया था और सात वर्ष के सख्त जेल की सजा सुनाई थी इसके बाद उन्होंने सजा को निलंबित करने और जमानत पर रिहा करने की मांग करते हुए हाई कोर्ट में अपील दाखिल की, जिसके बाद हाई कोर्ट ने अप्रैल 2011 में उन्हें जमानत दे दी

प्रारंभ में, हाई कोर्ट ने अदाकार को विदेश यात्रा के लिए न्यायालय की अनुमति लेने के लिए बोला था, लेकिन बाद में ढील देते हुए उन्हें जरूरत के मुताबिक विदेश यात्रा की अनुमति दे दी उल्लेखनीय है कि निचली न्यायालय ने सबूतों के आधार पर अभिनेता को सजा सुनाई थी हालाँकि, शिकायतकर्ता मुकदमे के दौरान अपने बयान से मुकर गया था

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