Stock Market: घरेलू शेयर बाजार में सतर्क शुरुआत के साथ निवेशकों की बढ़ती उम्मीदें
Stock Market: सप्ताह की शुरुआत भारतीय शेयर बाजार के लिए हल्की सकारात्मक रही। सोमवार को बाजार ने ऐसे माहौल में ट्रेडिंग शुरू की, जब निवेशकों के बीच नई ऊंचाइयों को लेकर उत्साह तो दिखा, लेकिन वैश्विक दबाव (Global pressure) के कारण सतर्कता भी साफ नजर आई। शुरुआती रुझान यह संकेत देते हैं कि बाजार अभी भी स्थिर गति के साथ आगे बढ़ने की कोशिश में है और ट्रेडर्स का ध्यान उन आर्थिक संकेतकों पर टिका है जो आने वाले दिनों में बाजार की दिशा तय कर सकते हैं

निफ्टी और सेंसेक्स में शुरुआती मजबूती
सत्र के पहले ही घंटे में निफ्टी 50 ने 26,122.80 के स्तर पर खुलते हुए लगभग 0.21% की बढ़त दर्ज की। इसके साथ ही BSE सेंसेक्स ने भी हल्की मजबूती दिखाई और 85,320.04 पर खुला। यद्यपि बढ़त सीमित रही, लेकिन दोनों प्रमुख इंडेक्स सितंबर 2024 में बने अपने सर्वकालिक उच्च स्तरों (all-time high levels) के बेहद करीब पहुंचते हुए दिखे। यह संकेत है कि बाजार अभी भी सकारात्मक दिशा में बढ़ने की क्षमता रखता है।
वैश्विक दबाव के बीच भारतीय बाजार की स्थिरता
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय इक्विटी बाजार अपनी मजबूत स्थिति बनाए हुए है। विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों का प्रभाव भारतीय बाजार पर भी पड़ सकता है, विशेषकर तब जब अमेरिकी नीति निर्धारण और नए टैरिफ से जुड़े फैसले सामने आएंगे। इन वैश्विक कारकों (Global factors) के बीच निवेशकों की धारणा अभी स्थिर बनी हुई है, लेकिन सतर्कता बरकरार है।
रुपये की कमजोरी और उसके बाजार पर प्रभाव
मार्केट विश्लेषकों ने हाल ही में रुपये की कमजोरी पर चिंता जताई है। डॉलर के मुकाबले रुपया 89 के स्तर से नीचे जाने के बाद गिरावट का दबाव बढ़ा, जिससे आयात-आधारित उद्योगों पर स्पष्ट असर पड़ा। विशेषज्ञों का कहना है कि विदेशी पोर्टफोलियो प्रवाह की सुस्ती और केंद्रीय बैंक की निष्क्रियता ने भी सेंटिमेंट (Sentiment) को प्रभावित किया। रुपया कमजोर होने से बाजार में हल्की दहशत देखी गई, जिसका प्रभाव इंडेक्स के मूवमेंट पर भी दर्ज हुआ।
एशियाई बाजारों की सकारात्मक चाल
एशियाई शेयर बाजारों ने सप्ताह की शुरुआत मजबूत संकेतों के साथ की, जिसने भारतीय बाजार में भी सकारात्मकता का वातावरण बनाया। हांगकांग का हैंग सेंग 1.4% की बढ़त के साथ उछला, जबकि दक्षिण कोरिया का KOSPI भी 1% से ऊपर चढ़ गया। ताइवान वेटेड इंडेक्स में भी करीब 0.9% की तेजी देखी गई। जापान का निक्केई 225 अवकाश के कारण बंद रहा, लेकिन अन्य एशियाई बाजारों की मजबूती ने वैश्विक ट्रेडिंग सेंटिमेंट को सहारा दिया।
निवेशकों के लिए आगे की चुनौतियाँ और अवसर
चल रहे कारोबारी माहौल में निवेशकों के लिए अवसर भी हैं और जोखिम भी। वैश्विक घटनाक्रम, (global events) फेडरल रिजर्व की नीतियां, अमेरिकी आर्थिक संकेतक, और घरेलू मुद्रा की चाल—ये सभी आने वाले दिनों में बाजार की गति को प्रभावित कर सकते हैं। विशेषज्ञों की राय है कि अल्पकालिक उतार–चढ़ाव के बावजूद भारतीय बाजार मध्यम और दीर्घकाल में मजबूत प्रदर्शन करने की क्षमता रखता है।



