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मध्यम वर्गीय भारतीयों की औसत आय पिछले एक दशक में बढ़कर तकरीबन हुई तीन गुना

मध्यम वर्गीय हिंदुस्तानियों की औसत आय पिछले एक दशक में बढ़कर तकरीबन तीन गुना हो गई है एसबीआई रिसर्च की ताजा रिपोर्ट में यह दावा किया गया है आशा जताई गई है कि आने वाले ढाई दशक में मध्य वर्ग की औसत आय और बढ़ेगी रिपोर्ट के अनुसार वित्त साल 2012-13 में औसत आय 4.4 लाख रुपये थी, जो वित्त साल 2022 में बढ़कर 13 लाख रुपये हो गई वित्त साल 2022 के लिए रिटर्न भरने के लिहाज से महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान और पश्चिम बंगाल शीर्ष पांच राज्य रहे और कुल टैक्स रिटर्न फाइलिंग में इन राज्यों की हिस्सेदारी 48 फीसद रही

‘आईटीआर फाइलिंग में नए ट्रेंड्स की खोज: नए मध्य वर्ग का विकास’ नाम से जारी यह रिपोर्ट इनकम टैक्स रिटर्न के आधार पर तैयार की गई है इसमें पिछले 10 वर्ष के दौरान निम्न मध्य वर्ग के अधिक आय वाले ग्रुप में पहुंचने के बारे में विस्तार से कहा गया है वित्त साल 2011 में रिटर्न फाइल करने वाले 1.6 करोड़ लोगों में 84 फीसद पांच लाख तक की आय वाले थे वित्त साल 2022 में रिटर्न फाइल करने वाले कुल 6.85 करोड़ लोगों में केवल 64 फीसद इस आय के दायरे में थे रिपोर्ट में इन आंकड़ों की बारीकी से तुलना कर कहा गया है कि वित्त साल 2011 से 2022 के बीच 13.6 फीसद लोग लोअर इनकम के दायरे से बाहर निकल गए

आय बढ़ने के क्या मायने…

1. पहला यह कि कम आय वाले कई करदाता की आय अधिक हो गई है, लिहाजा औसत आय में बढ़ोतरी हुई है
2. दूसरा यह है कि जीरो टैक्सलाइबिलिटी वाला रिटर्न फाइल करने वाले लोगों की संख्या में गिरावट हुई है

मध्य वर्ग की परिधि में कौन

देश की आय के पिरामिड को चार पैमानों पर रखते हुए मापा गया है इसमें अमीरों की सालाना परिवारिक आय 30 लाख रुपये से ऊपर मानी गई है मध्यम वर्ग को 5 से 30 लाख रुपये के दायरे में रखा गया आकांक्षी लोगों की आय 1.25 से 5 लाख रुपये के बीच है और 1.25 लाख से नीचे आमदनी वाले परिवार को गरीब माना गया है आनें वाले सालों में अमीर, मध्य वर्ग और आकांक्षी वर्ग की संख्या में बढ़त का दावा किया गया है

वर्ष 2047 तक औसत आय 49.9 लाख होगी

एसबीआई रिसर्च का दावा है कि टैक्स देने वालों की औसत आय वित्त साल 2022 में 13 लाख रुपये से बढ़कर वित्त साल 47 में 49.9 लाख रुपये हो जाएगी यह कर दाखिल करने वालों की संख्या में बढ़ोतरी के कारण होगा, क्योंकि अधिक लोग निम्न आय ग्रुप से उच्च आय ग्रुप में आ जाएंगे

कार्यबल में इजाफा

वित्त साल 2023 में राष्ट्र में कार्यबल (वर्कफोर्स) 53 करोड़ था, जो 2047 में 72.7 करोड़ हो जाएगा वित्त साल 2023 में कर देने वाले लोगों की हिस्सेदारी 22.4 फीसद थी, जो 2047 तक बढ़कर 85.3 फीसद हो जाएगी रिपोर्ट के अनुसार वित्त साल 2047 तक जीरो टैक्स रिटर्न दाखिल करने वाले लोगों की संख्या में भी 25 फीसद की गिरावट आएगी

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