इस छोटी सी काम से बेटे का बदल दिया किस्मत, रंग लाई पिता की ये मेहनत
कहते हैं कोई काम छोटा नहीं होता। यदि आप शिद्दत से उसे करते हैं तो कायनात भी सफल होने में आपकी सहायता करती है। अपनी मेहनत और लगन के बलबूते पर कन्नौज जिले के छिबरामऊ कस्बे में रहने वाले पुरुष ने मिट्टी से छोटा सा कारोबार प्रारम्भ किया। दो मशीनों के सहारे पिताजी मिट्टी के बर्तन बनाया करते थे। जिसमें दिवाली में दिए शामिल हुआ करते थे। वहीं अपने पिताजी की विरासत को पुरुष ने अपनी सोच मेहनत और लगन से आज उसे अलग मुकाम पर पहुंचा दिया है। जहां पर वह आज रोजगार लेने की बजाय रोजगार देने वाला बन गया है। चंद रुपयों से प्रारम्भ हुए इस यात्रा में अब लाखों का फायदा कमा रहे हैं।
एक छोटे से कमरे में पिताजी मिट्टी से बर्तन बनाया करते थे तो वहीं पुरुष ने समय के साथ बदलाव किया और आज एक बड़े से कारखाने में 30 मशीनों के सहारे करीब दो दर्जन से अधिक मजदूर अपने पास बना लिए और उत्तर प्रदेश सहित राष्ट्र के कई राज्यों में अपने इस कारोबार को पहचान दी की मिट्टी से भी एक बड़ा कारोबार किया जा सकता है। इस समय मिट्टी से बने डिजायनदार गिलास, कटोरी और प्लेट की काफी डिमांड बढ़ गई है। खासतौर पर शादी-विवाह, पार्टियों और सहालको में इन्हें अधिक पसंद किया जा रहा है। नगर में लगे एक मात्र कारखाने में बड़े पैमाने पर मिट्टी से बने इन बर्तनों को रात-दिन मेहनत कर कारीगर तैयार कर रहे हैं।
कई प्रदेशों में उनके प्रोडक्ट की डिमांड
नगर के गोपालनगर मोहल्ले के रहने वाले प्रत्यूष कुमार प्रजापति ने पहले मंडी समिति के पीछे छोटा सा कारोबार प्रारम्भ किया था। धीरे-धीरे उनकी पहल और मेहनत रंग लाई। आज उनके देखरेख में बनने वाले मिट्टी के डिजायनदार गिलास, प्लेट और कटोरी की काफी डिमांड बढ़ गई है। खासतौर पर सहालको में तो इनकी मांग और भी अधिक बढ़ जाती है। बढ़ती मांग को देखते हुए उन्होंने अब अपने कारोबार का विस्तारित कर दिया है। निगोह रोड पर उन्होंने काफी बड़ा कारखाना लगाया है। यहां काफी संख्या में मजदूर रात-दिन काम करते हैं।
युवाओं के लिए प्रेरणा
मिट्टी व्यवसायी प्रत्यूष ने कहा कि वह यह काम काफी वर्षों से कर रहे हैं उनके पिताजी ने दो मशीनों के सहारे यह छोटा सा काम चालू किया था। जिसको आज बढाकर उन्होंने एक कारखाने में परिवर्तित कर दिया है। आज उनके पास 30 मशीन हैं और 25 से अधिक मजदूर है। उनके घर के सभी लोग यह काम करते हैं जिससे उनकी आमदनी भी अच्छी खासी हो जाती है और साथ-साथ वह लोगों को रोजगार दे पाते हैं। इसके अतिरिक्त कई युवाओं को भी अपनी तरह स्टार्टअप करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
अब हो रहा लाखों का मुनाफा
उन्होंने कहा कि उनके यहां तैयार किए जाने वाले डिजायनदार गिलास, कटोरी, प्लेट जनपद में ही नहीं, प्रदेश के कई अन्य जिलों के अतिरिक्त प्रदेश के बाहर भी डिमांड है। डिजायनदार चाय का कुल्हड़ की मूल्य 1 रुपया है, दूध वाला गिलास 2 रूपया, लस्सी वाला गिलास 2.20 रूपया, कटोरी 2.50 रूपया, चाउमीन प्लेट 3 रुपया, चाय का कुल्हड़ चार डिजायनों में तैयार होता है। दूध का गिलास तीन और लस्सी का गिलास 2 डिजायनों में तैयार किया जाता है।